ऐसे रखें दिल को चुस्त-दुरुस्त

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व्यस्ततापूर्ण दिनचर्या, अनियमित खानपान, तनाव, श्रमहीन और विलासिता पूर्ण जीवन जीना, यह पांच महाशत्रु वैसे तो रोगों की जड़ है, हृदय के विभिन्न रोग और रक्त चाप की समस्या भी इन्हीं पांच सेहत के दुश्मनों की ही देन है। हृदय को शक्तिशाली बनाने और रक्तचाप से बचाव के लिए क्या आहार लें क्या सजगता रखें, इस विषय पर बहुत ही ज्ञानवर्धक और सरल, सहज जानकारी श्रीनाथ चिकित्सालय भगवतदास घाट सिविल लाइंस कानपुर की मुख्य चिकित्सक डा. रजनी पोरवाल ने दी है।

जरूर ध्यान दीजिए : उच्च रक्तचाप और अनियमित दिल की धड़कने सर्दी के मौसम में हार्टअटैक ब्रेन स्ट्रोक या अन्य जानलेवा हृदय रोगों का कारण बन जाती है। भोजन में नमक की ज्यादा मात्रा अधिक वजन, धूम्रपान शराब का सेवन भी हृदय रोगों व रक्तचाप के लिए घातक माना जाता है।

जानिए रक्तचाप क्या है : हृदय द्वारा पम्प किए गए शुद्ध रक्त को धनमियां शरीर के अन्य भागों तक ले जाती है। इसके बाद अशुद्ध खून को अन्य रक्त को अन्य रक्त वाहिकाएं हृदय तक वापस लेकर आती हैं। हृदय द्वारा खून को पम्प किए जाने पर रक्त वाहिकाओं में उत्पन्न दबाव को ही रक्तचाप कहते हैं। रक्तचाप को पारे के मिली मीटर एमएम/एचजी में मापा जाता है। जब हृदय रक्त को बाहर निकालने के लिए धड़कता है तब रक्त का दबाव सिस्टोमिक यानी ऊपर वाला रक्त चाप कहलाता है। जब दिल की दो धड़कनों के बीच हृदय आराम की स्थिति में होता है तो उसे डायस्टोमिक यानी नीचे वाला रक्त चाप कहते हैं। 130/80 एमएस/एचजी रक्तचाप को आदर्श समझा जाता है।

अच्छी आदतें सच्ची मित्र : समय पर सोना, समय पर जागना, समय पर नाश्ता खाना लेना, आरामदायक वस्त्र पहनना, भरपूर पानी पीना फाइबर युक्त अन्न और ताजे फलों गाजर, टमाटर का ताजा रस अच्छी सेहत की आधारशिला है।

ऐसे करें दिन की शुरूआत : रक्तचाप और हृदय रोगों से बचाव के लिए प्रात: सूर्योदय के पूर्व सोकर उठें। शौच आदि से निवृत्त होकर दस मिनट तक योगासन, पांच मिनट का हार्ट फुलनेस ध्यान का प्रारंभिक सोपान आपके सोच में जबर्दस्त सकारात्मकता, उत्साह और निर्णय लेने की क्षमता में जबर्दस्त वृद्धि करेगा। मानसिक तनाव से उलझना नहीं बल्कि सहज रूप से उससे छुटकारा पाना ही श्रेष्ठ है। बिस्तर पर चाय पान मसाला, बीड़ी सिगरेट का सेवन जहरतुल्य है।

आलस्य और विलासिता बड़े दुश्मन : आलस्य और विलासिता आपके अच्छे स्वास्थ्य एवं लंबी उम्र का स्पीड ब्रेकर है। श्रम करने में शरमाएं नहीं, विलासिता की चीजों का दुरूपयोग न करें या दूसरों को दिखाने को उन पर अपनी बादशाहत कायम करने के लिए विलासिता की चीजों का अनावश्यक प्रयोग सेहत के लिए खराब है। दिखावा करने वाले मार्निंग वाक से निरोगता प्राप्त होना कठिन है। हमें अपने अच्छे स्वास्थ्य के लिए बढ़ती उम्र के रोगों से बचाव के लिए ईमानदारी से कदम उठाने चाहिए।

भोजन में इन्हें शामिल करें : आहार में नींबू शामिल करें। इसका विटामिन सी और एंटी आक्सीडेंट रक्तचाप को काबू में रखता है। दाल या सब्जी में नींबू निचोड़कर खाने से एसिडिटी और गैस से बचाव करता है। प्रोटीन कैल्शियम विटामिन बी6 बी 12 से भरपूर दही हृदय के लिय रामबाण है। कच्चे लहसुन की दो चार कलियां हृदय व रक्तचाप के रोगों को नियंत्रण में रखती है। सहजन की सूखी पत्तियों का 5 से 10 ग्राम चूर्ण प्रात: खाली पेट पानी से लेना हृदय रोगों, जोड़ों का दर्द और इम्युनिटी बढ़ाने का सबसे अच्छा साधन है। अलसी या तीसी को भूनकर उसका पाउडर दूध के साथ लेने से जो लाभ मिलते हैं, उन्हें शब्दों में कहना कठिन है। यह बुढ़ापे पर ब्रेक रोगों से बचाव व शरीर में दुख दे रही बीमारियों को खदेड़ कर अच्छा स्वास्थ्य देता है। अदरक और तुलसी की पत्ती का रस भी हृदय को बल देकर रक्तचाप को बेकाबू होने से रोककर जीवन की रक्षा करता है।

बाजरा है सुपर फूड : सर्दी में बाजरा का आटा श्रेष्ठ सुपर फूड है। इसमें गेहूं की तुलना में एक तिहाई कैलोरी होती है किन्तु प्रोटीन कार्बोहाइड्रेट और भरपूर फाइबर के साथ फालेट आयरन मैग्नीशियम नियासिन थियासिन फास्फोरस जिंक और अनेक विटामिनों का बेहतरीन श्रोत है। बाजरा ग्लूटेन फ्री होता है। इसके एंटीआक्सीडेंट, पालीफेनाल्स और फाइटो केमिकल हृदय रोगों और रक्तचाप से बचाव का सशक्त हथियार है। आयुर्वेद दृष्टि से भी बाजरा शरीर के तापक्रम का नियमन करके सर्दी ठंड ज्यादा लगना जैसी समस्याओं से रक्षा करता है।