भारत दुनिया का तीसरा सबसे बड़ा पुस्तकों का प्रकाशक

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विश्व पुस्तक मेला 2021 के वर्चुअल संस्करण का उद्घाटन

प्रोफेसर गोविंद प्रसाद शर्मा ने कहा कि भारत दुनिया का तीसरा सबसे बड़ा पुस्तकों का प्रकाशक है। उन्होंने कहा, यह हमारी प्राथमिकता है कि इन पुस्तकों के माध्यम से हम ऐसी सामग्री का उत्पादन करें जो हमारी समृद्ध संस्कृति और परंपराओं को कहीं आगे ले जाए। श्री शर्मा ने कहा कि इस वर्ष के नई दिल्ली विश्व पुस्तक मेले की विषय-वस्तु विभिन्न आयु समूहों के लिए प्रकाशन के माध्यम से राष्ट्रीय शिक्षा नीति के कार्यान्वयन की गतिशीलता पर चर्चा करना है।

केंद्रीय शिक्षा मंत्री रमेश पोखरियाल ‘निशंक’ ने नई दिल्ली विश्व पुस्तक मेला – 2021 के वर्चुअल संस्करण का उद्घाटन किया। इस अवसर पर शिक्षा मंत्री ने सराहना करते हुए कहा कि ‘राष्ट्रीय शिक्षा नीति -2020′ नई दिल्ली विश्व पुस्तक मेले 2021 की थीम है। राष्ट्रीय शिक्षा नीति के बारे में केंद्रीय मंत्री ने कहा कि, यह दुनिया का सबसे बड़ा सुधार बनकर उभरा है, जो भारत को न केवल नॉलेज हब के रूप में विकसित करेगा, बल्कि शिक्षार्थियों को आदर्श और वैश्विक नागरिक बनाने में भी मदद करेगा। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के उद्धरण ‘जो पढ़ता है, वह राष्ट्र का नेतृत्व करता है’ शिक्षा मंत्री ने कहा कि जो पढ़ने, लिखने और सोचने की क्षमता रखता है, वह किसी भी क्षेत्र में नेतृत्व कर सकता है।

शिक्षा मंत्री ने राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 के कार्यान्वयन नीति के तहत एनबीटी द्वारा प्रकाशित 17 द्विभाषी शीर्षक भी लॉन्च किए। ये शीर्षक एनईपी-2020 के दिशानिर्देशों के अनुसार बच्चों के लिए द्विभाषी संस्करण श्रृंखला के तहत द्विभाषी प्रारूप में प्रकाशित किए गए हैं, जिसका उद्देश्य बच्चों के लिए पूरक पठन सामग्री का निर्माण करना है ताकि वे देश के बहुभाषी माहौल के अनुकूल बन सकें।

राष्ट्रीय पुस्तक न्यास के निदेशक युवराज मलिक ने कहा कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति -2020 के रूप में नई दिल्ली विश्व पुस्तक मेला-2021 की विषय-वस्तु नई शिक्षा नीति की दृष्टि से पुस्तक पढ़ने की संस्कृति को आत्मसात करने को समर्पित है। उन्होंने कहा कि, नई दिल्ली विश्व पुस्तक मेला -2021 के माध्यम से एनबीटी नई शिक्षा नीति पर चर्चा करने के लिए 20 से अधिक वेबिनार, सेमिनार और सम्मेलन आयोजित करेगा। श्री मलिक ने यह भी कहा कि राष्ट्र के ज्ञान भागीदार के रूप में, ज्ञान सृजन के साथ-साथ ज्ञान के प्रसार के लिए भी कदम उठाना एनबीटी की जिम्मेदारी है।