गुणकारी अजवाइन का उपयोग करें, मोटापा से छुटकारा पाएं

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सदियों से अजवाइन के गुणों और उपयोग से भारतीय जनमानस परिचित है। अजवाइन का बदलते मौसम में स्वास्थ्य एवं विभिन्न बीमारियों और समस्याओं के निदान के लिए किस प्रकार से क्या उपयोग हो सकता है। इस विषय पर श्रीनाथ आयुर्वेद चिकित्सालय भगवत दास घाट रोड सिविल लाइंस कानपुर की मुख्य चिकित्सक डॉ रजनी पोरवाल ने महत्वपूर्ण जानकारी दी है।

घर में अजवाइन के गमले लगाइए : अजवाइन के पौधे छोटे किंतु लाभ की दृष्टि से बड़ा करामाती होते हैं। यह घर के पर्यावरण की दृष्टि से बहुत महत्वपूर्ण है। अशुद्ध वायु को शुद्ध करने के साथ साथ घर परिवार में प्रकार के संक्रामक रोगों से बचाव में सुरक्षा का कवच बन जाते हैं और पत्ते किचन की शोभा बंन कर पोस्टिक हरी सब्जी के रूप में इस्तेमाल किए जाते हैं।

कैसे बोए गमले : पानी में 24 घण्टे अजवाइन को भिगो दें। भीगी अजवाइन को गीले सूती कपड़े में बांधकर लटका दें। 12 से 24 घंटे में अंकुरण हो जाता है। इस अंकुरित अजवाइन को गमलों में बो दीजिए। चार-पांच दिन में गमले में पौधे का अंकुरण और फिर छोटा सा पौधा दिखता है, जो 3 से 4 सप्ताह में अजवाइन का पूर्ण पौधा बन जाता है।

कीट पतंगे विषैले जंतुओं को दूर भगाए : घर में अजवाइन के चार पांच गमले रखें… घर के दरवाजे के पास जरूर रखें। अजवाइन का पौधा जहरीले कीड़े मक्खी मच्छर के साथ-साथ जीवन को नुकसान पहुंचाने वाले विषैले जीव जंतुओं को भी अपनी गंध से बेचैन कर देता है। फल स्वरूप विषैले जीव जंतु कीड़े मकोड़े घर में प्रवेश नहीं करते है, और घर में छिपे हुए कीटाणु कीड़े मकोड़े मर जाते हैं।

अजवाइन के पत्तों के घरेलू उपयोग : दांत दर्द होने पर अजवाइन के दो से तीन पत्ती खूब चवाएं और उंगली से मसूड़ों की कोमल कोमल मालिश 5 से 10 मिनट तक करें। उसके 10 मिनट बाद नमक मिले गर्म पानी से कुल्ला करें। मुंह से बदबू, मसूड़ों की सूजन और दांतों में दर्द से राहत मिलती है। दांत मजबूत और मसूड़े शक्तिशाली हो जाते हैं।
गर्मियों के उल्टी दस्त गर्मियों में एसिडिटी उल्टी दस्त या कब्ज और गैस की शिकायत से बचने के लिए 4-5 पत्ती अजवाइन की चबा चबा कर खा ले। ऊपर से भुनी हींग, काला नमक, व आधा नींबू आधा गिलास गर्म पानी में मिलाकर पी लें, बहुत फायदा होगा।

बहुमूत्र : यानी दिन और रात में अनेकों बार पेशाब जाने की शिकायत होने पर 5 या 6 पत्ती अजवाइन थोड़े से गुड़ के साथ सुबह और शाम को खाने से बहुत फायदा मिलता है। इसके तुरंत बाद पानी ना पिए।

पित्ती उछलना: जिन्हें पित्ती बहुत निकलती है। पूरे शरीर में बड़े-बड़े ददौड़े और खुजली जीना हराम कर दे। वह अजवाइन की कुछ पत्तियां सुबह खाली पेट चबा चबाकर खाएं। अजवाइन गेरू को पीसकर कड़वे तेल में मिलाकर प्रभावित अंगों पर लगा ले और आधा घंटे तक हवा से बचाव रखें। तुरंत लाभ होगा। नियमित रूप से यह प्रयोग करने से कुछ ही दिन में यह बीमारी जड़ से ठीक हो जाती है।

गर्मी की खांसी: ये जानलेवा होती है, भयंकर खांसी और सांस फूलने से बचाव के लिए अजवाइन, तुलसी, मुलेठी और बहेडा का छिलका बराबर मात्रा में लेकर पाउडर बनाकर रख लें। एक चम्मच पाउडर को एक गिलास पानी में सेंधा नमक व गुड़ डालकर खूब उबाले। जब आधा बचे तो छानकर चाय की तरह घुट घुट कर के पी ले। सुखी खांसी जो सांस को बेलगाम कर देती है, ठीक हो जाती है।

मोटापा: को मोम की तरह पिघलाने के लिए चार पांच पत्ते अजवाइन की एवम् अजवाइन से दुगना मात्रा में पुदीना पत्ती दो गिलास गर्म पानी में डालकर इतना उबालें कि पानी एक गिलास बचे। अब इसे घुट घुट कर के पी लें और पंखा बंद करके किसी कमरे में बैठ जाएं। पसीना जितना निकलेगा उतना ही पेट तोंद, थाई और हिप्स की चर्बी कम होगी। यह काढ़ा पीने के बाद आधा घंटा तक योगासन या व्यायाम करने से बहुत फायदा होता है।

घमौरी का करें खात्मा: पूरी पीठ में घमौरी व जलन के साथ खुजली अक्सर गर्मियों में दुख देती है। इससे बचने के लिए अजवाइन की पत्तियों को पीसकर मुल्तानी मिट्टी और दही मिलाकर मोटा मोटा लेप पीठ पर करें और आधे घंटे बाद ताजे पानी से स्नान करें, बहुत फायदा होगा।