गांवों के पंचायत भवन, सामुदायिक केन्द्र बने कोरेंटीन सेंटर

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लखनऊ। योगी सरकार गांव-गांव में क्वारंटीन सेंटरों को बनाकर कोरोना संक्रमित रोगियों को अपने ही गांव में स्वस्थ होने की सुविधा दे रही है। कोविड मरीजों को अपने गांव से बाहर जाने की जरूरत नहीं पड़ रही है। ग्राम पंचायत भवनों, विद्यालयों और सामुदायिक केन्द्रों में बनाए गये क्वारंटीन सेंटरों पर ऐसे रोगियों के लिये इलाज के साथ भोजन भी दिया जा रहा है।

सरकार मेडिकल किट भी रोगियों को दे रही है। डॉक्टरों, हेल्थ स्टॉफ और वॉलेंटियर उनकी लगातार निगरानी की जिम्मेदारी संभाल रहे हैं। गांव में जिन लोगों में कोरोना के लक्षण हैं अगर उनके घर में आईसोलेट होने की सुविधा नहीं है तो वे इन क्वारंटीन सेंटरों पर जाकर अपना इलाज करा रहे हैं। घर पर आईसोलेट मरीजों को उनके दरवाजे तक दवाईयां पहुंचाई जा रही है।

कोरोना से बचाव के लिये सरकार गांवों में तेजी से इलाज की सुविधा बढ़ा रही है। इसके लिये पंचायत भवनों, विद्यालयों, सामुदायिक केन्द्रों को क्वारंटीन सेंटर बनाया गया है। कोविड से रोकथाम के लिये यह स्थान प्लेटफार्म की तरह काम कर रहे हैं। इन स्थानों पर कोरोना से संबंधित जांच और इलाज के लिए भी संसाधनों की चाक-चौबंद व्वयस्था बनी रहे इसके लिये भी अधिकारियों की टीमों को जुटाया गया है। सरकार के दमदार कोविड मैनेजमेंट और गांव-गांव तक कोरोना से बचाव की तैयारी करके दूसरी वेव को नियंत्रित करने में सफलता मलने लगी है।

60589 निगरानी समितियों के चार लाख सदस्य ‘मददगार’ की निभा रहे भूमिका : गांवों में कोराना के खिलाफ योगी सरकार की सक्रीयता का असर है कि दूसरी वेव को नियंत्रित करने में बड़ी सफलता मिल रही है। निगरानी समितियों के 4 लाख सदस्य गांवों में घर-घर दस्तक दे कर न सिर्फ लोगों को जागरूक कर रहे हैं, बल्कि कोरोना के लक्षण वाले मरीजों की टेस्टिंग कर मुफ्त मेडिकल किट भी उपलब्ध करा रहे हैं। इतनी बड़ी संख्या में निगरानी समितियों की तैनाती करने वाला यूपी देश का पहला राज्य बना है।