यूपी में कन्या सुमंगला योजना से एक लाख लड़कियों को जोड़ा

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लखनऊ। प्रदेश की 24 करोड़ से अधिक आबादी को सामाजिक सुरक्षा प्रदान करना योगी सरकार की प्राथमिकता सूची में सबसे ऊपर है। इसी क्रम में मुख्यमंत्री ने मुफ्त राशन जारी रखने और कन्या सुमंगला जैसी योजनाओं के तहत एक लाख से अधिक नए लाभार्थियों को जोड़ने सहित कई उपाय किए।

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की कन्या सुमंगला योजना से बालिकाओं का पूर्ण कल्याण सुनिश्चित करते हुए अब तक डीबीटी के माध्यम से उत्तर प्रदेश में 13.68 लाख से अधिक लड़कियों को लाभान्वित किया गया है। पिछले 100 दिनों में राज्य सरकार की प्रमुख योजना के तहत एक लाख से अधिक नई लड़कियों को जोड़ा गया है। यह योजना प्राथमिक, उच्च प्राथमिक, माध्यमिक और उच्च शिक्षा में पढ़ने वाली छात्राओं को प्रमुख रूप से लाभान्वित कर रही है।

मुख्यमंत्री सामूहिक विवाह योजना के तहत दूसरे कार्यकाल में 14,085 जोड़ों का विवाह हो चुका है। अब तक कुल 2.82 लाख जोड़ों का विवाह हो चुका है और उन्हें अनुदान दिया गया है। महिलाओं को सशक्त बनाने के लिए 82,520 स्वयं सहायता समूहों को रिवाल्विंग फंड और सामुदायिक निवेश कोष के रूप में 400 करोड़ रुपये दिया गए हैं।

मुख्यमंत्री बाल सेवा योजना (कोविड और सामान्य) योजना के सुचारू क्रियान्वयन और निगरानी के लिए एमआईएस पोर्टल तैयार किया गया था। सामाजिक सुरक्षा पेंशन के तहत वृद्धावस्था पेंशन के 2.25 लाख नए और निराश्रित महिला पेंशन के 6,683 नए लाभार्थी योजना से जुड़े। अब तक कुल 98.28 लाख पेंशनभोगी लाभान्वित हो रहे हैं।

प्रदेश सरकार द्वारा लगभग 150 नये आंगनबाडी केन्द्र स्थापित किये गये जबकि 199 आंगनबाडी केन्द्रों के निर्माण की स्वीकृति प्रदान की गयी। जन प्रतिनिधियों और अधिकारियों ने 6,591 आंगनवाड़ी केंद्रों को गोद लिया है। राज्य में कोई भूखा न सोए, यह सुनिश्चित करने के लिए सरकार की पहली कैबिनेट में पीएमजीकेएवाई के तहत दिए जा रहे राशन के अलावा 15 करोड़ परिवारों को मुफ्त राशन की सुविधा राज्य सरकार ने तीन महीने के लिए बढ़ा दी थी।

ग्राम पंचायतों को खाद्यान्न खरीद योजना में एकीकृत किया गया और डोर स्टेप डिलीवरी की व्यवस्था की गई। उचित मूल्य की दुकानों को कॉमन सर्विस सेंटर के रूप में अधिकृत करने की दिशा में भी प्रयास शुरू किए गए हैं। उल्लेखनीय है कि पिछले 5 वर्षों से अधिक समय में सरकार द्वारा शुरू किए गए जन कल्याणकारी सुधारों का लाभ मिल रहा है और विकास की अंतिम सीढ़ी पर बैठे लोगों को भी लाभ मिल रहा है।