मुन्नार हिल स्टेशन : सौन्दर्य की निराली छटा

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भारत ही नहीं दुनिया के पर्यटकों का लुभावना स्थल दक्षिण भारत के केरल का मुन्नार हिल स्टेशन है। केरल का ‘मुन्नार हिल स्टेशन” अपनी आगोश में सौन्दर्य का अनुपम खजाना छिपाये है। सौन्दर्य के इस अनुपम खजाना को देखने एवं एहसास करने देश-दुनिया के पर्यटक ‘मुन्नार हिल स्टेशन” खींचे चले आते हैं। शायद यही कारण है कि प्राकृतिक सौन्दर्य पर नजर दौड़ायें तो केरल का पर्यटन क्षेत्र भी शीर्ष पर दिखता है। केरल का ‘मुन्नार हिल स्टेशन” समुद्र तल से करीब सोलह सौ मीटर शीर्ष पर है।

वस्तुत: ‘मुन्नार हिल स्टेशन” तीन पर्वत श्रंखला का अनुपम संगम है। मुथिरपुझा, नल्लथन्नी एवं कुण्डल पर्वत श्रंखलाओं के संगम का स्थल ‘मुन्नार हिल स्टेशन” प्राकृतिक सौन्दर्य का एक सुन्दर आयाम है। दक्षिण भारत के पूर्व ब्रिाटिश शासन का ‘मुन्नार हिल स्टेशन” ग्रीष्मकालीन रिजार्ट हुआ करता था। ‘मुन्नार हिल स्टेशन” के चौतरफा खुशबू-सुगंध का सुखद एहसास होता है। ‘मुन्नार हिल स्टेशन” की यह सुगंध मन-मस्तिष्क, दिल-ओ-दिमाग को एक ताजगी एवं चैतन्यता देती है। इस हिल स्टेशन के चौतरफा चाय बागान की हरितिमा दिखती है। छोटी-छोटी नदियां, झरने सुखद आनन्द की अनुभूति करातेे हैं।

ट्रैकिंग एवं माउंटेन बाइकिंग के लिए यह हिल स्टेशन आदर्श स्थान माना जाता है। वादियों का वास्तविक आनन्द इस हिल स्टेशन पर मिलता है। हिल स्टेशन का दायरा करीब अस्सी हजार वर्ग किलोमीटर तक फैला है। यह क्षेत्र इड्डुकी जिला के तहत आता है। ‘मुन्नार हिल स्टेशन” क्षेत्र में चाय संग्रहालय भी हैं। हिल स्टेशन में दुलर्भ वन्य जीवन को भी आसानी से देखा जा सकता है।

मट्टूपेट्टी
मट्टूपेट्टी पिकनिक मनाने के लिए सर्वथा उपयुक्त स्थान है। मट्टूपेट्टी झील एवं बांध सैर सपाटा के लिए बेहद आकर्षक हैं। झील में पर्यटकों के लिए नौकायन की व्यवस्था है। जिससे पर्यटक जलक्रीड़ा का आनन्द ले सकें। मट्टूूपेट्टी का विशिष्टकृत डेयरी फार्म खास प्रसिद्ध है। इस इलाके का वन क्षेत्र पक्षियों के लिए घर जैसा है। पक्षियों का कोलाहल-कलरव एक विशिष्ट आनन्द प्रदान करता है। कर्णप्रिय भी लगता है।

इरावीकुलम राष्ट्रीय उद्यान
इरावीकुलम राष्ट्रीय उद्यान हालांकि मुन्नार से करीब पन्द्रह किलोमीटर दूर स्थित है लेकिन उद्यान का भ्रमण अवश्य करना चाहिए। उद्यान के दक्षिणी क्षेत्र में अनामुडी चोटी है। उद्यान में खास तौर से नीलगिरी एवं जंगली बकरों का समूह दिखता है। वर्ष 1975 में इस अभ्यारण घोषित किया गया था। विलक्षण एवं विशिष्ट वनस्पतियों एवं जंतु विचरण क्षेत्र के महत्व को देखते हुये वर्ष 1978 में राष्ट्रीय उद्यान घोषित कर दिया गया। करीब सौ वर्ग किलोमीटर के दायरे में फैले इरावीकुलम राष्ट्रीय उद्यान सुन्दरता के लिए मशहूर है। लहरदार पर्वत श्रंखला के चहुंओर बादलों का उमड़ना-घुमड़ना बेहद रोमांचकारी लगता है।

अनामुडी शिखर
अनामुडी शिखर भी पर्वतीय सौन्दर्य का प्रतीक है। विशेषज्ञों की मानें तो दक्षिण भारत का यह शीर्ष-शिखर पर्वत है। वह पर्वत 2700 मीटर से भी ऊंचा है। शिखर पर यात्रा करने के लिए प्रबंधन से अनुमति लेनी होती है। दिशा निर्देशों के अनुसार ही पर्यटक यात्रा कर सकते हैं।

पल्लिवासल
पल्लीवासल केरल का एक हाइड्रो इलेक्ट्रिक परियोजना स्थल है। प्राकृतिक सौन्दर्य से परिपूरित यह स्थल पिकनिक का सर्वथा आनन्ददायक स्थान है। मौसम कोई भी हो, यहां पर्यटकों की आवाजाही लगी ही रहती है।

चिन्नकनाल
चिन्नकनाल वॉटर फॉल्स है। वॉटर फॉल्स एक खड़ी पत्थर की चट्टान है। समुद्र तल से करीब दो हजार मीटर से पानी का झर-झर गिरना देख कर एक विशिष्ट रोमांच सा होता है। यह क्षेत्र पर्वत श्रेणियों से अतिसमृद्ध है।

मुन्नार हिल स्टेशन की यात्रा के लिए रेल मार्ग के साथ ही सड़क मार्ग एवं हवाई सेवा भी उपलब्ध है। मुन्नार का निकटतम रेलवे स्टेशन तेनी है। यह मुन्नार से करीब 60 किलोमीटर दूर है जबकि एक अन्य रेलवे स्टेशन एर्नाकुलम करीब एक सौ बीस किलोमीटर दूर है। चेंगनचेरी रेलवे स्टेशन करीब 93 किलोमीटर दूर है। हवाई यंात्रा के लिए निकटतम एयरपोर्ट कोचीन है। कोचीन हवाई अड्डा करीब 190 किलोमीटर दूर है जबकि मदुरई हवाई अड्डा 140 किलोमीटर दूरी पर है।