एमटीएआर आईपीओ निवेश के लिए अच्छा

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# दिग्गज अमेरिकी कंपनी ब्लूम एनर्जी एमटीएआर की बड़ी ग्राहक # 3 मार्च को खुलेगा आईपीओ #

प्रिसीज़न इंजीनियरिंग उद्योग में बहुत अच्छी गुडविल रखने वाली एमटीएआर (एमटीएआर टेकनाॅलाॅजीज़ लि.) प्रति शेयर 574-576 रु.मूल्य पर निवेशकों से कुल 596 करोड़ रु. जुटाने के उद्देश्य से 3 मार्च को अपना आईपीओ लाएगी। न्यूनतम 26 शेयरों के लिए 14950 रु.भुगतान और अधिकतम 338 शेयरों के लिए 194350 रु. के भुगतान के साथ खुदरा (आम अर्थात छोटे निवेशक) आवेदन कर सकेंगे। कुल में से 35 फीसद शेयर खुदरा निवेशकों को एलाॅट किए जाएंगे।

कंपनी कुल 10372419 शेयर एलाॅट करेगी। इनमें से 123.52 करोड़ रु. के नए शेयर (फ्रेश) और 472 करोड़ रु. के शेयर प्रमोटरों और निवेशक (पहले के) द्वारा ‘आॅफर फाॅर सेल’ के तहत बिक्री किए जाने वाले हैं। निवेशकों को इन शेयरों का एलाॅटमेंट 10 मार्च को और स्टाॅक एक्सचेंजों में 16 मार्च को लिस्ट कराया जाएगा।

पृष्ठभूमि: पार्टनरशिप फर्म के तौर पर स्व. पी रवींद्र रेड्डी, स्व.के सत्यनारायण रेड्डी, जयप्रकाश रेड्डी ने 1970 में मशीन टूल्स एड्स ऐंड रिकंडीशनिंग नाम से हैदराबाद, तेलंगाना (पूर्व में आंध्र) में स्थापित की। साल 1999 में एमटीएआर प्रा.लि. और 2020 नवंबर में पब्लिक लि. किया गया।

क्या करती है कंपनी: जटिल प्रिसीज़न इजीनियरिंग उत्पाद बनाती है, खासकर आयात विकल्प।

प्रमुख ग्राहक: क्लीन एनर्जी की शीर्ष अमेरिकी कंपनी ब्लूम एनर्जी (सालाना कारोबार 5.5 लाख करोड़ रु.) डी आर डी ओ, इसरो-अंतरिक्ष उद्योग, नाभिकीय ऊर्जा एवं फ्युएल उद्योग।

प्रमोटर: पारवत श्रीनिवास रेड्डी, पी लीलावती, के शालिनी, डी अनिता रेड्डी, अनुष्मान रेड्डी, सी उषा रेड्डी, जी कविता रेड्डी, पी कल्पना रेड्डी, सारण्या लोकारेड्डी, ए मनोगना और एम माधवी।

निवेशक, जिनकी पूंजी लगी है: फैबमोहर एडवाइज़र्स एलएलपी, स्डाइडस एडवाइज़र्स एलएलपी, पी सिंहाद्रि रेड्डी।

उत्पादन आधार एक 100 फीसद निर्यात इकाई सहित 7 फैक्ट्रियां, 8वीं लग रही है। सालाना कारोबार, शुद्ध लाभ_ क्रमश: 2017-18 में 159.6 करोड़ रु और 5.42 करोड़ रु, 2018-19 में 186 करोड़ और 39.1 करोड़, 2019-20 में 218 करोड़ और 31.31 करोड़, चालू वित्तीय वर्ष में दिसंबर में समाप्त 9 महीनों में 178 करोड़ रु.और 28 करोड़ रु अर्जित किया। कर्ज, कच्चे माल व कर्मियों के वेतन भत्तों पर खर्च 2020 नवंबर के अंत पर कर्ज 145 करोड़ रु, कच्चे माल पर खर्च 2017-18 में 65.97 करोड़ रु, 2018-19 में 65.53 करोड़ और 2019-20 में 87.25 करोड़, पिछली छमाही में 52.24 करोड़ रु। कर्मचारियों के ऊपर 2018-19 में 43.50 करोड़ रु. 2010-20 में 51.62 करोड़ रु। प्रमुख कच्चा माल नाभिकीय क्षेत्र के उत्पादों हेतु 17-4 पीएचस्टील, एसएस 410, 13-8 एमओपीएच जैसी विशिष्ट ग्रेड की स्टील, अंतरिक्ष क्षेत्र हेतु विशिष्ट एलाॅय स्टील, अलग तरह की सील, एल्युमिनियम और बेयरिंग तथा क्लीन एनर्जी क्षेत्र के लिए दविभिन्न ग्रेड की इनकॅनेल शीट्स, कुछेक का आयात भी करती है।

प्रतिद्वंद्वी: लार्सन ऐंड टुब्रो, गाॅडरेज बाॅयस, हिंदुस्तान एरोनाॅटिक्स और वालचंद नगर इंडस्ट्रीज़।

कंपनी के मजबूत पक्ष:  अपने ग्राहकों को सप्लाई किए जाने वाले साज सामान के निर्माण में महारत है, प्रसीज़न इंजीनियर में दक्षता, फैक्ट्रियां माॅडर्न टेकनाॅलाॅजी से निरंतर लैस, योग्य और अनुभवी कर्मियों से युक्त टीम, कच्चे माल के सशक्त और विविधतापूर्ण सप्लायर्स के साथ साथ वित्तीय प्रदर्शन का अच्छा रिकाॅर्ड।

पूंजी जुटाने का उद्देश्य: वर्किंग कैपिटल, नई फैक्ट्री और मौजूदा कर्ज का भुगतान। कंपनी कुल 596 करोड़ रु. घरेलू पूंजी बाजार से उठाना चाहती है, सेबी की अनुमति मिल चुकी है। यह जानना जरूरी है कि 3 मार्च से ‍5 मार्च तक खुले रहने वाले आईपीओ के तहत ‘आॅफर फाॅर सेल’ के जरिये बिकने वाले शेयरों की बिक्री धनराशि इनके मौजूदा शेयरों धारकों (होल्डर) को प्राप्त होगी कंपनी को नहीं। आईपीओ के तहत एलाॅट किए जाने वाले शेयरों को मुंबई स्टाॅक एक्सचेंज (बीएसई) और नेशनल स्टाॅक एक्सचेंज (एनएसई) में सूचीबद्ध (लिस्ट) कराया जाएगा। क्रिसिल की रिपोर्ट के अनुसार भारतीय प्रिसीज़न इंजीनियरिंग उद्योग 2019-20 में 441500 करोड़ रु.रहा, और इसमें 12 फीसद योगदान सूचीबद्ध कंपनियों का रहा। जिनमें एल ऐंड टी, गाॅडरेज ऐंड बाॅयस, एसकेएफ इंडिया, शैफलर इंडिया, शांति गियर्स, सीआईएम टूल्स, अल्फा डिज़ाइन, सिका इंटरप्लांट, महिंद्रा डिफेंस सिस्टम्स हैं। इंजीनियरिंग निर्यात संवर्धन परिषद (ईईपीसी) से ली गई सूचना के अनुसार 2019-20 में देश से 78000 करोड़ रु. कीमत का प्रिसीज़न इजीनियरिंग निर्यात हुआ। इसमें से सबसे अधिक 12 फीसद अमेरिका को, 7 फीसद यूएई को, 4-4 फीसद जर्मनी और यूके को, 3-3 फीसद सिंगापुर, इटली और मेक्सिको को किया गया।

प्रणतेश नारायण बाजपेयी