यूपी में अब ई-कैबिनेट, टैबलेट से लैस होंगे एमएलए-एमएलसी

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यूपी का बजट पेपरलेस होने के आसार

लखनऊ। उत्तर प्रदेश में कैबिनेट की बैठक से लेकर विधानमंडल की कार्यवाही तक सब कुछ पेपरलेस होने जा रहा है। मंत्री हों या विधायक किसी के हाथ में फाइलें नहीं होगीं, होगा तो टैबलेट। विधानसभा और विधानपरिषद में सवाल पूछना हो या फिर कैबिनेट बैठकों की सूचना हो, कैबिनेट नोट को अप्रूव करना हो अथवा चर्चा के बाद निर्णय, सब कुछ टैबलेट पर ही ऑनलाइन होगा। इसकी शुरुआत कैबिनेट बैठकों से होने जा रही है। प्रदेश में अब केवल ई-कैबिनेट बैठकें ही होंगी। यही नहीं, योगी सरकार, केंद्र की तर्ज पर जल्द पेश होने जा रहा प्रदेश का बजट भी पेपरलेस होने के आसार हैं।

मंगलवार को ई-कैबिनेट प्रशिक्षण के लिए आयोजित कार्यशाला में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के ‘मिनिमम गवर्नमेंट-मैक्सिमम गवर्नेंस’ के मंत्र को उत्तर प्रदेश ने आत्मसात किया है। कोविड काल में तकनीक के प्रयोग से होने वाले लाभ को हम सबने गंभीरता से महसूस किया है। एक समय था कि जब प्रधानमंत्री मोदी ने ‘जनधन बैंक खातों की शुरुआत की थी, तब लोग उन पर हंसते थे, लेकिन आज कोरोना काल मे यही जनधन खाते वरदान सिद्ध हुए हैं। एक क्लिक पर डीबीटी के माध्यम से सहयोग राशि सीधे लाभार्थी को मिल रही है। इससे पारदर्शिता आई है और भ्रष्टाचार समाप्त हुआ है।

सीएम योगी ने कहा कि अब तक 217 से अधिक सेवाओं को ऑनलाईन कर दिया है। अब इसे आगे बढ़ाते हुए कैबिनेट की बैठकों को पूरी तरह पेपरलेस करना है। मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश मंत्रिपरिषद की अगली बैठक ई-कैबिनेट के रूप में होगी। इस संबंध में मंत्रियों का व्यवस्थित प्रशिक्षण प्रारंभ हो गया है। यह कार्य अगले 2 से 3 दिन में पूरा कर लिया जाए। इसके बाद, मंत्रियों के निजी स्टाफ की भी ट्रेनिंग होगी। यह प्रशिक्षण कार्यशाला मुख्यमंत्री कार्यालय की निगरानी में होगी। मुख्यमंत्री ने कहा कि मंत्रियों के प्रशिक्षण के बाद, अगले चरण में, संसदीय कार्य मंत्री द्वारा विधानमंडल के दोनों सदनों से समन्वय स्थापित कर सभी विधायकों को प्रशिक्षित कराया जाएगा। उन्होंने सभी विधायकों को यथाशीघ्र टेबलेट की सुविधा मुहैया कराने के भी निर्देश दिए।

‘ई-कैबिनेट पोर्टल’, पर होगा सारा काम:

ई-कैबिनेट के लिए मुख्यमंत्री कार्यालय, गोपन विभाग और एनआईसी के परस्पर समन्वय से एक खास ‘कैबिनेट पोर्टल’ तैयार किया गया है। इस पोर्टल को एक्सेस करने के लिए मंत्रियों और अधिकारियों के पास आईडी-पासवर्ड दिए जाएंगे। पोर्टल पर ही मंत्रियों को कैबिनेट बैठक की सूचना प्राप्त होगी। वहीं, कैबिनेट नोट और संबंधित विवरण भी उपलब्ध होंगे। बैठकों में टैबलेट पर इस पोर्टल को एक्सेस करना होगा। आवश्यकतानुसार कोई प्रपत्र डाउनलोड अथवा प्रिंट भी किया जा सकेगा। यही नहीं, पोर्टल पर पिछली बैठकों का विवरण और क्रियान्वयन सम्बन्धी अद्यतन रिपोर्ट भी उपलब्ध होगी।

सीएम आवास पर सजी खास पाठशाला, मंत्रियों ने सीखे गुर

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का सरकारी आवास 05, कालिदास मार्ग पर मंगलवार को एक खास पाठशाला सजी। मिनिमम गवर्नमेंट-मैक्सिमम गवर्नेंस के संकल्प के साथ लगी इस खास पाठशाला में विद्यार्थी थे प्रदेश के मंत्रीगण, तो, प्रशिक्षक की भूमिका में थे, अधिकारी और तकनीकी विशेषज्ञ।

दरअसल, प्रदेश मंत्रिपरिषद की बैठकों को पेपरलेस करने की कवायद में जुटे मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की निगरानी में मंगलवार को मंत्रीगणों के प्रशिक्षण का कार्यक्रम आयोजित किया गया था। मुख्यमंत्री कार्यालय के अपर मुख्य सचिव एसपी गोयल और सचिव आलोक कुमार ने ई-कैबिनेट के लिए तैयार किये गए नए पोर्टल के विभिन्न बिंदुओं के बारे में एक प्रस्तुतीकरण दिया। मंत्रियों को बताया गया कि, किस प्रकार मुख्यमंत्री के आदेश के बाद कैबिनेट मीटिंग की तिथि तय होगी, उसकी सूचना पोर्टल पर कैसे प्राप्त होगी, फिर गोपन विभाग के माध्यम से कैसे मंत्रिपरिषद के लिए टिप्पणियों को यहां एक्सेस किया जा सकेगा। यही नहीं, मीटिंग एजेंडा, पिछली बैठकों के एजेंडे और निर्णयोपरांत हुई कार्यवाही की जानकारी भी यहां उपलब्ध होगी। प्रस्तुतीकरण के बाद अधिकारियों और विशेषज्ञों ने मंत्रियों के टैबलेट पर पूरी कार्यवाही का अभ्यास भी कराया। मुख्यमंत्री ने नई व्यवस्था को नए उत्तर प्रदेश की नई पहचान से जोड़ते हुए सभी मंत्रियों और उनके स्टाफ के विधिवत प्रशिक्षण के निर्देश दिए। उन्होंने टैबलेट और पोर्टल की तकनीकी सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए भी सम्बंधित अधिकारियों को निर्देशित किया। मुख्यमंत्री के इस नए प्रयोग से मंत्रियों में खासा उत्साह भी रहा। कई मंत्रियों ने नई व्यवस्था के सम्बंध में अपनी विभिन्न जिज्ञासा भी जाहिर की, जिसका समुचित समाधान किया गया।