यूपी में कानून ने कसा शिकंजा, 25 से ज्यादा माफिया सलाखों के पीछे

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लखनऊ। 2017 में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अपराध को लेकर जीरो टॉलरेंस की नीति पर चलने का ऐलान किया था। उन्होंने कहा था कि अपराधी या तो जेल में होंगे या प्रदेश के बाहर। जिसका परिणाम यह हुआ कि यूपी पुलिस माफिया और कुख्यात अपराधियों पर कहर बनकर टूट पड़ी। पुलिस ने सिर्फ मुख्तार अंसारी और अतीक अहमद ही नहीं, बल्कि प्रदेश के ऐसे 25 बड़े माफिया को चिह्नित किया, जिनके नाम से लोगों में दहशत थी और उनका ‘सिक्का’ हर सरकार में चलता था। पुलिस ने उनके गैंग के अन्य अपराधियों और सहयोगियों को भी नेस्तनाबूद कर दिया।

सीएम योगी के स्पष्ट निर्देश के कारण यूपी पुलिस के खौफ से माफिया सलाखों के पीछे पहुंच गए हैं। पुलिस ने प्रदेश में 25 से ज्यादा माफिया को चिह्नित कर कार्यवाही शुरू की थी। पुलिस चिह्नित माफिया के खिलाफ दर्ज मुकदमो में तेजी से न सिर्फ कार्यवाही कर रही है, बल्कि सरकार की ओर से तगड़ी पैरवी भी कर रही है, ताकि उन्हें जल्द से जल्द सजा दिलाई जा सके। इसी कड़ी में कोर्ट ने माफिया आकाश जाट को दो मुकदमो में अलग-अलग तीन और सात साल की सजा भी सुनाई है। जबकि उसके गैंग के सहयोगी अमित भूरा को भी दोनों मुकदमो में तीन साल और एक साल की सजा दी गई है।

माफिया से ही वसूला जा रहा हर्जाना : योगी सरकार में पुलिस ने गैंगेस्टर एक्ट के तहत 25 से ज्यादा माफिया की आपराधिक कृत्य से बनाई गई एक हजार करोड़ से अधिक की चल-अचल अवैध सम्पत्तियों को जब्त किया है। अवैध संपत्तियों को ढहाने और कब्जा खाली कराने का खर्च भी अपराधियों और माफिया से वसूला जा रहा है। इनमें माफिया के सहयोगियों की आपराधिक कार्यों से जुटाई गई सम्पत्तियों की कीमत करीब 537 करोड़ रुपए से अधिक है। इतना ही नहीं, माफिया, उनके परिजनों और सहयोगियों के करीब 190 से अधिक शस्त्र लाईसेंस निरस्त किए गए हैं। पिछले साल दिसंबर तक गैंगेस्टर एक्ट में करीब 11,930 मुकदमे दर्ज कर 3699 अभियुक्तों को गिरफ्तार कर जेल भेजा गया है। इसके अलावा 534 अभियुक्तों के खिलाफ रासुका लगाई गई है।

इन पर भी कसा शिकंजा : माफिया के खिलाफ शुरू हुई कार्यवाही में अवैध बूचड़खाना और स्लाटर हाउस के ध्वस्तीकरण, पार्किंग ठेके की आड़ में अवैध वसूली पर लगाम, अवैध मछली कारोबार, सरकारी जमीनों को अवैध कब्जे से अवमुक्त कराने के सघन प्रयास, अपराधी शूटरों के खिलाफ सख्त कार्यवाही, ठेकेदार माफिया के खिलाफ कार्यवाही, कोयला कारोबार से अवैध रूप से अर्जित की गई सम्पत्ति के जब्तीकरण आदि की कार्यवाहियां प्रमुख हैं।