वाराणसी में महिलाओं की सुरक्षा के लिए फुल प्रूफ प्लान तैयार

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50 करोड़ की लागत से वाराणसी बनेगा महिलाओ के लिए सेफ सिटी

वाराणसी। वाराणसी में महिलाओं की सुरक्षा के लिए सरकार ने पूरी तरह एक सुनियोजित रणनीति बना ली है। सेफ सिटी प्रोजेक्ट का खाका भी स्थानीय प्रशासन ने तैयार कर लिया है।

निर्भया काण्ड के बाद बीजेपी सरकार ने महिलाओं की सुरक्षा को लेकर काफी गंभीर है। आज जब महिलाएं पुरुषों के साथ कन्धा से कन्धा मिलाकर सभी क्षेत्रो में काम कर रही हैं। ऐसे में उनकी सुरक्षा भी आवश्यक है। 50 करोड़ की लागत से अत्याधुनिक तरीके से महिलाओं की सुरक्षा के लिए पिंक बूथ, पिंक टॉयलेट, महिलाओं की सुरक्षा के लिए महिला पुलिस की तैनाती, पैनिक बटन व सीसीटीवी कैमरे की नज़र में पूरा शहर रहेगा। जिसकी निगरानी इंटीग्रेटेड कमांड एंड कंट्रोल सेंटर से होगी।

घर, स्कूल, कॉलेज, कार्यालय, बस, बाज़ार, घाट व कोई भी सार्वजनिक स्थल हो इन जगहों पर महिलाओं की सुरक्षा का ख़ाका सरकार ने तैयार कर लिया है।

वाराणसी के कमिश्नर दीपक अग्रवाल ने बताया की सेफ सिटी प्रोजेक्ट का पूरा रोड मैप तैयार हो चुका है। 50 करोड़ की लागत से वाराणसी जनपद महिलाओं के लिए पूरी तरह महफ़ूज़ होगा।

दीपक अग्रवाल ने सेफ सिटी प्रोजेक्ट के बारे में विस्तृत जानकारी दी।

पिंक बूथ : पिंक बूथ शहर के व्यस्त व भीड़ वाली जगहों, स्कूल कॉलेज, महिलाओं का आवागमन जहाँ अधिक होता वहां पिंक बूथ बनेगा। शहर में ऐसी 50 जगहों पर पिंक बूथ का निर्माण होगा। हर एक पिंक बूथ पर 2 महिला कांस्टेबल तैनात रहेंगी। बूथ में वर्क स्टेशन, सीसीटीवी कैमरे लगे होंगे व उनके रहने की व्यवस्था भी इसी बूथ रहेगी।

पिंक टॉयलेट : कई बार ऐसा देखा गया है कि महिलाएं एक ही जगह पुरुष व महिलाओं के लिए बने टॉयलेट इस्तमाल करना नहीं चाहती है। इसलिए शहर में केवल महिलाओं के लिए 50 अत्याधुनिक पिंक टॉयलेट का निर्माण भी होगा। ये वह जगहें होंगी जहां महिलाओं का आवागमन अधिक होता है। जैसे बाज़ार, रेलवे व रोडवेज स्टेशन के पास, पर्यटन स्थल, घाट, सार्वजानिक जगह आदि।

पिंक वैन : शहर के अलग-अलग क्षेत्रों में 15 पिंक वैन होंगी। इस वैन में महिला कांस्टेबल की तैनाती होगी। जीपीएस सिस्टम से लैस महिलाओं के सभी प्रकार की समस्याओ के लिए एक कॉल पर ये तत्काल मदद के लिए पहुँचेगी। महिला किसी भी मुसीबत में हो, या किसी प्रकार का डिप्रेशन महसूस कर रही हो, पिंक वैन महिलाओं की हर तरह की मुसीबत में मदद करेंगी।

पिंक स्कूटर : गलियों के शहर काशी में सुगमता से हर जग़ह मदद पहुँचाने के लिए सभी थानों पर 2 पिंक स्कूटर होगी। पिंक स्कूटर पर महिला पुलिस कर्मियों की तैनाती होगी।

पैनिक बटन : सभी सिटी ट्रांसपोर्ट इलेक्ट्रिक बसों में पैनिक बटन होगा, जिससे किसी भी मुसीबत में फंसी महिलाएं इस बटन को दबाकर मदद मांग सकती हैं। हर एक बस में 4 पैनिक बटन लगा होगा।

पिंक बोट्स : विश्वभर के सैलानी काशी के घाटों का नज़ारा देखने के लिए बोटिंग करते है। घाटों पर सुबहे -ऐ-बनारस के साथ पर्यटकों का आवागमन शुरू हो जाता है, जो देर रात तक चलता है। गंगा में वाराणसी विकास प्राधिकरण, नगर निगम, पुलिस की मदद से पिंक बोट पेट्रोलिंग करेगी। इस बोट में फर्स्ट ऐड, लाइफ जैकेट जैसी जीवन रक्षक उपकरण मौजूद रहेंगे। पिंक बोट में महिला पुलिस रहेगी व इन बोटो में जीपीएस भी लगा होगा।

सीसीटीवी कैमरे: वाराणसी के गली, नुक्कड़, चौक, चौराहे सभी जगह सीसीटीवी कैमरे की नज़र में रहेंगे। यहाँ तक की सभी 84 घाटों पर दो -दो सीसीटीवी कैमरे से 24 घंटे निगरानी होगी। अभी तक काशी की निगरानी 2200 सीसीटीवी कैमरे कर रहे है। सेफ सिटी प्रोजेक्ट की तहत 160 जगहों पर और भी सीसीटीवी कैमरे लगेंगे। काशी का चप्पा -चप्पा तीसरी आँख की निगरानी में रहेगा व हर अवांछनीय तत्वों पर नज़र रखेगा।

स्मार्ट वीमेन शेल्टर होम : वाराणसी में आने वाली महिलाओं के लिए रेलवे स्टेशन व रोडवेज के पास स्मार्ट वीमेन शेल्टर होम होगा। कई बार ऐसा देखा गया है की गरीब महिलाएं काशी में आ जाती है, लेकिन उनके पास पैसे नहीं होते है। ऐसी महिलाओं के लिए ये शेल्टर होम काफी मददगार साबित होगा। इसकी क्षमता करीब 20 लोगो के रुकने की होगी। इस शेल्टर होम में किचन, टॉयलेट टेलीविज़न समेत कई अत्याधुनिक सुविधाएं होंगी।

स्ट्रीट लाइट : बनारस के व सभी जगह प्रकाशवान होंगे जहाँ अँधेरा रहता है, जहाँ कभी भी किसी घटना के होने की संभावना अधिक होती है। ऐसे डार्क एरिया को चिन्हित कर लिया गया है। वहाँ स्ट्रीट लाइट की व्यवस्था की जाएगी जिससे रात में महिलाएं बे-ख़ौफ़ आ जा सके।

आशा ज्योति केंद्र : पांडेयपुर में चल रही आशा ज्योति केंद्र की नई बिल्डिंग होगी। यहाँ किसी अपराध की विक्टिम को रखा जायेगा। काउंसलिंग की जाएगी।

इंटीग्रेटेड कमांड एंड कंट्रोल सेंटर : सेंट्रल कमांड सेण्टर की भी सेफ सिटी प्रोजेक्ट में अहम् भूमिका होगी। काशी में यदि कोई महिला की मुसीबत में है तो उसकी गुहार इंटीग्रेटेड कमांड एंड कंट्रोल सेंटर में भी आएगी जहाँ सीसीटीवी कैमरे, पैनिक बटन इत्यादि की निगरानी भी होती रहेगी।