सुंदर सुडौल और स्वस्थ बनाए गुणकारी जीरा

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जीरा हमारी रसोई की शान है, जीरा जितना स्वाद में बेहतरीन है, उससे कहीं ज्यादा जीरा के औषधि गुण हैं। जीरा निश्चय ही आरोग्यता की दृष्टि से और विभिन्न रोगों के निवारण हेतु बहुत महत्वपूर्ण है। जीरे के अनेकों रोगों से छुटकारा दिलाने वाले गुणों की चर्चा श्रीनाथ चिकित्सालय भगवत दास घाट रोड सिविल लाइंस कानपुर की महिला चिकित्सा आचार्य डॉ रजनी पोरवाल ने बहुत ही सुंदर ढंग से की है।

जीरा के पौष्टिक तत्व : जीरा के अंदर सोडियम और पोटेशियम भरपूर मात्रा में पाया जाता है। विटामिन ए सी डी बी 6, बी 12 के साथ आयरन कैल्शियम मैग्नीशियम जिंक और कापर जैसे तत्व जीरे की रोग निवारक क्षमता बढ़ाते हैं। जीरा में क्युमिन्नेलिहाएड नामक सुगंधित तेल होता है। जिसकी विशेष खुशबू ही जीरे की पहचान होती है।

जीरा का औषधीय उपयोग : जवानी में भूख ना लगना, जिन्हें भूख बहुत कम लगती हो जबरदस्ती खाना खाते हो अंदर से भोजन की इच्छा बिल्कुल ना करें तो एक चम्मच भुना पिसा जीरा थोड़ी सी भुनी हुई हींग और काला नमक एक गिलास मटठे में मिलाकर भोजन के आधा से एक घंटे पहले पी ले इससे लिवर मजबूत होगा खुलकर भूख लगेगी गैस और कब्ज से बचाव होगा।

रिसर्च ने लगाईं मोहर : डॉक्टर एमजीआर यूनिवर्सिटी चेन्नई में वर्ष 2016 में चेन्नई मेडिकल कालेज द्वारा प्रस्तुत एक अनुसंधान रिपोर्ट में बताया गया है 6 से 12 साल तक के बच्चे जो कुपोषण खून की कमी और भूख ना लगने की समस्या से पीड़ित थे उनमें जीरे के प्रयोग से जबरदस्त सुधार हुआ।

बुढ़ापे की पुरानी गैस-बदहजमी : बुढ़ापे की पुरानी गैस और बदहजमी इस समस्या को जड़ से ठीक करने के लिए सफेद जीरा अजवाइन मेथी सौफ़ सभी 50–50 ग्राम लेकर अंडी के तेल में अच्छी तरह भून ले अब 5 ग्राम हड्डा हींग को भूनकर पीसकर इस मिश्रण में मिला दें। सबसे अंत में 25 ग्राम काला नमक मिलाकर चूर्ण तैयार कर ले एक चम्मच लगभग 10 ग्राम चूर्ण सुबह-रात भोजन के बाद एक कप गर्म पानी से लें पेट की विभिन्न समस्याओं के लिए रामबाण उपाय है।

गर्मी का डिहाइड्रेशन : गर्मी में डिहाइड्रेशन जीवन को संकट में डाल देती है। भुना पिसा हुआ जीरा एक चम्मच व थोड़ा काला नमक को एक गिलास घडे के शीतल पानी में शहद व आधा नींबू डालकर मिलाएं। यह शिकंजी डिहाइड्रेशन रोकने का सर्वश्रेष्ठ औषधि है क्योंकि जीरा में सोडियम और पोटैशियम भरपूर मात्रा में पाया जाता है। इसे आधा आधा कप करके दिन में कई बार लिया जा सकता है। बालक वृद्ध युवा स्त्री पुरुष सभी इसका सेवन यथोचित मात्रा में कर सकते हैं।

गले का संक्रमण: कुछ लोगों को गर्मी में गले में संक्रमण रहता है आवाज भारी हो जाती है और कफ की अधिकता तथा बोलने में गला बैठा रहता है। इससे बचाव के लिए जीरा और मुलेठी बराबर मात्रा में लें। इसमें सोंठ और तेजपत्ता प्रतेक चौथाई मात्रा में मिलाकर चूर्ण बना लें 2 ग्राम चूर्ण सुबह-शाम शहद के साथ चाट ले या सादा पान के पत्ते में 2 ग्राम चूर्ण रखकर धीरे-धीरे उसका रस चूसते रहें। स्वर सुरीला होता है, कफ दोष से निवारण मिलता हैं और गले का क्रॉनिक संक्रमण पूरी तरह ठीक हो जाता है।

मासिक का कम एवं पीड़ा दाई होना : श्री आरएमडी आयुर्वैदिक कॉलेज एंड हॉस्पिटल तथा डीजे पटेल इंस्टीट्यूट आफ आयुर्वेद स्टडीज एंड रिसर्च गुजरात में एक महत्वपूर्ण अनुसंधान संपन्न हुआ। जिसमें युवतियों के मासिक धर्म के दौरान असहनीय पीड़ा एवं मासिक का खुल कर ना होना और एक-दो दिन में ही मासिक धर्म समाप्त हो जाना जैसी तकलीफों की स्थाई निराकरण के लिए जीरे का प्रयोग अत्यंत लाभकारी सिद्ध हुआ है।

जीरे की चाय: यह चाय जितनी स्वादिष्ट है उतना ही सेहत के लिए फायदेमंद है और चाय कॉफी के दुष्प्रभाव से पूरी तरह मुक्त है। घर पर बनाने के लिए 100 ग्राम कच्चा जीरा 25 ग्राम अजवायन 20 ग्राम काली मिर्च 5 ग्राम नींबू का सत व 20 ग्राम काला नमक सभी चीजों को पीसकर मिलाकर रख लें। आधा चम्मच एक कप पानी में डालकर खूब उबाले। फिर थोड़ी-सी चीनी और नींबू निचोड़ कर पिए। बहुत ताज़गी लगेगी, स्फूर्ति आएगी यह आलस्य थकान को दूर करके याददाश्त बढ़ाकर पढ़ाई में मन लगाने में मददगार है।

मोटापा घटाएं, महिलाओं को सुंदर सुडौल और स्वस्थ बनाए : 20 अक्टूबर 2019 को इंटरनेशनल जर्नल आफ रिसर्च इन फार्मास्यूटिकल साइंस में प्रकाशित एक रिपोर्ट के अनुसार जीरा और नींबू का प्रयोग महिलाओं में खतरनाक स्तर तक बढ़े हुए वजन, एवं तोंद थाई हिप्स में जमी हुए हठीली चर्बी को मोम की तरह गला कर शरीर को स्वस्थ और सुडौल बनाता है। विवाहित महिलाओं के अश्वचलनासना व कामधेनु आसन तथा अविवाहित लड़कियों के लिए विमाननासना आसन, पक्षी आसन और भू चक्रासन का 6 मिनट प्रतिदिन अभ्यास 6 सप्ताह में कायाकल्प कर देगा।