टेक्नाॅलॉजी का कमाल, मुट्ठी में बैंकिंग की दुनिया

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टेक्नाॅलॉजी से छा गई मुट्ठी से होने वाली बैंकिंग.. हर उद्योग -व्यापार की तरह वित्तीय क्षेत्र में टेक्नाॅलॉजी की दिनों दिन बढ़ती पैठ ने ग्राहक की मुट्ठी को बैंकिंग करने में सक्षम बना दिया है। यह टेक्नाॅलॉजी की बदौलत सिर्फ पांच उंगलियों के सपोर्ट से चलने वाले मोबाइल एप, एटीएम और नेटब्राउज़िंग समूचे बैंकिंग भुगतान बाजार में निर्बाध गति से अपना दायरा फैलाते ही जा रहे हैं।

एक साल के अंतराल में मोबाइल फोन आधारित ट्रांज़ैक्शन्स में 139 फीसद से भी ज्यादा बढ़त हुई, वहीं माइक्रो एटीएम और एटीएम से होने वाले ट्रांज़ैक्शन्स में क्रमशः123 फीसद और 15 फीसद और नेट आधारित भुगतानों में 45 फीसद इजाफा बैंक खाताधारकों में टेक्नाॅलॉजी आधारित सुगम बैंकिंग की बढ़ती लोकप्रियता का प्रमाण है। ‌

ज्यादा पीछे जाने की ‌जरूरत नहीं है, देश में कुछेक सालों के दरम्यान मोबाइल फोन पर चलने वाले पेमेंट्स एप्स ने बैंकिंग में नए आयाम स्थापित किए हैं। एक नज़र डालते हैं बैंकिंग को बेहद आसान और सुगम बनाने वाले तकनीकी साधनों पर। भारतीय रिज़र्व बैंक ‌से एकत्रित ‌जानकारी के अनुसार देश में एटीएम की संख्या 2020, मार्च में 2.34 लाख थी जोकि बढ़कर 2021, मार्च में 2.39 लाख हो गई।

एटीएम से होने वाले ट्रांज़ैक्शन्स की संख्या 2020, मार्च में 54 करोड़ थी। इसके सापेक्ष 2021, मार्च में 60 करोड़ ट्रांज़ैक्शन्स दर्ज किए गए। ट्रांज़ैक्शन्स की संख्या में‌ केवल ग्यारह फीसद की वृद्धि के मुकाबले इनके माध्यम से होने वाले भुगतान 15 फीसद इजाफे के साथ 2.48 लाख करोड़ रु से 2.85 लाख करोड़ रु के स्तर पर पहुंच गए।

वित्तीय वर्ष 2020-21 में 609 करोड़ एटीएम ट्रांजैक्शन्स से 28.89 लाख करोड़ रु के भुगतान संपन्न हुए। एटीएम की संख्या बढ़ाने में बैंकें और निजी क्षेत्र के आॅपरेटर पहले जैसी दिलचस्पी नहीं ले रहे हैं क्योंकि 2012 में निर्धारित प्रति ट्रांज़ैक्शन इंटरचार्ज फीस से एटीएम संचालन की लागत नहीं निकल पाती है।

कन्फेडरेशन आफ एटीएम इंडस्ट्री (सीएटीएमआई) ने रिज़र्व बैंक से 2019 में इंटरचार्ज फीस बढ़ाने की मांग की थी। इस पर बैंक ने जून, 2019 में इंडियन बैंक्स एसोसिएशन (आईबीए) के तत्कालीन मुख्य कार्यकारी वी जी कन्नन की अध्यक्षता में कमेटी गठित की थी। कन्नन कमेटी ने 2019, दिसंबर में अपनी रिपोर्ट में इंटरचार्ज फीस बढ़ाने की संस्तुति भी की थी, इसके बावजूद रिज़र्व बैंक खामोशी के मोड में है।

सीएटीएमआई ने 2020 में जीएसटी की दर में कमी करने की भी मांग की थी। राहत तो नहीं मिल रही है। अलबत्ता रिज़र्व बैंक के लाॅजिस्टिक्स और कैसेट स्वैप संबंधी नए नियमों के लागू होने से एटीएम उद्योग के सामने ‌3300-3500 करोड़ रु की अतिरिक्त पूंजी की जरूरत आन पड़ी है। टाटा कम्युनिकेशंस पेमेंट सोल्यूशंस लिमिटेड ने सात सौ से अधिक और मुथूट समूह सहित निजी क्षेत्र की कई कंपनियों ने अपने एटीएम बंद कर दिए हैं या उनकी संख्या कम कर दी है।

यहां पर यह सन्दर्भ देना इसलिए जरूरी है कि रिज़र्व बैंक ने कन्नन कमेटी की संस्तुतियों के अनुसार निर्णय लिया होता तो देश में एटीएम नेटवर्क का और विस्तार हो गया होता। कई अन्य देशों में आबादी के आधार पर एटीएम की तादाद को देखते हुए भारत में एटीएम की संख्या बहुत ही कम है। एक सकारात्मक बदलाव यह हुआ कि माइक्रो एटीएम के नेटवर्क का विस्तार काफी हुआ है। एक साल के दरम्यान माइक्रो एटीएम की तादाद कुछ यूं बढ़ी- 2020, मार्च में कुल संख्या 2.71 लाख से 2021, मार्च में 4.04 लाख से ऊपर निकलने का परिणाम यह हुआ कि इनके जरिए भुगतान में जबर्दस्त बढ़ोतरी होने से ग्राहक वर्ग को सुविधा का भरपूर फायदा मिल रहा है।

2020, मार्च में हुए 3.44 करोड़ ट्रांज़ैक्शन्स से 9973 करोड़ रु की धनराशि के भुगतान हुए जब कि 2021, मार्च में ट्रांज़ैक्शन्स की तादाद 122 फीसद बढ़कर 7.63 करोड़ और भुगतान 123 फीसद बढ़कर 22276 करोड़ रु के स्तर पर आ गए। बीते वित्तीय वर्ष ‌2020-21 में माइक्रो एटीएम ट्रांज़ैक्शन्स की तादाद 138 करोड़ के अप्रत्याशित लेवल पर और 140 फीसद की छलांग लगा कर 5.20 लाख करोड़ रु के रिकॉर्ड भुगतान संपन्न हुए। ‌

अब मोबाइल फोन पर संचालित होने वाले पेमेंट्स एप्लीकेशन्स (एप्स) पर आते हैं। देश में इन एप्स की बढ़ती संख्या से भुगतान का सबसे ज्यादा तेजी से उभरे साधन के तौर पर मोबाइल फोन प्रतिष्ठित हुआ है। पेटीएम, गूगल पे, मोबिक्विक, एयरटेल मनी, फोनप, योनोएसबीआई, अमेज़ाॅन पे, एसबीआई पे, फ्री चार्ज, ओला मनी, मनी आॅन मोबाइल, ऐक्सिस बैंक लाइम, चिल्लर और मोबिकैश सहित कई एप ग्राहकों में लोकप्रिय हैं।

ग्राहकों ने इस मुट्ठी भर के मोबाइल फोन के जरिए देश में वित्तीय वर्ष 2020-21 के दौरान 2 हजार 524 करोड़ ट्रांज़ैक्शन्स के माध्यम से 90.89 लाख करोड़ रु के भुगतान करके एक नया रिकॉर्ड कायम किया। सिर्फ एक माह -मार्च, 2021 में मोबाइल फोन से 12.46 लाख करोड़ रु के भुगतान किए गए जोकि मार्च, 2020 में किए गए 5.20 लाख करोड़ रु की तुलना में 140 फीसद अधिक हैं।प्वाइंट आॅफ सेल्स टर्मिनल्स ‌(पीओएस) से 2020-21 में सिर्फ 1483 करोड़ रु के भुगतान किए गए, जबकि इसी अवधि में भीम आधार पे से 2580 करोड़ रु के भुगतान दर्ज हुए।

नेट बैंकिंग में इंट्रा बैंक और इंटर बैंक दोनों तरह के ट्रांज़ैक्शन्स को शामिल किया गया है। 2020, मार्च और 2021, मार्च के दरम्यान क्रमशः ३४.२१ लाख करोड़ रु व 49.76 लाख करोड़ रु (45 फीसद अधिक) और वित्तीय वर्ष 2020-21 में 4 करोड़ 15 लाख करोड़ रु से ज्यादा भुगतान किए गए।

प्रणतेश नारायण बाजपेयी