सावधान ! कहीं आपकी हड्डियां कमजोर तो नहीं

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गोरा दिखने के लिए अक्सर लोग धूप में नहीं निकलते हैं। खासतौर से लड़कियां तो बहुत अधिक परहेज करती हैं कि कहीं त्वचा काली न पड़ जाए। खासतौर से भारत और कई एशियाई देशों में अकसर लोग गोरा दिखने के लिए धूप से बचते हैं। इसके कारण शरीर में विटामिन डी की कमी हो जाती है, जो कई बीमारियों और शारीरिक परेशानियों को जन्म दे सकती हैं। विटामिन डी की कमी से आपके शरीर को कई नुकसान हो सकते हैं। विटामिन डी की कमी से बार बार बीमार पड़ने का खतरा बना रहता है।

विटामिन डी इम्यून सिस्टम को बेहतर बनाने के लिए बेहद जरूरी है। यह इम्यून सिस्टम को सही रखने में मदद करता है ताकि हम बीमारियों से लड़ सकें। रिसर्च के अनुसार अगर किसी व्यक्ति को बार बार सर्दी या फ्लू होता है तो शरीर में विटामिन डी की कमी इसकी वजह हो सकती है। इसकी कमी से हड्डियां कमजोर हो जाती हैं।

हर वक्त थकान महसूस होना : थकान के कई कारण हो सकते हैं, लेकिन इसका एक बड़ा कारण विटामिन डी की कमी भी है। कुछ अध्ययनों के मुताबिक शरीर में विटामिन डी की मात्रा जरूरत से कम होने पर थकान हो सकती है और इसका हमारी जीवनशैली पर बुरा प्रभाव हो सकता है। अकसर दिन में थकान और सिर दर्द की शिकायत करने वाली महिलाओं के शरीर में विटामिन डी की कमी देखी गई है।

हड्डियों और कमर में दर्द की शिकायत : विटामिन डी हड्डियों को स्वस्थ रखने में कई तरह से मदद करता है। यह शरीर में कैल्शियम के अवशोषण में मदद करता है। हड्डियों और कमर के निचले हिस्से में दर्द विटामिन डी की कमी का संकेत हो सकता है। बड़े अध्ययनों में पीठ के क्रॉनिक दर्द और विटामिन डी की कमी के बीच संबंध मिला है। विटामिन डी की कमी से हड्डियां कमजोर होती हैं और उनके टूटने का खतरा बढ़ता है।

डिप्रेशन का खतरा : डिप्रेशन है तो उसका एक कारण विटामिन डी की कमी भी हो सकती है। कई रिसर्चर डिप्रेशन को शरीर में विटामिन डी की कमी से जोड़ते हैं, खासकर वयस्कों में। हाल के रिसर्चों में विटामिन डी की कमी और डिप्रेशन के बीच संबंध मिल चुका है। विटामिन डी की कमी हमारे मूड को भी प्रभावित करती है। विटामिन डी की कमी से डिमेंशिया या अल्जाइमर होने का खतरा भी बढ़ जाता है।

घाव का न ठीक होना : किसी सर्जरी या चोट के बाद घाव जल्दी ठीक ना हो तो यह शरीर में विटामिन डी की कमी के कारण हो सकता है। एक अध्ययन के अनुसार विटामिन डी हमारे शरीर में कुछ ऐसे तत्वों को बनाने में मदद करता है जो नयी त्वचा का निर्माण करता है। इससे हमारे शरीर का घाव या चोट भरता है। विटामिन डी सूजन को नियंत्रित करने और संक्रमण से लड़ने में भी बड़ी भूमिका का निर्वाह करता है।

एक समस्या बाल का झड़ना भी : बाल झड़ने का कारण अकसर चिंता या तनाव बताया जाता है, जो निश्चित रूप से एक सामान्य कारण है। हालांकि अगर बाल बहुत ज्यादा झड़ने लगे तो इसकी वजह कोई बीमारी या पोषक तत्वों की कमी भी हो सकता है। महिलाओं में बालों का झड़ना अकसर विटामिन डी के आभाव के कारण पाया गया है, लेकिन अभी इस पर और रिसर्च होना है। एलोपेशिया एरीटा एक ऑटोइम्यून बीमारी है जिसमें बाल झड़ जाते हैं। यह विटामिन डी की कमी के कारण होती है।

मांशपेशियों में दर्द होना : मांशपेशियों के दर्द की वजह पता करना अकसर मुश्किल होता है। हालांकि कुछ प्रमाण बताते हैं कि विटामिन डी की कमी बच्चों और वयस्कों में मांसपेशियों में दर्द का एक संभावित कारण हो सकती है। विभिन्न अध्ययनों के अनुसार विटामिन डी के अभाव से हृदय रोग, स्कलेरोसिस और यहां तक कि गठिया जैसे रोगों के खतरे भी बढ़ सकते हैं। एक अध्ययन में क्रॉनिक दर्द वाले 71 फीसदी लोगों में विटामिन डी की कमी पाई गयी।

उपाय : विटामिन डी की कमी को पूरा करने के लिए चिकित्सक से परामर्श करने के साथ ही धूप में भी बैठें और विटामिन डी लें।