Wow Enjoy Friendship With Clouds Cherrapunji

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चेरापूंजी हिल स्टेशन: बादलों से दोस्ती……….. चेरापूंजी हिल स्टेशन की इन्द्रधनुषी सुन्दरता का कोई जोड़ नहीं। शायद इसी लिए चेरापूंजी हिल स्टेशन देश के चुनिंदा हिल स्टेशन में गिना जाता है। मेघालय के उत्तरी-पूर्व इलाका का यह हिल स्टेशन अपनी भव्यता-दिव्यता के साथ ही सुरम्यता के लिए भी खास ख्याति रखता है। चेरापूंजी हिल स्टेशन हमेशा बादलों की धंुध से सराबोर रहता है। लिहाजा एक शांत एवं शीतल परिवेश रहता है। समुद्र तल से करीब 1484 मीटर ऊंचाई पर स्थित यह हिल स्टेशन खास तौर से मानसून की विलक्षणता के लिए जाना पहचाना जाता है। विशेषज्ञों की मानें तो चेरापूंजी हिल स्टेशन की दुनिया में अपनी एक विशिष्ट पहचान है। मानसून के साथ ही बादलों का खिलंदड़पन चेरापूंजी में खास है। आश्चर्यजनक यह कि चेरापूंजी में बारिश अधिसंख्य रात के समय में होती है। चेरापूंजी को सोहरा भी कहा जाता है। चेरापूंजी वस्तुत: शिलांग से करीब 53 किलोमीटर दूर स्थित है। चेरापूंजी हिल स्टेशन अपनी आगोश में बादलों का खिलंदड़पन रखता है तो झीलों-झरनों की भी एक लम्बी श्रंखला है। बांग्लादेश की सीमा के निकट होने के कारण चेरापूंजी हिल स्टेशन से बांग्लादेश की सुन्दरता एवं विहंगमता का अवलोकन पर्यटक कर सकते हैं। चेरापूंजी हिल स्टेशन के निकट ही नोहकालीकाई झरना है। इस झरना की सुन्दरता पर्यटकों को मुग्ध कर लेती है। यहां प्राचीन एवं सुन्दर गुफाओं की एक श्रंखला है। इन गुफाओं का प्राचीन सौन्दर्य देखते ही बनता है। इनमें कुछ तो कई किलोमीटर लम्बी गुफाएं हैं। वस्तुत: चेरापूंजी हिल स्टेशन खासी जनजातीय बाहुल्य इलाका है। विशेषज्ञों की मानें तो चेरापूूंजी का प्राचीन नाम सोहरा है। जिसे बदल कर चेरापूंजी कर दिया गया था। अब एक बार फिर चेरापूंजी को बदल कर सोहरा कर दिया गया है। चेरापूंजी हिल स्टेशन एरिया में डेविड स्कॉट का एक स्मारक भी बेहद दर्शनीय है। चेरापूंजी में विवाह की अपनी एक अलग विशेष परम्परा है। इस वैवाहिक परम्परा में परिवार की सबसे छोटी बेटी ही सम्पत्ति की वास्तविक वारिस होती है। चेरापूूंजी हिल स्टेशन घुंघराली पर्वत श्रंखला एवं बादलों की धमाचौकड़ी के लिए खास तौर से प्रसिद्ध है। घुमावदार बादलों से घिरा चेरापूंजी हिल स्टेशन सुन्दरता का इन्द्रधनुषी रंग बिखेरता है। जिससे पर्यटक मोहित हो उठते हैं। चौतरफा वनस्पतियों से आच्छादित परिवेश एक खुशनुमा वातावरण पैदा करते हैं। चेरापूंजी के पुल प्राकृतिक एवं पारम्परिक होते हैं। मजबूती भी बेमिशाल होती है। पेड़ के जड़ों के जुड़ाव से बनने वाले यह लघु पुल दर्शनीय होते हैं। साथ ही यह लोक विकास का हिस्सा होते हैं। इस विधि एवं तकनीकि से पुल बनाने में 10 से 15 वर्ष का समय लगता है। आश्चर्यजनक है कि चेरापूंजी में सर्वाधिक बारिश होती है। बारिश ने चेरापूंजी को देश दुनिया का सबसे पसंदीदा शहर एवं हिल स्टेशन बना दिया। चेरापूंजी हिल स्टेशन को बारिश के लिए गिनीज बुक ऑफ वल्र्ड रिकाड्र्स में शामिल किया गया है। यूं कहना चाहिए कि चेरापूंजी हिल स्टेशन प्राचीन सुन्दरता, असामान्य पहलुओं, शाश्वत बादलों एवं प्राकृतिक सुन्दरता का विलक्षण आयाम है। चेरापूंजी हिल स्टेशन वस्तुत: बादलों का निवास स्थान है। चेरापूंजी में कहीं भी कभी भी बादलों का एहसास किया जा सकता है। चेरापूंजी हिल स्टेशन एवं आसपास दर्शनीय स्थलों की एक लम्बी श्रंखला है। इनमें खास तौर से मासस्मा गुफा, क्रेम माल्मलह गुफा, नोक्कलिकाई वॉटर फॉल्स, सात बहनों का फॉल्स, डेन्थलेन फॉल्स, क्रेम फिलेट, थांगखारंग पार्क, इको पार्क, मावलिनांग, खासी मोनोलिथ्स एवं नेशनल पार्क आदि इत्यादि बहुत कुछ है। नेशनल पार्क: नेशनल पार्क वस्तुत: वनस्पतियों की प्रचुरता एवं विविधिता वाला पार्क है। इसे संजीवनी पार्क भी कहा जा सकता है। कारण पार्क का परिवेश स्वास्थ्यवर्धक है। मासस्मा गुफा: मासस्मा गुफा प्राचीन गुफा है। पर्यटक यहां रोमांच का अनुभव करते हैं। प्रकृति का यह अद्भुत आयाम है। सात बहनों का फॉल्स: सात बहनों का फॉल्स वस्तुत: एक विहंगम वॉटर फॉल्स है। करीब 1033 फुट की ऊंचाई से गिरने वाला यह वॉटर फॉल्स एक विशेष ध्वनि उत्पन्न करता है। फॉल्स करीब 70 मीटर चौड़ा है। चेरापूंजी हिल स्टेशन की यात्रा के सभी आवश्यक संसाधन उपलब्ध हैं। निकटतम एयरपोर्ट गुवाहाटी है। गुवाहाटी एयरपोर्ट से चेरापूंजी हिल स्टेशन की दूरी करीब 181 किलोमीटर है। निकटतम रेलवे स्टेशन गुवाहाटी जंक्शन है। पर्यटक सड़क मार्ग से भी चेरापूंजी हिल स्टेशन की यात्रा कर सकते हैं।