नई दिल्ली। केंद्रीय आयुष मंत्री प्रताप राव जाधव ने कहा है कि आगामी 21 जून को अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस पर इस बार दुनिया के हर घर में योग कराने का संकल्प लिया गया है। अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस के 100 दिन पूर्व मोरारजी देसाई राष्ट्रीय योग संस्थान द्वारा विज्ञान भवन में आयोजित योग महोत्सव को संबोधित करते हुए श्री जाधव ने कहा की गत वर्ष पूरी दुनिया में 30 करोड लोगों में हिस्सा लिया था इस बार यह संख्या और ज्यादा हो जाएगी क्योंकि योग के महत्व को अब पूरी दुनिया के लोग समझ रहे हैं और उन्हें न केवल शारीरिक रूप से बल्कि मानसिक रूप से भी आराम मिल रहा है।
आयुष मंत्रालय के सचिव राजेश कोटेचा ने कहा कि योग भारत की धरोहर है। 2015 में इसकी शुरुआत अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस के रूप में हुई थी अब स्वास्थ्य के क्षेत्र में योग पूरी दुनिया का लोकप्रिय हो गया है। स्वामी विवेकानंद योग अनुसंधान संस्थान बेंगलुरु के कुलाधिपति डl. एचआर नागेंद्र ने कहां कि समग्र स्वास्थ्य के लिए योग को दैनिक दिनचर्या में लाना होगा तभी नई-नई बीमारियों से बचाव हो सकता है।
योग विद्या गुरुकुल, नासिक के अध्यक्ष डा .विश्वास मांडलिक ने कहा कि हमें परंपरागत योग आसनों को ज्यादा महत्व देना चाहिए। सांसद डा वीरेंद्र हेगडे ने योग को मात्र 21 जून के बजाय पूरे वर्ष करने पर जोर दिया। महोत्सव में कैवल्य धाम पुणे के मुख्य कार्यपालक अधिकारी डॉ. सुबोध तिवारी, केंद्रीय योग एवं प्राकृतिक चिकित्सा अनुसंधान परिषद के निदेशक डा राघवेंद्र राव, डा आर एस भोगल, डा पुरुषोत्तम बंग, डा अर्पण भट्ट, डा नीतिना कुमार पाटिल, डॉ गौतम शर्मा, डा. वर्तिका सक्सेना, बीके सिस्टर सपना, योगायन के निदेशक तरुणेन्द्र, विवेकानंद योग संस्थान दिल्ली के निदेशक डा. रबींद्र मोहन आचार्य व गायत्री परिवार से अनुराधा झा ने मुख्य रूप से विचार व्यक्त किया।
मोरारजी देसाई योग अनुसंधान संस्थान के निदेशक डा. काशीनाथ समगंडी ने दैनिक जीवन में योग के महत्व को बताते हुए कहा कि इसे जन-जन तक पहुंचाने के लिए योग प्रोटोकॉल कार्यक्रम बनाया जा रहा है। जिसके माध्यम से किसी भी उम्र के लोगों को उनकी बीमारियों के हिसाब से योग के आसान बताए जाएंगे। दो काशी नाथ ने आयुष मंत्री एवं मुख्य अतिथियों का स्वागत करते हुए कहा कि 11 योग अंतर्राष्ट्रीय दिवस की तैयारी का शुभारंभ आज से हो गया है और हमें विश्वास है कि इस बार योग दिवस पर दुनिया के पिछले रिकॉर्ड टूट जाएंगे। विभिन्न सत्रों का संचालन डॉ. इंदु शर्मा, डॉ पवन कुमार, मो. तैयब व हिमानी शर्मा ने किया।