शनिदेव को महिलाएं तेल क्यों नहीं चढ़ाती

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वैसे तो शनि के संबंध में कई कथाएं है। आप सभी तो यह जानते ही हैं कि शनिदेव की दृष्टि जिस पर भी पड़ जाती है, उसके जीवन में बुरे दिन शुरू हो जाते हैं। यही कारण है कि सभी शनिदेव से दूर ही रहते थे। शिव, राम, रावण और अन्य तमाम देवी और देवता उनकी दृष्टि से बचते रहते हैं। इसका यह मतलब नहीं की उनकी दृष्टि खराब है या वे बहुत ही शक्तिशाली हैं। दरअसल ऐसा उनकी पत्नी द्वारा दिए गए एक शाप के कारण होने लगा।

ब्रह्मपुराण के अनुसार इनके पिता ने चित्ररथ की कन्या से इनका विवाह कर दिया। इनकी पत्नी परम तेजस्विनी थी। एक रात वे पुत्र-प्राप्ति की इच्छा से इनके पास पहुंचीं, लेकिन शनिदेव तो ध्यान में निमग्न थे। पत्नी प्रतीक्षा करके थक गई। उसका ऋतुकाल निष्फल हो गया।

इसलिए पत्नी ने क्रुद्ध होकर शनिदेव को शाप दे दिया कि आज से जिसे तुम देख लोगे, वह नष्ट हो जाएगा। लेकिन बाद में पत्नी को अपनी भूल पर पश्चाताप हुआ, किंतु शाप के प्रतीकार की शक्ति उसमें न थी, तभी से शनि देवता अपना सिर नीचा करके रहने लगे। क्योंकि ये नहीं चाहते थे कि इनके द्वारा किसी का अनिष्ट हो। यही कारण है कि शनिदेव की नजर अशुभ मानी जाने लगी। इसी कारण परंपरावश शनि शिंगणापुर में किसी स्त्री को तेल नहीं चढ़ाने दिया जाता है, क्योंकि यह भय है कि कही शनिदेव की दृष्टि किसी स्त्रि पर पड़ कर उसका अनिष्ट न हो। हालांकि यह कहा जाता है कि जब भी शनिदेव की पूजा की जाए या उनको तेल चढ़ाया जाए तो उनकी आंखों में या उनकी मूर्ति को नहीं देखना चाहिए।

अब जानिए शनिग्रह के बारे में:

वैज्ञानिक दृष्टिकोण:-खगोल विज्ञान के अनुसार शनि का व्यास 120500 किमी, 10 किमी प्रति सेकंड की औसत गति से यह सूर्य से औसतन डेढ़ अरब किमी. की दूरी पर रहकर यह ग्रह 29 वर्षों में सूर्य का चक्कर पूरा करता है।
शनिग्रह का असर ज्योतिष अनुसार :लाल किताब के विशेषज्ञों अनुसार शनिग्रह एक ऐसा ग्रह है जिसका धरती के सभी तरह के लौहतत्व पर असर देखने को मिलता है। हमारे शरीर में भी लौह तत्व होता है। इसके अलावा दृष्टि, बाल, नक्ष, भवें और कनपटी पर भी शनि का असर रहता है।