डस्टबिन में तिहाड़ जेल में फुलबाॅडी स्कैनर लगाने की योजना

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तिहाड़ जेल में फुलबाॅडी स्कैनर लगाने की योजना डस्टबिन में….. अतिमहत्वपूर्ण मान्यवरों और सफेदपोशों से लेकर दुर्दांत अपराधियों तक की सरकारी मेहमान नवाजी करने वाली तिहाड़ जेल को सुरक्षा कवच मुहैया कराने को एक्स-रे फुलबाॅडी स्कैनर्स से लैस करने की योजना कूड़ा दान में डाल दी गई। देश की इस अतिसंवेदनशील जेल की सुरक्षा की जिम्मेदारी) फिलहाल आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) पर आधारित सीसीटीवी कैमरों पर रहेगी।

राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र (एनसीटी) में दिल्ली सरकार के कारागार विभाग के अधीन कारागार महानिदेशक के अंतर्गत तिहाड़ जेल में एक्स-रे फुलबाॅडी स्कैनर्स लगाने की योजना पिछले साल के अंतिम समय में बनाई गई थी। प्रावधान के अनुसार परमाणु ऊर्जा नियामक परिषद (एटाॅमिक एनर्जी रेगुलेटरी बोर्ड -एईआरबी) से अनुमति लेने के बाद ही इस योजना का क्रियान्वयन किया जा सकता है। क्यों कि स्कैनर के प्रयोग में रेडियोधर्मी तत्वों की संलिप्तता होती है।

पुख्ता जानकारी के अनुसार दिल्ली कारागार विभाग की ओर से स्कैनर योजना का प्रस्ताव ‌एईआरबी के पास भेजा गया था। एईआरबी से जुटाई गई जानकारी से इस तथ्य की पुष्टि भी हुई और यह जानकारी भी मिली कि नियामक से फरवरी 2023 में इस योजना को सैद्धांतिक रूप से अनुमति दे दी गई थी। लेकिन इसके बाद दिल्ली कारागार विभाग- तिहाड़ जेल प्रशासन ने योजना को आगे बढ़ाने की प्रक्रिया ठप कर दी। कोशिश करने पर भी इसका कारण पता नहीं चला। पर एईआरबी से इस बात की पुष्टि हुई कि बाद में स्कैनर योजना के बाबत नियामक से कोई भी संपर्क नहीं किया गया।

कारागार महानिदेशालय से यह जानकारी मिली है कि तिहाड़ जेल में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई)से संचालित कैमरे लगाने की परियोजना पर काम चल रहा है। इस परियोजना के अंतर्गत 20 कैमरे एआई संचालित कैमरे लगाए जाएंगे जो चेहरा पहचान करने की आंतरिक तकनीक से लैस होंगे। परियोजना का क्रियान्वयन चरणबद्ध ढंग से किया जाएगा। तिहाड़ परिसर में कुल 9 जेल हैं, इसमें से उपजेल नंबर 6 महिला जेल है और इसलिए प्राइवेसी मेंटेन करने की आवश्यकता के चलते इसमें एआई संचालित कैमरे नहीं लगाए जाएंगे।

जानकारी है कि एआई कैमरा परियोजना के अलावा 1248 क्लोज़ सर्किट टीवी कैमरे लगाए जाएंगे, प्रत्येक वार्ड में कंट्रोल रूम स्थापित किए जाएंगे, स्टाफर्स को वाॅकीटाॅकी से लैस करने की योजना भी है। इसके अलावा बायोमेट्रिक सिस्टम्स भी स्थापित किए जाएंगे। बताते चलें कि इस साल फरवरी में सर्च में तिहाड़ जेल में कैदियों के पास से 348 मोबाइल बरामद किए गए थे, इसके बाद फरवरी में मंडोली जेल में सर्च में 117 मोबाइल बरामद किए गए थे। इस मामले में दो डिप्टी सुपरिटेंडेंट प्रदीप‌ शर्मा, धर्मेंद्र मौर्य, असिस्टेंट सुपरिटेंडेंट सनीचंद्र और हेडवार्डर हंसराज मीणा को सस्पेंड कर दिया गया था।

दिल्ली के जनकपुरी में क्षेत्र में स्थित तिहाड़ जेल 1957में शुरू हुई थी, तिहाड़ गांव के नाम पर इसका नामकरण किया गया था। इसमें 5200 कैदियों के रखने की क्षमता के विपरीत 12 हजार से ज्यादा कैदी ठुंसे रहते हैं। दिल्ली में तिहाड़ के अलावा मंडोली और रोहिणी में भी कारागार परिसर हैं। इस विश्वप्रसिद्ध जेल के खर्चे भी थोड़ा चौंकाने वाले हैं। जानकारी के अनुसार तिहाड़ जेल में 2021-22 में जेल पर और जेल-अस्पताल के वेतन दवा-उपचार, सामग्री आपूर्ति ऑफिस आदि पर कुल 535 करोड़ रुपए खर्च किए गए जोकि वर्ष 2015-16 में कुल 194 करोड़ रुपए की व्यय राशि से ढाई गुना से भी ज्यादा है।

प्रणतेश बाजपेयी