सेबी मंजूरी के बावजूद 7000 करोड़ के आईपीओ की लांचिंग रुकी

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सेबी मंजूरी के बावजूद 7000 करोड़ के आईपीओ की लांचिंग रुकी… जी हाँ, 51000 करोड़ के प्रस्ताव सेबी में छब्बीस कंपनियां पूंजी बाजार के मुहाने पर खड़ी हैं, इनमें से कोई 7 हजार करोड़ रु के आईपीओ को तो सेबी की मंजूरी भी मिल चुकी है पर नरमी से दबे बाजार के माहौल से ठिठके प्रमोटर आईपीओ को लांच नहीं कर रहे हैं।

तमाम कंपनियों के आईपीओ प्रस्ताव सेबी में अटके हुए हैं। इस तरह कुल कोई 58 हजार करोड़ रु के आईपीओ के लिए प्रमोटरों को निवेशकों तक पहुंचने में अभी थोड़ा और वक्त गंवाना पड़ेगा। आईपीओ पाइप लाइन ठसाठस भरी हुई है, देर सिर्फ टोंटी खुलने में है।

विभिन्न स्रोतों से जुटाई गई सूचनाओं से पता चलता है कि सेबी से अनुमति मिलने के बावजूद कई कंपनियों के प्रमोटर आईपीओ लांच करने से बच रहे हैं। उन्हें बाजार के मौजूदा हालातों में निवेशकों से इश्यू को पर्याप्त समर्थन नहीं मिलने का भय सता रहा है। उत्तर प्रदेश की पेस्टीसाइड्स बनाने वाली कंपनी इंडिया पेस्टीसाइड्स को आईपीओ लाने की सेबी से अनुमति मई की शुरूआत में ही मिल गई थी। प्रमोटरों की तरफ से आईपीओ की तारीख का अभी तक खुलासा नहीं किया गया है।

इंडिया पेस्टीसाइड्स लिमिटेड का आईपीओ 800 करोड़ रु का होगा। 100 करोड़ रु के नए शेयर‌ जारी करने और आॅफर फाॅर सेल के जरिए 700 करोड़ रु जुटाने की ‌योजना है। महाराष्ट्र की रिफाइंड तेल उत्पादक कंपनी श्री वेंकटेश रिफाइनरीज़ को सेबी ने पिछले महीने में ही आईपीओ लाने की अनुमति प्रदान कर दी थी, लेकिन अभी तक आईपीओ का शेड्यूल तय नहीं किया गया है। श्री वेंकटेश रिफाइनरीज़ का आईपीओ सौ करोड़ रु‌ से कम का आएगा।

इसी‌ क्रम में आटो पुर्जों ‌के‌ उत्पादन-निर्यात में लगी कंपनी सोना बीएलडब्ल्यू प्रिसीज़न फोर्जिंग्स लिमिटेड के प्रमोटरों को‌ बाजार की प्रतिकूल स्थितियां आईपीओ लाने से रोक रही हैं। अंतर्राष्ट्रीय प्राइवेट इक्विटी ‌निवेशक ब्लैकस्टोन की‌ 66.28 फीसद भागीदारी वाली सोना डीएलडब्ल्यू डिफरेंशियल गियर्स, डिफरेंशियल एसेम्बलीज़, बीएसजी सिस्टम्स, मोटर कंट्रोल यूनिट्स, ईवी ट्रैक्शन मोटर्स आदि आटो पुर्जों का बड़े पैमाने पर उत्पादन करती है।

मारुति सुज़ुकी, महिंद्रा ऐंड महिंद्रा, वोल्वो रेनो सहित कई वाहन निर्माताओं‌ को इन पुर्जों ‌की सप्लाई के अलावा यूरोप, अमेरिका और पड़ोसी चीनी कंपनियों को निर्यात भी करती है। सेबी ने सोना डीएलडब्ल्यू के आईपीओ को पिछले सप्ताह ही अनुमति दे दी थी। सोना आईपीओ के जरिए पूंजी बाजार से 6000 करोड़ रु उठाने के लिए बाजार की धारणा बदलने के इंतजार में है। सोना ने आॅफर फाॅर सेल से 5700 करोड़ रु और नए शेयरों के जरिए 300 करोड़ रु जुटाने के लिए अभी तक तारीख के बारे में खुलासा नहीं किया है।

अब आते ‌हैं सेबी के पास दाखिल किए जा चुके आईपीओ प्रस्तावों पर। पंद्रह मई तक सेबी के पास 21 कंपनियों के प्रस्ताव विचाराधीन ‌थे। इनमें से आधार हाउसिंग फाइनेंस का प्रस्ताव है। जिसे 24 जनवरी को सेबी में दाखिल किया गया था। कर्नाटक की आधार हाउसिंग के प्रमोटर 7300 करोड़ रु का आईपीओ लाना चाहते हैं। फरवरी में दाखिल किया गया श्याम मेटलिक्स का प्रस्ताव ‌है। जिसमें 1107 करोड़ रु का आईपीओ लाने की अनुमति मांगी गई है।

उत्कर्ष स्माल फाइनेंस बैंक का 1350 करोड़ रु की आईपीओ अर्जी 4 मार्च से सेबी के पास है। पारस डिफेंस ऐंड स्पेस टेक्नॅलॉजीज़ का 600 करोड़ का प्रस्ताव 6 मार्च से, एक्सारो टाइल्स का 160 करोड़ का 15 मार्च से रोलेक्स रिंग्स का 135 करोड़ का १८ मार्च से और जन स्माल फाइनेंस बैंक 1400 करोड़ का ‌और तत्व चिंतन फार्मा केम का 450 करोड़ का प्रस्ताव 31 मार्च से सेबी के पास है।

अप्रैल में कुल सात कंपनियों ने आईपीओ प्रस्ताव विनियामक को सौंपे। इनमें आदित्य बिड़ला सन लाइफ एएमसी का 5 हजार करोड़ रु का, केमप्लास्ट सन्मार का 2 हजार करोड़ रु का, ज़ोमैटो लिमिटेड का 8 हजार 250 करोड़ का, ग्लेनमार्क लाइफ साइंसेज का करीब पंद्रह सौ करोड़ रु‌ का, जीआर इन्फ्रा प्रोजेक्ट्स का 800-1000 करोड़ का, श्री राम प्रापर्टीज़ का 800 करोड़ का और क्लीन साइंस ऐंड टेक्नॅलॉजी का 1400 करोड़ रु का है।

मई में 6 से 16 तारीख तक 18 हजार 720 करोड़ के कुल आठ प्रस्ताव सेबी को मिले। इनमें निरमा समूह की सीमेंट कंपनी सुवोको विस्टास कार्पोरेशन ने 5 हजार करोड़ रु, पेन्ना सीमेंट कार्पोरेशन ने 1550 करोड़ रु, कारवाले, श्रीरामआटोमाल, बाइक वाले,एड्राॅएट आटो, आटोबिज़ और कारट्रेड एक्सचेंज ब्रांडों को आनलाइन संचालित करने वाली कंपनी कार ट्रेड टेक लिमिटेड ने 2 हजार करोड़ रु, फिनकेयर स्माल फाइनेंस बैंक ने 1330 करोड़ रु, गो एयरलाइंस ने 3600 करोड़ रु, मेडि एसिस्ट हेल्थकेयर सर्विसेज ने 840 करोड़ रु, केंचुकी फ्राइड चिकन (केएफसी), पिज़्ज़ा हट, कोस्टा काॅफी की फ्रेंचाइज़ी, पेप्सिको की सबसे बड़ी बाॅटलर, आइसक्रीम, दूध, और शिक्षा से लेकर रिएल एस्टेट तक में सक्रिय कंपनी देवयानी इंटरनेशनल ने 1400 करोड़ रु और एप्टस वैल्यू हाउसिंग ने 3 हजार करोड़ रु के आईपीओ प्रस्ताव सेबी में दाखिल ‌किए हैं।

प्रणतेश नारायण बाजपेयी