एलआईसी के कर्णधारों को आगाह कर रहा है एलार्म

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एलआईसी के कर्णधारों को आगाह कर रहा है एलार्म…… जीवन बीमा उद्योग की अग्रणी सरकारी कंपनी लाइफ इंश्योरेंस कार्पोरेशन लिमिटेड (एलआईसी लिमिटेड) का तिमाही वित्तीय प्रदर्शन निराशाजनक है। शुद्ध प्रीमियम आय, ग्रुप बिज़नेस और पाॅलिसियों की बिक्री में पहली बार जहां जोरदार गिरावट आई वहीं विभिन्न कंपनियों में अपनी हिस्सेदारी को बेंचकर निवेश आय बढ़ाकर शुद्ध लाभ में कृत्रिम वृद्धि दर्शायी गई है। अन्यथा इसे बीमा व्यवसाय से तिमाही में शुद्ध लाभ हुआ ही नहीं। टेक्निकल तौर पर कंपनी ने विंडोड्रेसिंग के सहारे खातों में लाभार्जन दर्शाया है। एल आई सी के बोर्ड ने आज देरशाम इस साल जून में समाप्त तिमाही के वित्तीय परिणाम स्टाॅक एक्सचेंजों को भेजे। इन परिणामों के विश्लेषण से उपरोक्त तथ्य सामने आए।

एलआईसी को सबसे बड़ा झटका लगा है बीमा पॉलिसियों की बिक्री में। एलआईसी के इतिहास में पहली बार बीमा पॉलिसियों की बिक्री में बारह प्रतिशत से भी ज्यादा गिरावट खतरे का एलार्म है। भारतीय बीमा उद्योग के इस सुपर एलिफेंट के महावतों को संभल जाना चाहिए। बीमा व्यवसाय में विदेशी दिग्गज भी जोर आजमाइश में लगे हुए हैं, आने वाले दिनों में बाजार प्रतिस्पर्धा और गहराएगी।

एलआईसी की शुद्ध प्रीमियम आय इस साल जून में समाप्त तिमाही में घटकर 98755 करोड़ रुपए रह गई जबकि 2022 की समान तिमाही में 98805करोड़ रुपए हुई थी। प्रथम वर्ष प्रीमियम आय भी 2078 करोड़ रुपए से घटकर 1982 करोड़ रुपए पर सिमट गई। एलआईसी का नया व्यवसाय तो 2995 करोड़ रुपए घटकर 35590 करोड़ रुपए रह गया यानी 38345 करोड़ रुपए से 7 प्रतिशत गिर गया। आदमकद एलआईसी के संचालन खर्चे 1672 करोड़ से बढ़कर 1816 करोड़ रुपए के स्तर पर पहुंच गए।

एलआईसी विभिन्न कंपनियों में अपनी हिस्सेदारी को बेंच -बेंच कर कबतक मुनाफा दर्शाती रहेगी। इस तिमाही में 90309 करोड़ रुपए कीमत की प्रतिभूतियों (शेयरों – ऋणपत्र आदि) की बिक्री की गई। 9543 करोड़ रुपए का दर्शाया गया शुद्ध लाभ बीमा व्यवसाय से नहीं बल्कि प्रतिभूतियों की बिक्री का ही हिस्सा है।

प्रणतेश बाजपेयी