अडार पूनावाला ग्रुप बीमा, एनबीएफसी क्षेत्र में उतरा

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4000 करोड़ रु निवेश से मेग्मा एचडीआई इंश्योरेंस और मेग्मा फिनकाॅर्प हाथ में

सीरम इंस्टीट्यूट आॅफ इंडिया का संस्थापक समूह पूरी तैयारी के साथ गैर जीवन बीमा क्षेत्र के साथ साथ-साथ नान बैंकिंग फाइनेंस के कारोबार में उतर आया है। विश्व में वैक्सीन की सबसे बड़ी निर्माता सीरम इंस्टीट्यूट के सीईओ अडार पूनावाला ने एनबीएफसी कंपनी मेग्मा फिनकाॅर्प लिमिटेड अध्यक्ष पद संभाल लिया है और आईसीआईसीआई बैंक में सर्विस सेक्टर के हेड रह चुके विजय देशमुख को इसका सीईओ भी नियुक्त कर दिया है।

साथ ही जर्मन कंपनी की संयुक्त भागीदारी में सक्रिय बीमा उद्यम मेग्मा एचडीआई जनरल इंश्योरेंस कंपनी लिमिटेड की 30 प्रतिशत भागीदारी के जरिए अधिग्रहण की प्रक्रिया चल रही है। संबंधित नियामक भारतीय प्रतिस्पर्धा आयोग (सीसीआई) ने इस अधिग्रहण को अपनी स्वीकृति दे दी है।

सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया के संस्थापक पूनावाला ग्रुप ने एक तीर से दो लक्ष्यों को फतह करने की रणनीति में कामयाब होता दिख रहा है। ग्रुप ने पहले कोलकाता स्थित 32 साल पुरानी एनबीएफसी मेग्मा फिनकाॅर्प लि. में पूंजी निवेश किया। फिर इसके माध्यम से गैर जीवन बीमा व्यवसाय करने वाली मेग्मा एचडीआई जनरल इंश्योरेंस कंपनी लिमिटेड पर आहिस्ता से अपनी पकड़ बनाने की रणनीति को अपनाया।

दरअसल मेग्मा फिनकाॅर्प और जर्मन कंपनी एचडीआई ग्लोबल एस ई के साथ मिलकर मेग्मा एचडीआई जनरल इंश्योरेंस कंपनी लिमिटेड नाम से संयुक्त बीमा उद्यम की स्थापना वर्ष 2009 में की थी। इसमें जर्मन‌ साझीदार एचडीआई ग्लोबल एस ई की भागीदारी 26 % और मेग्मा फिनकाॅर्प की 74 % थी।

भारतीय रिज़र्व बैंक की गाइडलाइंस के अनुसार मेग्मा फिनकाॅर्प को पांच साल में अपनी हिस्सेदारी को 50 % घटाना था। शुरू में जर्मन सहयोगी अपनी हिस्सेदारी 26 से 49% करने को उत्सुक भी थे लेकिन भारतीय बीमा बाजार में नियामकीय नियम कानूनों में वे कारोबार नहीं कर पा रहे थे। और मेग्मा एचडीआई जनरल इंश्योरेंस कं भारतीय बाजार में पैठ बनाने में सफल नहीं हुई।

हालांकि जर्मन साझीदार एचडीआई ग्लोबल का प्रमोटर टैलैंक्स ग्रुप सौ सालों से न केवल बीमा क्षेत्र में है बल्कि जर्मनी का तीसरा सबसे बड़ा बीमा कारोबारी है। मेग्मा एचडीआई जनरल इंश्योरेंस पिछले तीन सालों से अच्छा प्रदर्शन कर रही है। 2020, दिसंबर को समाप्त नौ महीनों में इसने 911 करोड़ रु का बीमा प्रीमियम प्राप्त कर 23.3 करोड़ रु का कर बाद लाभ अर्जित किया।

चालू 2021-22 में अप्रैल और मई में 167.64 करोड़ रु की प्रीमियम आय दर्ज की जो पिछले साल की समान अवधि में हुई 111करोड़ रु से 51% अधिक है। लेकिन इसको कारोबारी विस्तार के लिए काफी पूंजी की जरूरत थी। इस बीच दो अहम बदलाव हुए। एक- पूनावाला ग्रुप की बीमा और एनबीएफसी में उतरने की योजना, दो माॅर्गन स्टेनले और आईसीआईसीआई वेंचर की मेग्मा एचडीआई जनरल इंश्योरेंस में निवेश का निर्णय।

इसी साल मार्च में अडार पूनावाला ग्रुप कंपनी सायज़ा केम प्रा.लि. तथा दो पारिवारिक प्रतिष्ठानों, माॅर्गन स्टेनले प्रा. इक्विटी एशिया और आईसीआईसीआई वेंचर ने मेग्मा एचडीएल जनरल इंश्योरेंस में 525 करोड़ रु की पूंजी डाली।

इससे पहले पूनावाला ग्रुप की अन्य कंपनी राइजिंग सन होल्डिंग्स ने मेग्मा फिन काॅर्प की 60% हिस्सेदारी हासिल कर ली। पूनावाला ग्रुप ने प्रेफरेंशियल शेयरों के जरिए मेग्मा फिन काॅर्प में 3456 करोड़ रु की पूंजी लगाई। उक्त सौदों से मेग्मा एचडीआई जनरल इंश्योरेंस की 30% शेयर पूंजी पूनावाला ग्रुप के पास, माॅर्गन स्टेनले के पास 9.9% और आईसीआईसीआई वेंचर के पास 16.7 % होगी, जबकि जर्मन प्रमोटर एचडीआई ग्लोबल की हिस्सेदारी सिर्फ 17.1 % रह जाएगी।

जाहिर है पूनावाला ग्रुप को बीमा कारोबार करने के लिए बना बनाया प्लेटफॉर्म मिल जाएगा। जिस पर मोटर, जनरल, फायर, हेल्थ, प्रापर्टी, मरीन कार्गो और व्यक्तिगत एक्सीडेंटल बीमा उत्पाद उपलब्ध कराए जाते हैं। देश में इसकी 133 शाखाएं हैं और कोई एक हजार कर्मचारी काम करते हैं। दूसरी तरफ मेग्मा फिन काॅर्प के अधिग्रहण से राष्ट्रीय नेटवर्क से सुसज्जित एनबीएफसी प्लेटफॉर्म मिल जाएगा। मेग्मा फिन काॅर्प का पंजीकृत कार्यालय कोलकाता में अवश्य है लेकिन मुख्यालय और कारोबार का संचालन मुंबई से होता है। स्थापना के समय 1988 में इसका नाम मेग्मा लीज़िंग लि. था। वर्ष 2009 में वर्तमान नाम दिया गया। मयंक पोद्दार और संजय चमड़िया ने इसे स्थापित किया था।

अब अडार सायरस पूनावाला इसके चेयरमैन हैं। 53.86 करोड़ रु की शेयर पूंजी पर खड़ी मेग्मा फिन काॅर्प का वित्तीय प्रदर्शन मार्च 2020 तक अच्छा रहा। राष्ट्रीय स्तर पर 21 राज्यों में फैली अपनी 297 शाखाओं के नेटवर्क के जरिए 54 लाख ग्राहकों को जोड़ रखा है। कंपनी ने 2019-20 में 2219 करोड़ रु की आय पर अच्छा खासा मुनाफा कमाया। लेकिन कोविड के दो आघातों से इस एनबीएफसी की ऋण वसूली पर जबरदस्त चोट हुई।

कर्मियों की संख्या 9500 से 6 हजार के लगभग करने के बावजूद भारी घाटा उठाना पड़ा। 2020-21 में 587 करोड़ रु की आय के सापेक्ष 1299 करोड़ रु का खर्च होने से 547 करोड़ रु का घाटा लगा। ऐसी स्थिति में अडार सायरस पूनावाला इसके संकट मोचक बनकर खड़े हो गए हैं। मेग्मा फिन काॅर्प का ऋण पोर्टफोलियो 14225 करोड़ रु का है।

प्रणतेश नारायण बाजपेयी