आनलाइन नीलाम होंगी सारदा चिटफंड घोटाले की 61परिसंपत्तियां…… कोलकाता से शुरू होकर ममता बनर्जी सहित तृणमूल कांग्रेस के सांसदों, नेताओं को झुलसाते हुए संसद तक में गूंजने वाले सारदा चिटफंड घोटाले से जुड़ी 61 परिसंपत्तियों के नीलम होने की नौबत आखिर आ ही गई, इनमें से अधिकांश परिसंपत्तियां, 24 परगना, पूर्व मिदनापुर, कोलकाता और आसपास के क्षेत्रों में स्थित हैं। कोलकाता हाईकोर्ट के आदेश पर सेब की क्षेत्रीय शाखा क्विकर के माध्यम से इन परिसंपत्तियों को अगले माह 17 जुलाई को आनलाइन नीलामी करेगा। समझा जाता है कि सस्ती कीमत पर नीलामी छूटने का अनुमान है। हालांकि इनका समग्र नन्यूनतम मूल्य 26.22 करोड़ रुपए निर्धारित किया गया है।
सारदा चिटफंड की बुनियाद 2006 में कोलकाता में डाली गई थी। सुदीप्त सेन और उसकी पत्नी देब जानी मुखर्जी ने तृणमूल कांग्रेस के कई तेज तर्रार नेताओं, फिल्मी सितारों -सेलिब्रिटीज़ को पिरोकर पश्चिम बंगाल, उड़ीसा और बिहार के गंवई इलाकों तक में सारदा ग्रुप का नेटवर्क बिछाया, भरोसा जगाया और इसी के सहारे अत्यंत आकर्षक रिटर्न वाली निवेश योजनाओं के लोभजाल में निवेशक मछली की तरह फंसते गए। सारदा ग्रुप के प्रमोटर सुदीप्त सेन ने अपनी इमेज होनहार उद्यमी के रूप में स्थापित करने में अपने खुद के मीडिया हाउस का भरपूर इस्तेमाल किया।
सुदीप्त सेन सारदा ग्रुप ऑफ कंपनीज़ का चेयरमैन-मैनेजिंग डाइरेक्टर और देबजानी मुखर्जी एक्ज़ीक्यूटिव डाइरेक्टर के तौर पर इस गोरखधंधे का संचालन कर रहे थे।और उसकी पत्नी देवजानी मुखर्जी ने कुणाल घोष, रजत मजुमदार, मेदन मित्रा, श्रिनजॅय बोस और संधीर अग्रवाल की टीम बनाई और इसके जरिए 239 प्राइवेट कंपनियां खड़ी कीं जो स्पोर्टस, मीडिया, होटल-रेज़ार्ट, एक्सपोर्ट से लेकर रिअल्टी आयुर्वेदिक, आटोमोबाइल आदि क्षेत्रों में सक्रिय थीं। सुदीप्त पर मनी लांड्रिंग का भी आरोप था।
फिल्म स्टार मिथुन चक्रवर्ती बीस लाख रुपए मासिक पर सारदा के ब्रांड एम्बेसडर रहे। तृणमूल कांग्रेस सांसद-नेता कुणाल घोष पंद्रह लाख रुपए मासिक पर चैनल 10 के सीईओ रहे, इसके अलावा भी इन्हें कई करोड़ रुपए के भुगतान किए गए थे। सुदीप्त ने चैनल 10, तारा न्यूज और प्रतिदिन मीडिया समूह बनाया था जिसके तहत बंगला सहित पांच भाषाओं में आठ समाचार पत्रों की आड़ में गोरखधंधा चला रहा था।
कारनामा उजागर होने पर फरार सुदीप्त को 2013, अप्रैल में जम्मू-कश्मीर में गिरफ्तार किया गया। देबजानी भी पकड़ी गई और इन दोनों के साथ ही रजत मजुमदार, मेदन मित्रा, कुणाल घोष, संधीर अग्रवाल और श्रिनजॅय बोस को भी गिरफ्तार कर जेल में बंद कर दिया गया था। राजनैतिक संलग्नता के चलते इनकम टैक्स, सीबीआई और ईडी बहुचर्चित सारदा चिटफंड घोटाले की जांच-पड़ताल में जुटी थीं।
प्रणतेश बाजपेयी