अब गांव के किसानों-मजदूरों को मिलेगा घरों का मालिकाना अधिकार

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उत्तर प्रदेश के गांव गिरांव के बाशिंदों को बड़ी राहत मिलने की उम्मीद है क्योंकि केन्द्र सरकार व उत्तर प्रदेश सरकार मिलकर गांव में रहने वाले गरीबों व किसानों के हितो पर एक बड़ा फैसला लिया है। इस फैसले के तहत गांव के बाशिंदों गरीब किसान मजदूर को घर का मालिकाना अधिकार देने की तैयारी है। गरीबों के हितों वाली इस योजना को स्वामित्व योजना का नाम दिया गया है।

उल्लेखनीय है कि अभी तक गांव में रहने वाले किसानों गरीबों व मजदूरों के पास घर का कोई लेखा-जोखा या मालिकाना अधिकार नही होता है। शासकीय अभिलेखों में भी घरों का लेखा-जोखा बमुश्किल मिलता है। जिससे गरीबों किसानों को परेषानियों का सामना करना पड़ता है। खास यह है कि खेती किसानी का मालिकाना हक खसरा खतौनी में होता है, लेकिन घरों का मालिकाना हक मिलना मुश्किल होता है। स्वामित्व योजना के तहत उत्तर प्रदेश सरकार फिलहाल गांव का सर्वेक्षण करा रही है।

स्वामित्व योजना के प्रथम चरण में फिलहाल 54 हजार से अधिक गांव का चयन किया गया है। अभी तक गांव की आबादी का लेखा जोखा किसी भी विभाग के पास नही होता है। राजस्व अभिलेखों में भी आबादी को गाटा सख्ंया के रूप में दर्ज किया जाता है। जिसका कब्जा वही मालिक की नीति अक्सर गांव में दिखती है। जिसको लेकर कई बार मारपीट व हत्याएं तक हो जाती है।

इसी समस्या के समाधान के लिए केन्द्र सरकार की स्वामित्व योजना है। योजना क्रियान्वयन उत्तर प्रदेश के लिए सभी 75 जिलों की सभी 350 तहसीलों के 108848 राजस्व ग्रामों में किया जाएगा। सर्वेक्षण के पष्चात् शासकीय एवं निजी सम्पत्तियों के अभिलेख तैयार होगे। इसके पष्चात् गांव में रहने वाले गरीबों किसानों के घरों स्वामित्व के अभिलेख सौपे जाऐगें।