बंद होने की कगार पर मेट्रोपोलिटन स्टाॅक एक्सचेंज

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बंद होने की कगार पर मेट्रोपोलिटन स्टाॅक एक्सचेंज….. ‌ मेट्रोपोलिटन स्टाॅक एक्सचेंज लिमिटेड (एमएसईआई, पूर्व में इसका नाम एमसीएक्स-एसएक्स था) खराब दौर से गुजर रहा है। इसे मुंबई स्टाॅक एक्सचेंज (बीएसई) और नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (एनएसई) जैसे धुरंधरों से बाजारी प्रतिस्पर्धा में अपना अस्तित्व बचा पाना असंभव सा हो गया है। कभी भी इसके बंद होने के समाचार से आश्चर्य नहीं होना चाहिए।

मुंबई में स्थित मेट्रोपोलिटन स्टाॅक एक्सचेंज में जान डालने की कई बार कोशिशें की गईं लेकिन बात बनी नहीं। प्रमोटरों ने अंतरराष्ट्रीय स्तर की तजुर्बेकार लतिका एस कुंडू को बड़ी उम्मीदों के साथ मेट्रोपोलिटन स्टाॅक एक्सचेंज का मैनेजिंग डायरेक्टर -सीईओ बनाया था, वह नेशनल स्टॉक एक्सचेंज में भी थीं और सिंगापुर मर्केंटाइल एक्सचेंज को भी अच्छे से संभालने में सफल रही थीं। लेकिन अन्य प्रतिकूल कारणों से यहां पर कामयाबी उनसे दूर ही रही। उन्होंने इसे नया जीवन देने के प्रयास में २०१९-२० में ८० लाख रुपए की कंप्यूटर टु कंप्यूटर लिंक (सीटीसीएल) परियोजना कार्यान्वित करने के लिए जिस तीन सदस्यीय टीम को अधिकृत कर जिम्मेदारी सौंपी थी उसी ने गड़बड़ किया। सीटीसीएल का ठेका चंडीगढ़ की फर्म यू ट्रेड को दिया था। अधिकृत टीम ने सटीसीएल परियोजना को पूरा किए बगैर यू ट्रेड को भुगतान करा दिया।

अधिकृत टीम में तत्कालीन अंतरिम सीईओ बालू नायर, सीआईएसओ- वाइस प्रेसीडेंट कुंदन जामवार और सीएफओ कुणाल सांघवी थे। अनय गड़बड़ियों की शिकायतों पर सेबी द्वारा की गई जांच में टीम के तीनों अधिकारी दोषी पाए गए, सेबी ने पिछले सप्ताह तीनों अधिकारियों पर ११-११ लाख रुपए का जुर्माना किया, वसूली भी हो गई लेकिन एक्सचेंज की हालत और खस्ता हो गई।

एक्सचेंज का कारोबार सिमट गया है आय बहुत घट गई खर्च अपनी जगह पर हैं, नतीजतन २०२२, दिसंबर में समाप्त नौ महीनों में घाटा ४२५ करोड़ रुपए हुआ।। अब एक्सचेंज की आय का प्रमुख स्रोत इसकी सब्सिडियरी क्लियरिंग कार्पोरेशन है। पक्की जानकारी है कि मेट्रोपोलिटन स्टाॅक एक्सचेंज की मान्यता की अवधि आने वाले १५ सितंबर को समाप्त हो जाएगी, बाजार नियामक सेबी मान्यता को समाप्त भी कर सकता है। क्यों सेबी ने पिछले वर्ष २०२२, १६ सितंबर को बड़ी मुश्किल से इसकी मान्यता का एक वर्ष के लिए नवीकरण किया था। एमडी लतिका कुंडू के ऑफिस के फोन पर बात करने का प्रयास किया गया लेकिन संपर्क नहीं हो सका।

प्रणतेश बाजपेयी