हिन्दी-भोजपुरी वैसे ही जैसे बच्चे के लिए माँ और दादी

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हिन्दी फिल्म इंडस्ट्री में जो बहुत अच्छे कलाकार होने के साथ ही साथ बेहद अच्छे इंसान के रुप में जाने जाते हैं, वे हैं महेश राजा। एक दर्जन हिन्दी फिल्मों के साथ ही साथ महेश लगभग दो दर्जन से भी अधिक भोजपुरी फिल्मों में अपने सशक्त अभिनय का लोहा मनवा चुके हैं। उनके द्वारा अभिनीत भोजपुरी फिल्म `कब होईल गऊना हमार’ को राष्ट्रीय पुरस्कार से सम्मानित किया गया। उनकी प्रसिद्ध हिन्दी फिल्में भगत सिंह, चार धाम, दिल परदेशी हो गया और अपने आदि हैं। इसके अतिरिक्त महेश ने कई प्रसिद्ध हिन्दी धारावाहिकों में अभिनय किया है। पिछले दिनों मुंबई में अनंतकोटि ब्रह्मांड नायक साईबाबा के सैट पर हुई, उनसे बात-चीत का अंश यहाँ प्रस्तुत है।

फिल्म इंडस्ट्री में आपकी शुरुवात कैसे हुई महेशजीॽ

1997 की बात है मैं दिल्ली में था और एक दोस्त से पता चला कि एक सीरियल की शूटिंग दिल्ली में होने वाली है, मैं भी उत्सुक था और जब मैं दरिया गंज, दिल्ली के आगरा होटल पहुँचा तो मेरी मुलाक़ात विकास कपूर से हुई, जो उस समय -`अंधा युग’ नामक सीरियल की कास्टिंग कर रहे थे। दूरदर्शन के लिए बनने वाला धारावाहिक `अंधा युग’ एडस पर आधारित था। उस समय यह पहला धारावाहिक था, जिसने एडस की भयावहता से समाज को परिचित करवाया। इस धारावाहिक में मुझे बहुत सशक्त भूमिका मिली, मैं उन छह लड़कों में शामिल था जो जवानी के जोश के कारण, एडस के शिकार हो जाते हैं और अपने प्रोफेसर डा. बरुआ की मदद से अपनी बदतर होती ज़िन्दगी को बेहतर बनाते हैं। अंधा युग में मेरे काम को काफी सराहना मिली, उसके बाद मैं मुंबई आ गया और हिन्दी और भोजपुरी फिल्मों के साथ टी वी शोज़ में काम करने लगा।

हिन्दी के साथ ही साथ आपने भोजपुरी फिल्मों में भी काम किया है, इन दो भाषाओं में आपका सम्न्वय और अनुभव कैसा रहाॽ

भोजपुरी मेरी मातृभाषा है और हिन्दी हम सबकी राष्ट्रभाषा, (हँसते हुए) इसे मैं अपने ढँग से कहूँ तो माँ और दादी के साथ जो बच्चे का सम्न्वय रहता है, वही मेरा अनुभव है। बच्चा जितना खुश माँ के पास रहता है उतना ही प्रसन्न दादी के साथ रहता है तो मैं भी दोनों जगह ख़ुश और प्रसन्न हूँ।

अनंतकोटि ब्रह्मांड नायक साईबाबा शो में अपनी भूमिका के विषय में कुछ बताएंॽ

विकास कपूर जिन्हें मैं प्रख्यात लेखक, प्रसिद्ध निर्माता होने से भी पहले अपना बड़ा भाई मानता हूँ, साईबाबा पर शो बनाने जा रहे थे, उनके हर शो में मैं होता ही हूँ पर इस बार अपने चरित्र का चुनाव, मैंने ख़ुद किया और उनसे आग्रह किया कि मैं देवीदास का रोल करना चाहता हूँ।

देवीदास कौन थाॽ

शिर्डी आने के बाद साईबाबा के आरंभिक दिनो में उत्तर भारत से चलकर, शिर्डी पहुँचा देवीदास एक क्रांतिकारी था। साईबाबा को उसका सच मालूम था फिर भी उन्होंने देवीदास को अपनी पनाह में रखा। देवीदास के कारण साईबाबा भी पुलिस और फिरंगी सरकार के निशाने पर आ गए पर उन्होंने परवाह नहीं की। अंनतकोटि ब्रह्मांड नायक साईबाबा में देवीदास की भूमिका बहुत सशक्त है, जो साईबाबा के साथ ही द्वारकामाई में रहा करता था, अंत में साईबाबा, देवीदास की इच्छा न होने पर भी उसे उसके परिवार के पास आगरा भेज देते हैं।

अनंतकोटि ब्रह्मांड नायक साईबाबा शो विकास कपूर की पुस्तक `साई की आत्मकथा’ पर आधारित है, क्या देवीदास का चरित्र श्री साई सच्चरित्र में भी मिलता हैॽ

जी हाँ श्री साईसच्चरित्र के अध्याय-4 में अन्य संतों से संपर्क अध्याय में देवीदास का उल्लेख स्व. हेमाडपंतजी ने भी किया है। श्री साई्सच्चरित्र में देवीदास का उल्लेख भर है परन्तु विकास कपूर ने अपनी पुस्तक में उसे काफी विस्तार दिया है।

सुना है आपका शो अनंतकोटि ब्रह्मांड नायक साईबाबा दूरदर्शन पर बहुत अच्छी टी आर पी ला रहा हैॽ

आपने बिल्कुल सच सुना है, टेलीकास्ट के तीन हफते बाद से ही अनंतकोटि ब्रह्मांड नायक साईबाबा ने सफलता के कीर्तिमान स्थापित करने आरंभ कर दिए थे।

इस सफलता का श्रेय आप किसे देंगेॽ

निसंदेह साईबाबा को, उनकी कृपा से ही सब संभव हुआ और विकास कपूर को जिन्होंने हमेशा की तरह इस बार भी एक शानदार शो का निर्माण किया, साथ ही अनंतकोटि ब्रह्मांड नायक साईबाबा की पूरी टीम बधाई की पात्र है, हमने जिस माहौल में शूटिंग की उसे भुलाया ही नहीं जा सकता, ऐसा लगता था कि हमारा एक परिवार है और हम शूटिंग नहीं पिकनिक मना रहे हो।