भारत सरकार ने 2 करोड़ महिलाओं को दिए 10 हज़ार करोड़

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प्रयागराज। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कहा, प्रयागराज हजारों सालों से हमारी मातृशक्ति की प्रतीक माँ गंगा-यमुना-सरस्वती के संगम की धरती रही है। आज ये तीर्थ नगरी नारी-शक्ति के इतने अद्भुत संगम की भी साक्षी बनी है। ये हम सभी का सौभाग्य है कि आप सभी हमें अपना स्नेह देने, अपना आशीर्वाद देने आई हैं। माताओं-बहनों, मैं यहां मंच पर आने से पहले मैंने बैंकिंग सखियों से, स्वयं सहायता समूह से जुड़ी बहनों से और कन्या सुमंगला योजना की लाभार्थी बेटियों से बात की। ऐसे-ऐसे भाव, ऐसी-ऐसी आत्मविश्वास से भरी बातें ! माताओं बहनों, हमारे यहाँ एक कहावत है- “प्रत्यक्षे किम् प्रमाणम्”।

प्रधानमंत्री ने कहा, यानी, जो प्रत्यक्ष है, जो सामने है, उसे साबित करने के लिए कोई प्रमाण की जरूरत नहीं पड़ती। यूपी में विकास के लिए, महिलाओं के सशक्तीकरण के लिए जो काम हुआ है, वो पूरा देश देख रहा है। अभी यहाँ मुझे मुख्यमंत्री कन्या सुमंगला योजना की एक लाख से ज्यादा लाभार्थी बेटियों के खातों में करोड़ों रुपए ट्रान्सफर करने का सौभाग्य मिला। ये योजना गाँव-गरीब के लिए, बेटियों के लिए भरोसे का बहुत बड़ा माध्यम बन रही है। यूपी ने बैंक सखी का भी जो अभियान शुरू किया है, वो महिलाओं को रोजगार के अवसरों के साथ ही उनके जीवन में भी बड़े बदलाव ला रहा है। सरकार से अलग अलग योजनाओं का जो पैसा सीधे डायरेक्ट बैनिफिट ट्रांसफर (डीबीटी) के जरिए खाते में आता है, ये पैसा निकालने अब बैंक नहीं जाना पड़ता। बैंक सखी की मदद से ये पैसा गाँव में, घर पर ही मिल जाया करता है। यानी, बैंक सखी बैंक को गाँव तक लेकर आ गई हैं। और जो लोग सोच रहे होंगे कि ये तो छोटा सा काम है, उन्हें मैं ये भी बताना चाहता हूं कि बैंक सखियों का काम कितना बड़ा है।

प्रधानमंत्री ने कहा, यूपी सरकार ने इन बैंक सखियों के ऊपर ऐसे करीब 75 हजार करोड़ के लेन-देन की ज़िम्मेदारी सौंपी है। 75 हजार करोड़ रुपये का कारोबार यह गाँव में रहने वाली मेरी बहने मेरी बेटियाँ कर रही हैं। जितना लेन-देन गाँव में होगा, उतनी ही उनकी आमदनी भी होगी। इनमें से ज़्यादातर बैंक सखियाँ वो बहनें हैं, कुछ साल पहले तक जिनके खुद के बैंक खाते भी नहीं थे। लेकिन आज इन महिलाओं के हाथों में बैंकिंग की, डिजिटल बैंकिंग की ताकत आ गई है। इसलिए, देश देख रहा है कि यूपी में कैसे काम हो रहा है। और तभी तो मैं कहता हूँ, “प्रत्यक्षे किम् प्रमाणम्”॥

प्रयागराज में मातृशक्ति महाकुम्भ में प्रधानमंत्री ने जहां नारी शक्ति, देश की शक्ति का मंत्र दिया तो वहीं उन्होंने सरकारी प्रोत्साहन व योजनाओं से जुड़कर स्वावलंबन से आत्मनिर्भरता की डगर पर बढ़ चलीं महिलाओं से संवाद भी किया।

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कहा, यूपी ने टेक होम राशन, जच्चा-बच्चा को दिये जाने वाले पोषण को तैयार करने की ज़िम्मेदारी भी महिलाओं के हाथों में सौंपी है। ये पोषण वाला राशन और आहार अब सेल्फ हेल्प ग्रुप में साथ मिलकर महिलाएं खुद बनाएँगी। ये भी बहुत बड़ा काम है, सालाना हजारों करोड़ रुपए का काम है। जिन 202 पुष्टाहार उत्पादन यूनिट्स का आज शिलान्यास हुआ है, उनसे सेल्फ हेल्प ग्रुप्स की महिलाओं की आमदनी भी होगी, और गाँव के किसानों का भी बहुत बड़ा लाभ होगा। गाँव की महिलाएं अपनी फ़ैक्टरी में पुष्टाहार बनाने के लिए फसल-अनाज गाँव से ही तो खरीदने वाली हैं। यही तो सशक्तिकरण के वो प्रयास हैं जिन्होंने यूपी की महिलाओं का जीवन बदलना शुरू कर दिया है। सरकार, अलग-अलग सेक्टर्स में, स्वयं सहायता समूहों को जो साहयता दे रही है, इसकी एक किस्त के तौर पर आज मुझे एक हजार करोड़ रुपए ट्रान्सफर करने का सौभाग्य मिला है। यूपी के विकास की धारा अब किसी के रोकने से रुकने वाली नहीं है। उत्तर प्रदेश की महिलाओं ने, माताओं-बहनों-बेटियों ने ठान लिया है – अब वो पहले की सरकारों वाला दौर, वापस नहीं आने देंगी। डबल इंजन की सरकार ने यूपी की महिलाओं को जो सुरक्षा दी है, जो सम्मान दिया है, उनकी गरिमा बढ़ाई है, वो अभूतपूर्व है।

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कहा, बेटियां कोख में ही ना मारी जाएं, वो जन्म लें, इसके लिए हमने बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ अभियान के माध्यम से समाज की चेतना को जगाने का प्रयास किया। आज परिणाम ये है कि देश के अनेक राज्यों में बेटियों की संख्या में बहुत वृद्धि हुई है। प्रसव के बाद भी बिना चिंता के अपने बच्चे की शुरुआती देखरेख करते हुए, मां अपना काम जारी रख सके, इसके लिए महिलाओं की छुट्टी को 6 महीने किया गया है।

प्रधानमंत्री ने कहा, गर्भावस्था के दौरान गरीब परिवारों में मातृ स्वास्थ्य, चिंता का एक बहुत बड़ा कारण रहा है। इसलिए हमने गर्भवती महिलाओं के टीकाकरण, अस्पतालों में डिलिवरी और गर्भावस्था के दौरान पोषण पर विशेष ध्यान दिया। प्रधानमंत्री मातृवंदना योजना के तहत गर्भावस्था के दौरान 5 हज़ार रुपए महिलाओं के बैंक खाते में जमा किए जाते हैं, ताकि वो उचित खान-पान का ध्यान रख सकें। अभी तक 2 करोड़ से ज्यादा बहनों को लगभग 10 हज़ार करोड़ रुपए दिए जा चुके हैं।

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कहा, रोजगार के लिए, परिवार की आमदनी बढ़ाने के लिए जो योजनाएँ देश चला रहा है, उसमें भी महिलाओं को बराबर का भागीदार बनाया जा रहा है। मुद्रा योजना आज गांव-गांव में, गरीब परिवारों से भी नई-नई महिला उद्यमियों को प्रोत्साहित कर रही है। इस योजना के तहत मिले कुल ऋण में से लगभग 70 प्रतिशत महिलाओं को दिए गए हैं। दीनदयाल अंत्योदय योजना के जरिए भी देश भर में महिलाओं को सेल्फ हेल्प ग्रुप्स और ग्रामीण संगठनों से जोड़ा जा रहा है। महिला स्वयं सहायता समूह की बहनों को तो मैं आत्मनिर्भर भारत अभियान की चैपिंयन मानता हूं। ये स्वयं सहायता समूह, असल में राष्ट्र सहायता समूह हैं। इसलिए, राष्ट्रीय आजीविका मिशन के तहत 2014 से पहले के 5 वर्षों में जितनी मदद दी गई, बीते 7 साल में उसमें लगभग 13 गुणा बढ़ोतरी की गई है। हर सेल्फ हेल्प ग्रुप को पहले जहां 10 लाख रुपए तक का बिना गारंटी का ऋण मिलता था, अब ये सीमा भी दोगुनी यानि 20 लाख की गई है।

प्रधानमंत्री ने कहा, शहर हो या गांव, महिलाओं के लिए हमारी सरकार, हर छोटी-बड़ी मुश्किलों को ध्यान में रखते हुए फैसले ले रही है। कोरोना के इस काल में आपके घर का चूल्हा जलता रहे, इसके लिए मुफ्त राशन देने की व्यवस्था हमारी ही सरकार ने की। महिलाएं रात की पाली में भी काम कर सकें, इसके लिए नियमों को आसान बनाने का काम हमारी ही सरकार ने किया। खदानों में महिलाओं के काम करने पर जो कुछ बंदिश थी, वो हमारी ही सरकार ने हटाई है। देशभर के सैनिक स्कूलों के दरवाजे, लड़कियों के लिए खोल देने का काम हमारी ही सरकार ने किया है। रेप जैसे संगीन अपराधों की तेज़ सुनवाई के लिए हमारी सरकार देशभर में करीब 700 फास्ट ट्रैक कोर्ट्स स्थापित कर चुकी है।

प्रधानमंत्री ने कहा, बिना किसी भेदभाव, बिना किसी पक्षपात, डबल इंजन की सरकार, बेटियों के भविष्य को सशक्त करने के लिए निरंतर काम कर रही है। अभी कुछ दिन पहले ही केंद्र सरकार ने एक और फैसला किया है। पहले बेटों के लिए शादी की उम्र कानूनन 21 साल थी, लेकिन बेटियों के लिए ये उम्र 18 साल की ही थी। बेटियाँ भी चाहती थीं कि उन्हें उनकी पढ़ाई लिखाई के लिए, आगे बढ़ने के लिए समय मिले, बराबर अवसर मिलें। इसलिए, बेटियों के लिए शादी की उम्र को 21 साल करने का प्रयास किया जा रहा है।

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कहा, 5 साल पहले यूपी की सड़कों पर माफियाराज था.. यूपी की सत्ता में गुंडों की हनक हुआ करती थी.. इसका सबसे बड़ा भुक्तभोगी कौन था? मेरे यूपी की बहन-बेटियाँ थीं। उन्हें सड़क पर निकलना मुश्किल हुआ करता था। स्कूल, कॉलेज जाना मुश्किल होता था। आप कुछ कह नहीं सकती थीं, बोल नहीं सकती थीं। क्योंकि थाने गईं तो अपराधी, बलात्कारी की सिफ़ारिश में किसी का फोन आ जाता था। योगी जी ने इन गुंडों को उनकी सही जगह पहुंचाया है। आज यूपी में सुरक्षा भी है, यूपी में अधिकार भी हैं। आज यूपी में संभावनाएं भी हैं, आज यूपी में व्यापार भी है। मुझे पूरा विश्वास है, जब हमारी माताओं बहनों का आशीर्वाद है, इस नई यूपी को कोई वापस अंधेरे में नहीं धकेल सकता।