बादलों संग सैर बस हर पल रोमांच…………. जंपुई हिल स्टेशन: मखमली एहसास जंपुई हिल स्टेशन को धरती का श्रंगार कहा जाये तो शायद कोई अतिश्योक्ति न होगी। प्राकृतिक सौन्दर्य की निराली छटा का यहां अपना एक अलग ही आनन्द है। त्रिपुरा का यह हिल स्टेशन देश दुनिया में संतरा महोत्सव के लिए खास ख्याति रखता है। समुद्र तल से करीब 1000 मीटर ऊंचाई पर स्थित जंपुई हिल स्टेशन में प्राकृतिक सुन्दरता के इन्द्रधनुषी रंग दिखते हैं। शीतल एवं शांत हवा के झोके मन मस्तिष्क को एक सुखद आनन्द से सराबोर कर देते हैं। एहसास होता है कि जैसे प्रकृति की गोद में अठखेलियां कर रहे हों। बादलों की आवाजाही ह्मदयस्पर्शी होती है। स्पर्श करते हुये बादल गुजर जायें तो मन मस्तिष्क रोमांचित हो उठता है। बादलों का समूह कभी अचानक हिल स्टेशन को गोद में ले लेता है तो कभी पर्यटकों के साथ खिलंदडपन करने लगता है। यह सब कुछ बेहद मनलुभावन होता है। बादलों का यह स्पर्श बेहद रोमांचकारी शीतलता प्रदान करता है। संतरा, अदरक, कॉफी के बागान की यहां एक लम्बी श्रंखला है। यहां के फलों के स्वाद एवं शुद्धता का कोई जोड़ नहीं। जंपुई हिल स्टेशन संतरा की सोंधी सुगंध से महकता रहता है। उत्तरी पूर्व त्रिपुरा के इस हिल स्टेशन से सूर्योदय एवं सूर्यास्त देखना निश्चय ही अविस्मरणीय होता है। जंपुई हिल स्टेशन के आसपास एक दर्जन से अधिक गांव हैं। इन गांवों में अधिसंख्यक आबादी मिजो समुदाय की है। चौतरफा पर्वत श्रंखला एवं घाटियां-वादियां एक मखमली एहसास कराती हैं। हिल स्टेशन से घाटियों-वादियों का मनोरम दृश्य दिखता है। जंपुई हिल स्टेशन के वांगमुन गांव में पर्यटक आवास है। पर्यटक यहां से हिल स्टेशन का भरपूर आनन्द ले सकते हैं। यूं कहें कि जंपुई पर्यटकों के लिए किसी स्वर्ग से कम नहीं है तो शायद कोई बड़ी बात न होगी। जंपुई के गांवों में संस्कृति एवं परम्पराओं का शानदार अवलोकन होता है। जंपुई का चेरो नृत्य खास लोकप्रिय है। इसे बांस नृत्य भी कहा जाता है। पर्यावरण संवर्धित वन क्षेत्र, लुभावनी घाटियों-वादियों, खूबसूरत झरनों से आच्छादित यह हिल स्टेशन देश विदेश के पर्यटकों का पसंदीदा है। यहां की अपनी एक समृद्ध संस्कृति है। प्राचीन स्मारकों एवं विरासतोें की श्रंखला पर्यटकों के दिलों-दिमाग पर अमिट छाप छोड़ती है। सुखद जलवायु के लिए प्रसिद्ध जंपुई हिल स्टेशन का विहंगम दृश्य अति मनोहारी होता है। पर्यटक यहां त्रिपुरी पारम्परिक व्यंजन का भी लुफ्त उठा सकते हैं। इस व्यंजन को माई बोरोक कहा जाता है। त्रिपुरा का यह भोजन स्वादिष्ट एवं हल्के मसालेदार होता है। खास यह कि इस इलाके में लकड़ी के परम्परागत आवास आकर्षक होते हैं। हालात यह हैं कि त्रिपुरा की समृद्ध सांस्कृतिक विरासत ने जंपुई हिल स्टेशन को आदर्श पर्यटन बना दिया है। जंपुई हिल स्टेशन की यात्रा तो वर्ष पर्यंत कभी भी की जा सकती है। फिर भी नवम्बर के दौरान जंपुई हिल स्टेशन की यात्रा बेहतरीन होती है। कारण इस अवधि में जंपुई का ऑरेंज फेस्टिवल आयोजित होता है। इसे पर्यटन महोत्सव भी कहते हैं। बारिश का मौसम भी यहां बेहद खुशगवार होता है। यह एक आदर्श अनुभव होता है। जंपुई हिल स्टेशन यात्रा के सभी आवश्यक संसाधन उपलब्ध हैं। निकटतम एयरपोर्ट अगरतला है। निकटतम रेलवे स्टेशन कुमारघाट है। पर्यटक जंपुई हिल स्टेशन की यात्रा सड़क मार्ग से भी कर सकते हैं।