लखनऊ। उत्तर प्रदेश को वन ट्रिलियन डॉलर की इकॉनमी बनाने के लिए प्रयासरत योगी सरकार उत्तर प्रदेश को सेमीकंडक्टर मैन्युफैक्चरिंग का हब बनाने के लिए निरंतर प्रयास कर रही है। इसी क्रम में उत्तर प्रदेश 11 से 13 सितंबर तक ग्रेटर नोएडा के इंडिया एक्सपो मार्ट में सेमीकॉन इंडिया 2024 की मेजबानी करने जा रहा है। सेमीकॉन के साथ ही इलेक्ट्रॉनिका इंडिया 2024 व प्रोडक्ट्रॉनिका इंडिया 2024 का भी आयोजन किया जा रहा है। इन कार्यक्रमों में मेजबान राज्य के तौर पर उत्तर प्रदेश की सहभागिता खुद सीएम योगी सुनिश्चित कर रहे हैं। बुधवार को सेमीकॉन इंडिया 2024 का उद्घाटन समारोह पीएम नरेंद्र मोदी की उपस्थिति में होगा। सीएम योगी आदित्यनाथ भी कार्यक्रम में उपस्थित रहेंगे।
वह आयोजन में इनवेस्टर्स के साथ दो सेशन में वन टू वन कार्यक्रमों में हिस्सा लेंगे। इसके साथ ही, वर्क फोर्स पवेलियन डेवलपमेंट पवेलियन का उद्घाटन भी उनके द्वारा किया जाएगा। उल्लेखनीय है कि सेमिकॉन इंडिया 2024 में 17 देशों के 255 प्रतिनिधि हिस्सा ले रहे हैं। इसमें भारत समेत अमेरिका, जापान व साउथ कोरिया जैसे देशों के दिग्गज प्रमुख हैं। भारत वैश्विक सेमीकंडक्टर उद्योग में एक उभरता हुआ प्लेयर और उत्तर प्रदेश इस क्षेत्र में अपार संभावनाओं को संजोए हुए है। ऐसे में, आयोजन में इन्हीं फैक्टर्स पर फोकस करते हुए चिप निर्माण समेत विभिन्न उद्योगों को प्रदेश में निवेश के लिए आकर्षित किया जाएगा। उल्लेखनीय है कि यूपी ट्रेड शो 2024 के ठीक पहले हो रहे इस आयोजन के कारण वैश्विक पटल पर ब्रांड यूपी का बड़े स्तर पर प्रचार व प्रसार हो सकेगा।
उत्तर प्रदेश की असीम संभावनाओं पर रहेगा फोकस : सेमीकॉन इंडिया 2024 के अंतर्गत 11 से 13 सितंबर तक तीनों दिन सुबह 10 बजे से शाम 6 बजे तक प्रदर्शनी आयोजित की जाएगी, जिसमें दुनिया भर के सेमीकंडक्टर मैन्युफैक्चर्स अपने स्टॉल्स लगाएंगे। पहले दिन 11 बजे प्रधानमंत्री मोदी सेमीकॉन इंडिया का शुभारंभ करेंगे। इसके बाद स्मार्ट मैन्युफैक्चरिंग, वर्कशॉप्स का आयोजन होगा। भारत में सेमीकंडक्टर इकोसिस्टम पर एक प्रस्तुतिकरण भी किया जाएगा। दूसरे दिन क्रॉस रीजनल पार्टनरशिप, फ्लेक्सिबल हाईब्रिड इलेक्ट्रॉनिक्स, सप्लाई चेन मैनेजमेंट, माइटी इंडस्ट्री एकेडमिया वर्कशॉप्स और सस्टेनेबिलिटी सेशन आयोजित होंगे। वहीं अंतिम दिन 13 सितंबर को माइक्रोन द्वारा पैकेज मैन्युफैक्चरिंग बूटकैंप, आईईएसए द्वारा सेमीकंडक्टर की अब तक की जर्नी पर प्रस्तुतिकरण होगा। आईएसए द्वारा सेमीकंडक्टर फैब्रिकेशन का इंट्रोडक्शन भी कराया जाएगा। कार्यक्रम में उत्तर प्रदेश सरकार की ओर से आईटी व इलेक्ट्रॉनिक्स विभाग तथा उत्तर प्रदेश शासन के अधीन कार्यरत यूपी इलेक्ट्रॉनिक्स कॉर्पोरेशन लिमिटेड (यूपीएलसी) में प्रतिभाग कर रहे हैं। विभाग की ओर से 145 स्क्वेयर मीटर क्षेत्र में प्रसार वाले पवेलियन की स्थापना व संचालन भी किया जा रहा है जो प्रदेश की उपस्थिति दर्ज कराने के साथ ही इलेक्ट्रॉनिक्स, सेमीकंडक्टर व चिप निर्माण के क्षेत्र में सेक्टर फेवरिंग नीतियों का प्रमोशन करेगा। साथ ही, यहां इनवेस्टर्स के साथ बैठकों का भी आयोजन किया जाएगा और ऐसे ही दो सेशंस में बुधवार को सीएम योगी भी हिस्सा लेंगे।
ईको सिस्टम के विकास का मार्ग होगा प्रशस्त : सेमीकॉन इंडिया प्रदर्शनी और सम्मेलन, इलेक्ट्रॉनिका इंडिया और प्रोडक्ट्रोनिका इंडिया के साथ आयोजित किया जाएगा, जो दक्षिण-पूर्व एशिया के सबसे बड़े इलेक्ट्रॉनिक्स उद्योग मेले में से एक हैं। सेमीकॉन इंडिया के अब तक के विभिन्न संस्करणों में 200 से अधिक कंपनियों के 24 हजार से अधिक प्रतिनिधि भाग ले चुके हैं। अन्य सभी सेमीकॉन एक्सपोजिशन की तरह, सेमीकॉन इंडिया भी व्यापक प्रदर्शनियों, सूचनाप्रद कार्यक्रमों और अद्वितीय नेटवर्किंग के अवसर प्रदान करेगा। इसमें विभिन्न देशी और विदेशी कंपनियों का आगमन होगा, जो यहां लोकल लीडर्स और सरकारी अधिकारियों से मुलाकात करेंगे और भारत के बढ़ते सेमीकंडक्टर इकोसिस्टम को देखेंगे, ताकि उन्हें अपने बिजनेस के विस्तार के नए अवसर मिल सकें। देश में तकनीकी विकास को आगे बढ़ाने और घरेलू मांग को पूरा करने के लिए, भारत सेमीकंडक्टर मिशन (इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय की एक पहल) ने एएमडी, अप्लाइड मटेरियल्स और माइक्रोन टेक्नोलॉजी जैसी बड़ी कंपनियों को अपने चिप क्षेत्र में निवेश करने के लिए आकर्षित किया है। भारत के सेमीकंडक्टर उद्योग को विकसित करने में मदद करने के लिए सेमी और मेसे मुएनचेन इंडिया, इलेक्ट्रॉनिक इंडस्ट्रीज एसोसिएशन ऑफ इंडिया-ईएलसीआईएनए के साथ इस कार्यक्रम के लिए साझेदारी कर रहे हैं। अनुमान है कि इस क्षेत्र का चिप बाजार 2026 तक 55 बिलियन डॉलर से अधिक हो जाएगा। ऐसे में उत्तर प्रदेश सरकार भी इस क्षेत्र में संभावनाओं को देखते हुए सेमीकंडक्टर उद्योगों को आमंत्रित कर रहा है।
सेमीकंडक्टर व इलेक्ट्रॉनिक मैनुफैक्चरिंग के लिहाज से इसलिए मुफीद है उत्तर प्रदेश
-उत्तर प्रदेश में सेमीकंडक्टर मैन्युफैक्चरिंग की असीम संभावनाएं हैं और योगी सरकार ने निवेशकों को इस क्षेत्र में निवेश के लिए प्रोत्साहित करने के लिए सेमीकंडक्टर इकोसिस्टम बनाने पर जोर दिया है।
-इसके लिए प्रदेश में पहली बार सेमीकंडक्टर पॉलिसी लागू की गई है।
-यूपी सेमीकंडस्टर नीति के तहत भारत सरकार द्वारा अनुमोदित कैपिटल सब्सिडी पर 50 प्रतिशत अतिरिक्त कैपिटल सब्सिडी का प्राविधान किया गया है।
-इसके अतिरिक्त पॉलिसी में कंपाउंड सेमीकॉन्डस्टर/सिलिकॉन फोटोनिक्स/सेंसर/एटीएमपी/ओएसएटी के लिए 75% की लैंड रिबेट भी प्रदान की गई है।
-वहीं ड्यूअल ग्रिड नेववर्क के साथ ही 10 वर्षों के लिए इलेक्ट्रिसिटी ड्यूटी में शत प्रतिशत की छूट प्रदान की जा रही है।
-इसके अलावा, 25 वर्षों के लिए अंतर्राज्यीय बिजली खरीद, ट्रांसमिशन और व्हीलिंग शुल्क 50 प्रतिशत की छूट, स्टांप ड्यूटी और रजिस्ट्रेशन फीस पर 100 प्रतिशत छूट और प्रति वर्ष 5 प्रतिशत ब्याज सब्सिडी (अधिकतम 7 करोड़ रुपए) दिए जाने की भी व्यवस्था की गई है।
-उत्तर प्रदेश द्वारा वर्ष 2020 में इलेक्ट्रॉनिक्स विनिर्माण नीति लाई गई है जिसके जरिए प्रदेश में इलेक्ट्रॉनिक्स उद्योग को बढ़ावा देने, इलेक्ट्रॉनिक क्लस्टर्स की स्थापना व ईएमसी स्ट्रक्चर के विकास पर सब्सिडी समेत अन्य लाभ देने के प्रावधान किए गए हैं।
-उत्तर प्रदेश वह राज्य है जिसकी खुद की एफडीआई पॉलिसी है और इसके माध्यम से वह इन्वेस्टर्स को प्रश्रय देने के साथ इन्सेन्टिव भी उपलब्ध कराने का माध्यम सुनिश्चित करता है।