लोनावाला हिल स्टेशन निश्चय ही बादलों की निकटता का एहसास कराएगा। महाराष्ट्र में मुम्बई एवं पुणे के मध्य स्थित ‘लोनावाला हिल स्टेशन” प्राकृतिक सौन्दर्य का एक एहसास है। मानों जैसे स्वर्ग ही धरती पर उतर आया हो। समुद्र तल से करीब दो हजार फुट की ऊंचाई पर स्थित ‘लोनावाला हिल स्टेशन” अपनी आगोश में प्राकृतिक सौन्दर्य का खजाना समेटे है।
‘लोनावाला हिल स्टेशन” ऐतिहासिक धरोहरों से आच्छादित है तो वहीं प्राचीन गुफाओं एवं सुन्दर झीलों की श्रंखला रखता है। ‘लोनावाला हिल स्टेशन” में एहसास होता है कि जैसे बादलों संग चहलकदमी कर रहे हों। मानसून के मौसम में ‘लोनावाला हिल स्टेशन” में लुफ्त का अंदाज ही कुछ आैर रहता है। ‘लोनावाला हिल स्टेशन” को रोमांच एवं रोमांस के लिए सर्वाधिक उपयुक्त स्थान माना जाता है। गर्म हवा के गुब्बारे में सवारी का आनन्द उठाना हो या फिर पैराग्लाइडिंग के मजे लेने हों तो ‘लोनावाला हिल स्टेशन” सबसे बेहतरीन स्थान है।
सहयाद्री पर्वत श्रंखला का हिस्सा ‘लोनावाला हिल स्टेशन” ट्रैकिंग एवं पर्वतारोहण के लिए भी बेहतरीन है। विशेषज्ञों की मानें तो लोनवाला का शाब्दिक अर्थ लेन एवं अवली से मिल कर बना है। लेन का आशय पत्थरों को काट कर आश्रय स्थल बनाना एवं अवली का आशय श्रंखला से है। लोनावाला कभी यदुवंशियों के प्रभाव वाला क्षेत्र था लेकिन मुगल शासकों ने लोनावाला के सामरिक महत्व को ध्यान में रख कर विकास को रफ्तार दी। मराठा एवं पेशवा साम्राज्य का इतिहास भी समृद्धशाली रहा।
‘लोनावाला हिल स्टेशन” एवं खंडाला पर्वत की खोज तत्कालीन बाम्बे प्रेसीडेंसी गर्वनर लॉर्ड एल्फिंस्टन ने 1871 में की थी। ‘लोनावाला हिल स्टेशन” क्षेत्र में प्राकृतिक सौन्दर्य से आच्छादित आकर्षणों की एक लम्बी श्रंखला है। इनमें लोनावाला झील, कार्ला गुफा, लोहागढ़, नागफनी, भुसीबांध, लोनावाला झील, रायवुड पार्क, शेर का प्वाइंट, कैवल्य धाम, भोरघाट, कुन फॉल्स एवं विसापुर किला आदि इत्यादि हैं।
लोनावाला झील: लोनावाला झील वस्तुत: शहर के बाहरी इलाका में स्थित एक अति सुरम्य क्षेत्र है। इनरायनी नदी के किनारे स्थित लोनावाला झील सुन्दरता एवं शांत प्रकृति का एहसास कराती है। झील में मानसून की अवधि में आनन्द का खास अनुभूति होती है। पर्यटक वोटिंग के साथ साथ पक्षियों के कलरव का भी आनन्द लेते हैं।
भुसीबांध: भुसीबांध ‘लोनावाला हिल स्टेशन” से कुछ ही दूरी पर स्थित है। बांध क्षेत्र पर्यटकों के साथ ही स्थानीय बाशिंदों के लिए भी एक शानदार पिकनिक स्पॉट है। यहां एक प्राकृतिक विशाल वाटर पार्क है। भुसीबांध का दृश्यावलोकन बेहद मनमोहक होता है। चट्टानों से जल का कल-कल बहना बेहद रोमांचक होता है।
कार्ला की गुफाएं: कार्ला की गुफाएं ‘लोनावाला हिल स्टेशन” की विशिष्टता का एक आयाम है। ‘लोनावाला हिल स्टेशन” के निकट करली में प्राचीन बौद्ध गुफाओं का परिसर है। यह बौद्ध अनुयायियों का एक तीर्थस्थल भी है। इस परिसर में आठ बौद्ध गुफाएं हैं।
लोहागढ़ किला: लोहागढ़ किला ‘लोनावाला हिल स्टेशन” के निकट एक पुरातात्विक धरोहर है। इसे आयरन किला भी कहा जाता है। यह एक स्मारकीय पहाड़ी है। लोहागढ़ किला भी सहयाद्री पर्वत श्रंखला पर स्थित है। यह क्षेत्र पावना एवं इन्द्राणी घाटियों को विभाजित करता है। यह किला समुद्र तल से करीब एक हजार पचास मीटर ऊंचाई पर स्थित है। विशेषज्ञों की मानें तो इस किला का उपयोग छत्रपति शिवाजी ने बहुतायत में किया था। विदर्भ एवं मराठा राजवंश का इतिहास भी यहां महत्वपूर्ण है।
विसापुर किला: विसापुर किला को सबहगढ़ भी कहा जाता है। पहाड़ के पाश्र्व हिस्सा में स्थित यह किला का ऐतिहासिक महत्व है। इसके निकट दो गुफाएं भी हैं। किला परिसर में एक विहंगम जलाशय भी है।
‘लोनावाला हिल स्टेशन” की यात्रा के लिए सभी आवश्यक संसाधन उपलब्ध हैं। ‘लोनावाला हिल स्टेशन” मुम्बई से 90 किलोमीटर दूर हैं। निकटतम हवाई अड्डा पुणे में है। ‘लोनावाला हिल स्टेशन” क्षेत्र रेलवे मार्ग से भी जुड़ा है। हवाई अड्डा पुणे से ‘लोनावाला हिल स्टेशन” की दूरी 36 मील है। मुम्बई-पुणे हाईवे पर ‘लोनावाला हिल स्टेशन” स्थित होने के कारण सड़क मार्ग का भी उपयोग किया जा सकता है।