गन्‍ना किसानों की सहूलियत के लिए बनेंगे पूछताछ टर्मिनल

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गन्‍ना माफियाओं की रोकथाम के लिए केन्‍द्रों पर नहीं होगी एडवांस गन्‍ना तौल

गन्‍ना किसानों की खुशहाली के लिए सरकार के उठाए कदम हो रहे कारगर

लखनऊ। गन्‍ना किसानों की समस्‍याएं दूर करने के लिए प्रदेश की 119 चीनी मिलों व 169 सहकारी गन्ना समितियों में पूछताछ टर्मिनल बनाए जाएंगे, ताकि यहां आने वाले किसानों की समस्‍याएं मौके पर ही दूर की जा सके। इसके लिए गन्‍ना विभाग की ओर से निर्देश जारी कर दिए गए हैं। वहीं, गन्‍ना माफियाओं की रोकथाम के लिए गन्‍ना केन्‍द्रों पर अब एडवांस गन्‍ना तौल नहीं होगी।

प्रदेश सरकार ने साढ़े 4 सालों में किसानों की आमदनी बढ़ाने के साथ-साथ उनको तकनीक से जोड़ने काम किया है। इससे किसानों की उपज व आमदनी बढ़ी है। वहीं, हाल में ही मुख्‍यमंत्री योगी आदित्‍यनाथ ने गन्‍ना समर्थन मूल्‍य में 25 रुपए प्रति कुंतल की बढ़ोत्‍तरी कर किसानों को बड़ी सौगात दी है। मुख्‍यमंत्री का कहना है कि इससे गन्‍ना किसानों के जीवन में खुशहाली आएगी। अब गन्‍ना किसानों की सहूलियत के लिए चीनी मिलों व गन्‍ना समितियों में पूछताछ टर्मिनल बनाए जाने का निर्णय लिया गया है। इससे किसान अपने खेत में बोए गए पेंड़ी व पौधा गन्ने का रकबा व क्षेत्रफल, पर्ची की संख्या व भुगतान संबंधी जानकारी आसानी से हासिल कर सकेंगे। इसके लिए उन्हें अपना गांव व कृषक कोड बताना होगा। पूछताछ टर्मिनल पर मौजूद अधिकारी किसानों की समस्‍या का समाधान प्राथमिकता पर करेंगे।

गन्‍ना विभाग के अधिकारियों के मुताबिक किसी किसान का पर्ची पर निर्धारित वजन से कम गन्‍ना तौल है और सट्टा अवशेष रहा जाता है, तो किसान को पेराई सत्र के अंत में अतिरिक्‍त पर्ची दी जाएगी। इसकी मांग किसान काफी समय से कर रहे थे, जिसे पूरा कर दिया गया। इसके अलावा सैन्‍य कृषक सदस्‍यों को गन्‍ना आपूर्ति में एक जनवरी से 20 प्रतिशत की प्राथमिकता दिए जाने का निर्णय भी लिया गया है। अधिकारियों के मुताबिक विभाग की ओर से कुछ समितियों में टर्मिनल पूछताछ केन्‍द्र बनाए गए थे लेकिन अब सभी चीनी मिलों व समितियों में केन्‍द्र बनाए जाने का फैसला लिया गया है। इससे प्रदेश के सभी किसानों को फायदा मिल सकेगा।