जीएसटी एपीलेट ट्रेब्युनल शीघ्र, हर राज्य में बेंच… केंद्र सरकार शीघ्र ही जीएसटी अपीलीय न्यायाधिकरण (एपीलेट ट्रिब्यूनल-जीएसटीएटी) की स्थापना करेगी। ट्रिब्यूनल की राष्ट्रीय पीठ दिल्ली में होगी और हर राज्य में खंड पीठें स्थापित की जाएंगी। लोकसभा ने शुक्रवार को इस आशय के प्रस्ताव को स्वीकृति दे दी। इसके साथ ही वित्त विधेयक 2023 में कुल 64 संशोधनों को भी मंजूरी मिल गई।
संशोधनों के तहत म्युचुअल फंड्स के बांड्स पर निवेशकों को मिलने वाले लांग टर्म कैपिटल गेन को समाप्त कर दिया जाएगा। इसके अलावा निश्चित अवधि वाले शार्ट टर्म के वित्तीय उत्पादों पर कर दर 10 से बढ़ाकर 20 फीसद कर दी जाएगी और शेयर बाजार में फ्यूचर ऐंड ऑप्शंस कांट्रैक्ट्स पर ट्रांज़ैक्शन टैक्स की दर मेभी वृद्धि की गई है। ये संशोधन 1अप्रैल से लागू कर दिए जाएंगे।
कर दरों में बढ़ोतरी और म्युचुअल फंड्स के बांड्स पर लांग टर्म कैपिटल गेन खत्म किए जाने से शुक्रवार को शेयर बाजार में नकारात्मक प्रतिक्रिया हुई। सप्ताह के अंतिम कारोबारी दिन शुक्रवार को बीएसई व एनएसई पर कंपनियों के शेयरमूल्यों में और सूचकांकों में गिरावट दर्ज की गई। जीएसटी अपीलीय न्यायाधिकरण की स्थापना से दोतरफा राहत मिलेगी।
2017में जीएसटी प्रणाली लागू होने के कुछ ही समय बाद स्पष्ट प्रावधानों के न होने से कर विवाद होने लगे थे और उनकी संख्या तेजी से बढ़ने के त्रिकोणीय दुष्परिणाम सामने आए। कर विवाद से करदाताओं की परेशानियां बढ़ीं और विवादों में कर राजस्व के अटकाव से सरकार का वित्त भी प्रभावित हो रहा था।
तीसर दुष्परिणाम यह हुआ कि जीएसटीएटी के अभाव के कारण विवादित मामले उच्च न्यायालयों और उच्चतम न्यायालय में जाने लगे, इससे न्यायालयों के ऊपर अतिरिक्त कार्यबोझ बढ़ गया। जीएसटी प्रणाली 2017 में लागू की गई थी और कर विवादों के निपटान के लिए कोई व्यवस्था नहीं की गई थी। नतीजतन लागू होने के पांच-छ:सालों में जीएसटी विवादों की संख्या लाखों में पहुंच गई, और इनमें फंसी राशि जब अरबों रुपए के स्तर पर जा पहुंची तब सरकार इनके निपटान को लेकर सक्रिय हुई।
अंततः जीएसटी परिषद की मंत्रणा पर जून 2022 में मंत्री समूह का गठन कर उसे समाधान निकालने की जिम्मेदारी सौंपी गई। मंत्री समूह की अनुशंसा पर अब जीएसटीएटी का गठन किया जा रहा है, इसकी राष्ट्रीय पीठ दिल्ली में और प्रत्येक राज्य में खंडपीठ का गठन किया जाएगा। चालू वित्तीय वर्ष 2023_23 में जीएसटी संग्रह काफी अधिक हुआ है। अप्रैल 2022से लेकर फरवरी 2023तक यानी इस वित्तीय वर्ष के ग्यारह महीनों में 16,45,925 लाख करोड़ रुपए का जीएसटी संग्रह किया गया।
प्रणतेश बाजपेयी