विदेश की सैर अब पड़ेगी महंगी, लगा 20 प्रतिशत टैक्स

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विदेशी सैर अब महंगी पड़ेगी, ठोंक दिया20% टैक्स…… भारतीयों को दूसरे देशों में भ्रमण करना महंगा हो जाएगा। अभी तक सैर सपाटे के लिए विदेश यात्रा पर एक निर्धारित सीमा तक विदेशी मुद्रा खर्च पर टैक्स नहीं देना पड़ता था। और उस सीमा से अधिक खर्च पर भी सिर्फ पांच प्रतिशत की दर से टैक्स देना पड़ता था। लेकिन अब ऐसा नहीं चलेगा।

दरअसल 1जुलाई से बीस प्रतिशत की दर से खर्च की गई धनराशि पर टैक्स भरना होगा वह भी ट्रांज़ैक्शन के साथ ही टैक्स कट जाएगा। वित्त मंत्रालय ने विदेश भ्रमण के लिए जाने वाले भारतीय पर्यटकों के टुअर पैकेज और वहां होने वाले अन्य खर्चों पर टैक्स लगाने का प्रस्ताव 2023-24 के बजट में ही कर दिया गया था। विदेश भ्रमण पर जाने वाले भारतीय पर्यटकों को उदारीकृत प्रेषण योजना (लिबराइज़्ड रेमिटेंस स्कीम-एलआरएसआई) के तहत टैक्स कलेक्शन ऐट सोर्स (टीसीएस) पर बीस प्रतिशत टैकस ले लिया जाएगा।

हमारी जानकारी यह है कि वित्त मंत्रालय ने भारतीय पर्यटकों की विदेश यात्राओं में क्रेडिट कार्ड के जरिए होने वाले ट्रांज़ैक्शन्स पर कड़ी नज़र रखने का निर्देश भारतीय रिज़र्व बैंक(आरबीआई) को दिया है। सही बात तो यह है कि भारतीय पर्यटकों द्वारा विदेश में सैरसपाटे पर बड़े पैमाने पर होने वाली विदेशी मुद्रा खर्च वित्तमंत्रालय को खटक रहा था। टैक्स ठोंक कर वित्त मंत्रालय एक तीर से दो शिकार करने की रणनीति को अपना रहा है, बीस प्रतिशत टैक्स लगाने से एक तरफ राजस्व में बढ़ोतरी होगी तो दूसरी ओर पर्यटन पर होने वाले विदेशी मुद्रा खर्च में कमी आएगी जो किसी हद तक चालू खाता घाटा ( करेंट एकाउंट डेफिसिट) को कम करने में मददगार होगी।

उदाहरण के तौर पर कोई भारतीय पर्यटक विदेश भ्रमण पर चार लाख रुपए की मुद्रा खर्च करेगा तो उसे 80 हजार रुपए टैक्स देना पड़ेगा। क्रेडिट कार्ड्स के जरिए किए जाने वाले ट्रांज़ैक्शन्स के आंकड़ों का विश्लेषण करना और उससे आवश्यक आंकड़ों को निकालना मुश्किल होता है। एक जानकार चार्टर्ड एकाउंटेंट का कहना है कि क्रेडिट कार्ड्स से अरबों की संख्या में ट्रांज़ैक्शन्स होते हैं इसलिए इनकी एनालिसिस कठिन होता है। टैक्स का सीधा प्रभाव पर्यटकों के साथ साथ टूअर पैकेज चलाने वाली ट्रवेल एजेंसियों और कंपनियों पर पड़ेगा जैसाकि एक प्रमुख कंपनी के शीर्ष अधिकारी विशाल सूरी कहते हैं कि कोरोना के कुप्रभाव से पर्यटन उद्योग काफी उबर आया है टैक्स इसकी स्पीड पर ब्रेक जैसा काम करेगा। वैसे विदेश भ्रमण पर जाने वाले भारतीय पर्यटक हर साल खरबों रुपए की मुद्रा ख़र्च करते हैं, 2018-19 में 480 करोड़ डॉलर, 2019-20 में 695 करोड़ डॉलर, 2020-21 (कोरोना वर्ष) में 323 करोड़ डॉलर, 2021-22में 700 करोड़ डॉलर ख़र्च किए गए।

आरबीआई के आंकड़ों से पता चलता है भारतीय पर्यटकों ने चालू वित्तीय वर्ष 2022-23 में अप्रैल से लेकर दिसंबर तक के नौ महीनों में 995 करोड़ डॉलर ख़र्च किए। अब अप्रैल 2018 से दिसंबर 2022 तक यानी चार साल नौ महीनों में (पांच साल में तीन माह कम) कुल मिलाकर 3190करोड़ डॉलर (डॉलर के सापेक्ष रुपया की औसत विनिमय दर 80 मान लें तो) यानी 2 लाख 55 हजार करोड़ रुपए से भी ज्यादा धनराशि विदेशी सैर सपाटे पर खर्च हो गई।

प्रणतेश बाजपेयी