करें घरेलू उपचार, सदा रहें निरोग

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हमारी रसोई के घरेलू उपाय और देसी कारगर नुस्खे बीमार होने पर रोग बढ़ने से पहले ही रोग की प्रारंभिक दशा में ही आपको स्वस्थ्य कर के अस्पतालों के चक्कर जांचों का झंझट और शारीरिक मानसिक तकलीफों सभी से छुटकारा दिलाने का सशक्त उपाय है। डॉक्टर रविंद्र पोरवाल केंद्रीय आयुष मंत्रालय भारत सरकार के बोर्ड मेंबर के साथ-साथ श्रीनाथ आयुर्वेद चिकित्सालय सिविल लाइंस भगवत दास घाट रोड कानपुर के मुख्य चिकित्सक हैं, उन्होंने अपने 30 वर्ष के चिकित्सकीय अनुभव के आधार पर कुछ घरेलू और बहुत ही लाभकारी अनुभूत नुस्खे दिए हैं।

तुलसी के 8 से 10 पत्तियां और पीपल के 10 से 15 कोमल भूरे रंग के पत्तों को दो काली मिर्च दो लौग और थोड़ा सा अदरक का टुकड़ा डालकर लगभग 50 ग्राम ताजे जल के साथ मिक्सी में पीस लें और इसे छानकर खूब गरम कर ले। थोड़ा सा शहद मिलाकर प्रातः एवं सायकाल सेवन करने से दमा के मरीज को बहुत आराम मिलता है। जिनकी सांस फूलती है.. चलना फिरना दूभर हो गया है.. रात भर तकिया पेट पर लगाकर बैठे-बैठे खासते रहते हैं.. अत्यधिक मात्रा में कफ निकलता है और थोड़ा सा भी श्रम करने पर सांस की गति बेलगाम हो जाती है। दवाओं ने असर करना कम कर दिया है.. स्टेरॉइड्स पर निर्भरता बढ़ती जा रही है.. ऐसे रोगियों के लिए इस नुस्खे का प्रयोग अमृत सदृश्य लाभकारी है।

8 से 12 पीपल के कोमल पत्ते 50 ग्राम ताजा एलोवेरा का जेल और लगभग 2 इंच लम्बा उंगली की मोटाई के बराबर का गिलोय का टुकड़ा लेकर मिक्सी में पीस छानकर शहद मिलाकर प्रातः खाली पेट पीने से बढ़ा हुआ एलडीएल कोलेस्ट्रॉल जो बहुत बुरा कोलेस्ट्रोल माना जाता है नियंत्रण में आ जाता है.. हृदय को ताकत मिलती है और हार्ट अटैक का खतरा बहुत ही कम हो जाता है। फैटी लीवर के लिए भी यह अत्यंत लाभकारी अचूक नुस्खा है और केवल 8 सप्ताह में ही दोबारा अल्ट्रासाउंड कराने पर लीवर की सामान्य रिपोर्ट देखकर बड़े-बड़े चिकित्सक भी हैरत में पड़ जाते हैं। डायबिटीज की नए रोगियों विशेषकर युवाओं में यह नुस्खा के बल पर ही और योगासन के अभ्यास से ही बड़ी हुई रक्त शर्करा को सामान्य स्थिति में ले आता है लेकिन पुराने गंभीर मधुमेह के मरीज जिनकी दवाइया खाते खाते भी शुगर बढ़ती जा रही है। हृदय फेफड़ों और लीवर पर बहुत बुरा प्रभाव पड़ रहा है। मधुमेह की दवाइयां भी समय के साथ साथ बढ़ती जा रही हैं। उनके लिए यह महा औषधि अंधकार में सूर्य के प्रकाश की तरह कल्याणकारी है। बच्चों से लेकर बड़ों तक को जिन्हें पेट की गैस बनना पेट में दर्द एसिडिटी भूख कम लगना आदि शिकायत रहती है.. लीवर कमजोर है.. उन्हें इस अचूक नुस्खे का सेवन कराया जा सकता है। यह निरापद नुस्खा है और 3 महीने में कठिन से कठिन लीवर लोगों को काबू कर संपूर्ण पाचन संस्थान को बल प्रदान करता है।

अश्वचालनासन, चरण आसन, पक्षी आसन और धनुरासन 4 आसनों का प्रातः काल सूर्योदय के समय एक एक मिनट तक अभ्यास पीपल के पेड़ के नीचे दरी बिछाकर करने से एंजायटी डिप्रेशन अनिद्रा डर भय के साथ-साथ मन मस्तिष्क के विकार ठीक हो जाते हैं। इन आसनों के साथ-साथ यदि 2 मिनट तक चरण आसन का भी अभ्यास किया जाए तो अत्यधिक क्रोध गुस्सा आना सनकीपन झक्की स्वभाव चिड़चिड़ापन, बात बात में झगड़ा मारपीट और लड़ाई करने वाले स्वभाव के बच्चो और बड़ों के लिए बहुत लाभ देता है। इसके नियमित अभ्यास से कर्कश निर्दयी स्वभाव भी कोमल और दयावान हो जाता है। वही नींद ज्यादा आए सुबह से ही थकान और आलस्य आने लगे बैठे-बैठे पलक झपकना और नींद का झोंका आने लगे, इसके साथ साथ आत्मविश्वास में कमी आ जाए थोड़ी सी ही कोई घटना होने पर मन घबराने लग जाए दिल की धड़कन बढ़ जाए और घबराहट बेकाबू होने लगे अचानक ब्लड प्रेशर बढ़ जाए तो पीपल या नीम के पेड़ के नीचे पक्षी आसन, लक्ष्मणासन का अभ्यास बहुत लाभ देता है।

सर्दी में आंखों बालों व त्वचा की विभिन्न समस्याओं को निर्मूल करने के लिए एक आंवला और आधा किलो गाजर का जूसर में जूस बनाकर प्रातः नाश्ते के बाद पी लेना चाहिए। शाम के समय भी इसे एक बार फिर दोबारा पिया जा सकता है। इससे असमय सफेद हो रहे बाल सफेद होना रुक जाते हैं। बालों का झड़ना और पतलापन भी ठीक हो जाता है। जिन्हें गाजर और आंवला का जूस पीने से सर्दी खासी और जुकाम हो जाता है। वह इसमें दो लौग काली मिर्च और थोड़ा सा अदरक डालकर गाजर आंवले का जूस निकाले और घूट घूट करके पिए तो जुकाम नहीं होगा।