फ़िलहाल देश में कोई उपचुनाव नहीं होंगे। भारत निर्वाचन आयोग ने इस आशय का फैसला लिया है। भारत के संसदीय क्षेत्रों में तीन रिक्तियां यानी दादरा और नगर हवेली, 28-खंडवा (मध्य प्रदेश) और 2-मंडी (हिमाचल प्रदेश) और विधानसभा क्षेत्रों में आठ रिक्तियों यानी हरियाणा में 01-कालका और 46-ऐलनाबाद, राजस्थान में 155-वल्लभनगर, कर्नाटक में 33-सिंदगी, 47-राजबाला और मेघालय में 13- मावरिनक्नेंग (एसटी), हिमाचल प्रदेश में 08-फतेहपुर और आंध्र प्रदेश में 124-बडवेल (एससी) अधिसूचित हैं। कुछ अन्य रिक्तियां भी हैं, जिनके लिए रिपोर्ट और अधिसूचनाओं का इंतजार हैं।
जनप्रतिनिधित्व अधिनियम, 1951 की धारा-151ए के प्रावधानों के अनुसार, किसी भी निर्वाचन क्षेत्र में जगह खाली होने की तारीख से छह महीने के भीतर उपचुनाव के माध्यम से जगह को भरने की आवश्यकता होती है, बशर्ते कि खाली हुई सीट के शेष कार्यकाल की अवधि एक वर्ष या उससे अधिक हो।
आयोग ने इस मामले की समीक्षा की है और निर्णय लिया है कि देश में कोविड-19 की दूसरी लहर के कारण जब तक महामारी की स्थिति में सुधार नहीं हो जाता है और इन उपचुनावों को कराने के लिए परिस्थितियां अनुकूल नहीं हो जाती हैं, तब तक उपचुनाव करना उचित नहीं होगा।