लखनऊ। प्रयागराज के महाकुंभ में आग लगने की घटना और उसके बाद खालिस्तान लिबरेशन फ्रंट की धमकी वाले कथित ईमेल के बाद सुरक्षा एजेंसियों ने अपनी कार्रवाई तेज कर दी है। इसी क्रम में एटीएस ने सुल्तानपुर से एक संदिग्ध को पकड़ा है। ये कई दिनों से यहां पहचान छिपा कर रह रहा था।
प्रयागराज के महाकुंभ की सुरक्षा को लेकर योगी सरकार पूरी तरह सतर्क है। महाकुंभ के सेक्टर 7 में आग लगने की घटना के बाद सुरक्षा एजेंसियां सक्रिय हो गई थीं। जानकारी के अनुसार इस आग लगने की घटना में लगभग 200 टेंट जल गए थे। इसको सुरक्षा व्यवस्था में बड़ी सेंध माना गया। विपक्षी दलों ने इसको लेकर सरकार पर ढेर सारे सवाल खड़े किए थे। हालांकि अग्निशमन दस्ते ने तुरंत कार्रवाई करते हुए आग पर बहुत जल्दी काबू पा लिया था।
इस घटना को चुनौती के रूप में लेते हुए एटीएस ने अपने तंत्र का जाल बिछा दिया। और इस जाल में शनिवार को यह संदिग्ध फंस भी गया। एजेंसी ने सुल्तानपुर जिले के कादीपुर इलाके से पंजाब के फाजिल्का के रहने वाले मान सिंह को गिरफ्तार किया है। आरोप है कि वह कई दिनों से सुल्तानपुर में फर्जी पहचान के साथ रह रहा था।
सूत्रों के अनुसार एजेंसी की छानबीन में जो प्राथमिक तथ्य उभर के आए हैं, उसके अनुसार इस संदिग्ध के तार प्रयागराज में हुए अग्निकांड से जुड़े हुए दिखाई दे रहे हैं। बताया जाता है कि महाकुंभ में जब आग लगने की घटना हुई तो उसके ठीक पहले एक ट्रेन उस पुल के ऊपर से गुजरी थी। उसी के बाद से एजेंसियां सक्रिय हो गई थीं। बताया जाता है कि पकड़े गए संदिग्ध मानसिंह ने भी तभी से सुल्तानपुर में डेरा डाल रखा था। वह जिले के कादीपुर इलाके में अपनी पहचान छुपा कर रह रहा था।
अभयानंद शुक्ल
राजनीतिक विश्लेषक