लखनऊ। स्वावलंबन के मंत्र से महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने, उनके आत्म सम्मान को नई ऊंचाई देने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 21 दिसंबर को भव्य-दिव्य महाकुंभ की धरा प्रयागराज में धनवर्षा करने जा रहे हैं। महिला शक्ति के महाकुंभ सरीखे आयोजन में पीएम मोदी उत्तर प्रदेश राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन के तहत स्वयं सहायता समूहों से जुड़ी महिलाओं, बैंकिंग कारेस्पांडेंट सखी, मुख्यमंत्री कन्या सुमंगला योजना के लाभार्थियों और स्वयं सहायता समूहों की तरफ से संचालित पुष्टाहार उत्पादन इकाइयों को करोड़ो रुपयों की सौगात देंगे। साथ ही मातृशक्ति से संवाद कर उन्हें सफलता का हिमालय चढ़ने के लिए प्रेरित भी करेंगे।
महिलाओं के स्वावलंबन और आत्मनिर्भरता के दृष्टिकोण से 21 दिसंबर का दिन न सिर्फ उत्तर प्रदेश बल्कि पूरे देश के इतिहास में स्वर्णाध्यायी होने जा रहा है। आगामी मंगलवार को पीएम मोदी 1.60 लाख स्वयं सहायता समूहों के खातों में एक हजार करोड़ रुपये अंतरित करेंगे। इन समूहों को मिलने वाली इस रकम से करीब 16 लाख महिलाएं सीधे लाभान्वित होंगी।
इसके साथ ही प्रधानमंत्री के करकमलों से महिला स्वयं सहायता समूहों की तरफ से संचालित 202 पुष्टाहार उत्पादन इकाइयों की आधारशिला भी रखी जाएगी। पीएम के हाथों एक और बड़ा उपहार मिलने जा रहा है। प्रयागराज के इस कार्यक्रम में वह एक लाख एक हजार लाभार्थियों को मुख्यमंत्री कन्या सुमंगला योजना के तहत 20.20 करोड़ रुपये की धनराशि भी उनके बैंक खातों में अंतरित करेंगे।
पीएम के हाथों 80 हजार स्वयं सहायता समूहों को प्रति समूह 1.10 लाख रुपये की दर से 880 करोड़ रुपये का कम्युनिटी इनवेस्टमेंट फंड (सीआईएफ) भी मिलेगा। इसके अलावा 60 हजार स्वयं सहायता समूहों को प्रति समूह 15 हजार रुपये की दर से कुल 120 करोड़ रुपये प्रदान किए जाएंगे।
एक पुष्टाहार उत्पादन इकाई की लागत एक करोड़ : प्रधानमंत्री महिला स्वयं सहायता समूहों की तरफ से संचालित होने वाले जिन 202 पुष्टाहार उत्पादन इकाइयों का शिलान्यास करेंगे, उनमें से हर इकाई की स्थापना पर एक करोड़ रुपये की लागत आएगी। इन इकाइयों के जरिये चार हजार महिलाओं को सीधे रोजगार सुलभ होगा। ये इकाइयां इंटीग्रेटेड चाइल्ड डेवलपमेंट स्कीम (आईसीडीएस) के तहत प्रदेश के 600 ब्लाकों में सहायक पुष्टाहार सामग्री का वितरण करेंगी। सरकार की इस पहल से स्वयं सहायता समूहों को सालान पांच हजार करोड़ रुपये का व्यापार करने का अवसर मिलेगा। चूंकि यह इकाइयां बिलकुल स्थानीय स्तर पर पुष्टाहार बनाएंगी इसलिए स्थानीय स्तर पर ही सामग्री क्रय से किसानों की आय में भी इजाफा होना तय है।
बता दें कि राज्य सरकार पायलट प्रोजेक्ट के तहत विश्व खाद्य कार्यक्रम के सहयोग से इस तरह की दो पुष्टाहार उत्पादन इकाइयों का संचालन सफलतापूर्वक कर रही है। इन इकाइयों मे कार्यरत स्वयं सहायता समूह की सदस्यों को प्रतिमाह आठ हजार का भुगतान भी किया जा रहा है।
10.93 लाख हो जाएगी कन्या सुमंगला योजना के लाभार्थियों की संख्या : प्रधानमंत्री प्रयागराज में 1.01 लाख लाभार्थियों के बैंक खातों में मुख्यमंत्री कन्या सुमंगला योजना के तहत 20.20 करोड़ रुपये की धनराशि अंतरित करेंगे। यह योजना कन्या के जन्म से लेकर उसकी उच्च शिक्षा तक समयानुकुल धनराशि की व्यवस्था के लिए लागू है। इसके तहत सरकार कुल 15 हजार रुपये देती है। दो हजार रुपये कन्या के जन्म के अवसर पर, एक वर्ष पूर्ण होने पर एक हजार, कक्षा एक में प्रवेश पर दो हजार, कक्षा छह में प्रवेश पर दो हजार, कक्षा नौ में प्रवेश पर तीन हजार, कक्षा दस पास करने के उपरांत किसी डिग्री या डिप्लोमा कोर्स में प्रवेश लेने पर पांच हजार रुपये। प्रधानमंत्री द्वारा 1.01 लाख लाभार्थियों को धनराशि अंतरित करने के साथ ही मुख्यमंत्री कन्या सुमंगला योजना के लाभार्थियों की संख्या 9.92 लाख से बढकर 10.93 लाख हो जाएगी। लिंगानुपात सुधार और बालिका शिक्षा को प्रोत्साहित करने के लिए योगी सरकार की यह सफल और महत्वाकांक्षी योजना है।
बीसी सखी को चार हजार मानदेय की सौगात : गांवों में महिला स्वावलंबन और वित्तीय साक्षरता को बढावा देने के लिए योगी सरकार की बैंकिंग कारेस्पांडेंट (बीसी) सखी योजना आत्मनिर्भरता की भी नई इबारत लिख रही है। प्रयागराज के कार्यक्रम में पीएम मोदी प्रदेश की 20 हजार बीसी सखी को चार-चार हजार रुपये मानदेय की सौगात देंगे। यह धनराशि उनके बैंक खातों में ट्रांसफर की जाएगी। प्रदेश सरकार का लक्ष्य राज्य के 58189 ग्राम पंचायतों में बीसी सखी की नियुक्ति की है। अब तक 56875 बीसी सखियों का चयन किया जा चुका है। इनमें से 38341 के प्रशिक्षण का कार्य भी पूर्ण हो चुका है।
प्रशिक्षण प्राप्त करने के उपरांत बीसी सखी चार प्रतिशत ब्याज पर 75 हजार रुपये का लोन स्वयं सहायता समूहों के माध्यम से ले सकेंगी। इस रकम का इस्तेमाल आवश्यक उपकरणों की खरीद पर किया जाएगा। बीसी सखी बैंकों से ओवरड्राफ्ट की सुविधा भी प्राप्त कर सकेंगी। उन्हें किसान सम्मान निधि, मनरेगा, पेंशन आदि योजनाओं के तहत अंतरित राशि से 75 हजार रुपये की निकासी का भी अवसर प्राप्त होगा। बीसी सखियों के होने से गांव के बुजुर्गों व महिलाओं को बैंकों तक भागदौड़ व अन्य असुविधाओं से मुक्ति मिलेगी। राज्य सरकार ने बीसी सखियों के प्रोत्साहन के लिए छह बैंकों को अधिसूचित किया है। इन बैंकों के माध्यम से ही बीसी सखियों को उनके कार्य के एवज में प्रतिमाह चार हजार रुपये मानदेय छह माह तक प्रदान किया जाएगा ताकि वे अपने कार्य को स्थापित कर सकें। एक बार कार्य स्थापित हो जाने पर इन सखियों को बैंकिंग व्यवहारों से आकर्षक कमीशन प्राप्त होगा।