लखनऊ। पूर्वांचल की करोड़ों आंखों में पल रहे सपनों को पीएम मोदी ने मंगलवार को एक्सप्रेस वे पर उतारा। पूर्वांचल में निवेश, उद्योग, रोजगार, स्वास्थ्य और विकास की उम्मीदों को नई उड़ान मिली। मंगलवार दोपहर पूर्वांचल एक्सप्रेस वे को राष्ट्र को समर्पित करने के साथ ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पूर्वांचल के विकास का गेटवे खोल दिया। सुलतानपुर के अरवल कीरी करवत गांव में लाखों लोग इसके गवाह बने। तालियों, नारों और जयकारों के बीच आसमान से एक्सप्रेस वे पर उतरे लड़ाकू विमानों ने भारत की असीम सैन्य क्षमता, अदम्य साहस और राष्ट्रभक्ति का प्रदर्शन कर इस मौके को रोमांचक और यादगार बना दिया।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंगलवार को सुलतानपुर के अरवल कीरी करवत गांव में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की मौजूदगी में 341 किमी लंबे पूर्वांचल एक्सप्रेस वे का लोकार्पण किया। लखनऊ से गाजीपुर तक बने इस 6 लेन एक्सप्रेस वे की शुरुआत के बाद अब पूर्वांचल के लोगों के लिए दिल्ली दूर नहीं रही। अब गाजीपुर से सिर्फ 10 घण्टे में देश की राजधानी पहुंच सकेंगे। पहले गाजीपुर से दिल्ली पहुंचने में 20 घंटे से भी ज्यादा समय लगता था।
योगी सरकार ने पूर्वांचल एक्सप्रेस वे पूर्वांचल में अर्थव्यवस्था के मजबूत प्लेटफार्म के रूप में तैयार किया है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देश पर उत्तर प्रदेश एक्सप्रेस वे औद्योगिक विकास प्राधिकरण (यूपीडा) द्वारा पूर्वांचल एक्सप्रेसवे को उद्योग, व्यापार, रोजगार और विकास के एक्सप्रेस वे के तौर पर तैयार किय गया है। पहले की सरकारों में पूर्वांचल के जिन जिलों में पारंपरिक सड़कें भी चलने लायक नहीं थीं, वहां सिक्स लेन एक्सप्रेस वे विकास का नया युग साबित होगा। एक्सप्रेस वे लोगों के आवागमन के साथ ही आर्थिक तरक्की का सबसे बड़ा मार्ग होगा।
पूर्वांचल एक्सप्रेस वे के दायरे में आने वाले जनपदों में कारोबारी गतिविधियों को नया विस्तार देने के साथ ही एक्सप्रेस वे के दोनों तरफ इंडस्ट्रियल क्लस्टर स्थापित कर स्थानीय श्रम शक्ति को भी सेवायोजित किया जाएगा। इसके लिए पूर्वांचल एक्सप्रेस वे के पास पांच इंडस्ट्रियल क्लस्टर विकसित किए जा रहे हैं। नौ हजार हेक्टेयर से अधिक भूमि चिन्हित भी की गई है।
पूर्वांचल एक्सप्रेस वे के दायरे में आने वाले अधिकांश जिले कृषि प्रधान अर्थव्यवस्था वाले हैं, इसलिए इंडस्ट्रियल क्लस्टर में पहली प्राथमिकता फूड प्रोसेसिंग यूनिट्स पर है। इसके साथ ही टेक्सटाइल, रिफाइंड पेट्रोलियम उत्पाद, बेवरेज, केमिकल, मेडिकल उपकरणों से जुड़ी फैक्ट्रियां भी स्थापित होंगी। इन फैक्ट्रियों में स्थानीय श्रम शक्ति को रोजगार मिल सके, इसके लिए प्रशिक्षण केंद्र स्थापित कर उन्हें प्रशिक्षित भी किया जाएगा।
सुविधा और तकनीक के मायने में खास है पूर्वांचल एक्सप्रेस वे : 22497 करोड़ की लागत से तैयार हो रहा पूर्वांचल एक्सप्रेस वे कई मायनों में देश में सबसे खास है। योगी सरकार ने एक्सप्रेस वे पर आवगमन और आर्थिक विकास का ध्यान रखा है तो सुरक्षा, सुविधा और आसपास के ग्रामीणों की सहूलियतों को भी प्राथमिकता में रखा है। एक्सप्रेस वे को 120 किमी प्रति घण्टे के रफ्तार के लिहाज से डिजाइन किया गया है। हालांकि इस पर वाहनों की गति 100 किमी प्रति घण्टा तय की गई है। एक्सप्रेस वे पर प्रवेश एवं निकासी के लिए 13 स्थानों पर इण्टरचेंज सुविधा दी गई है। परियोजना के आसपास के गांव के लोगों के आवागमन की सुविधा के लिए 402 किमी सर्विस रोड की व्यवस्था है। एक्सप्रेस वे के सभी इण्टरचेंज फ्लाईओवर, दीर्घ सेतु, लघु सेतु और अंडरपास पर सोलर के जरिये लाइट की व्यवस्था की गई है। एक्सप्रेस वे पर 8 प्रसाधन ब्लॉक का निर्माण किया जा रहा है। 8 जनसुविधा परिसरों का निर्माण प्रस्तावित है। वाहनों में ईंधन के लिए एक्सप्रेसवे पर 8 स्थानों पर फ्यूल पम्प स्थापित किये जा रहे हैं, साथ ही 104 जगहों पर सी.एन.जी. स्टेशन स्थापित किया जाना है। एक्सप्रेस वे पर सुरक्षा के लिए पुलिस पेट्रोलिंग, कैटल कैचर वाहन और एम्बुलेन्स तैनात की गई हैं।
गोरखपुर और बलिया लिंक एक्सप्रेस वे से जुड़ेगा पूर्वांचल एक्सप्रेस वे : पूर्वांचल एक्सप्रेस वे को निर्माणाधीन गोरखपुर लिंक एक्सप्रेस वे और बलिया लिंक एक्सप्रेस वे से भी जोड़ा जाएगा। दो लिंक एक्सप्रेस वे से जोड़कर पूर्वी उत्तर प्रदेश में विकास की रफ्तार तीन गुना और बढ़ाई जाएगी। इससे गोरखपुर, संतकबीर नगर, बलिया समेत करीब आधा दर्जन अतिरिक्त जिले पूर्वांचल एक्सप्रेस वे से जुड़ जाएंगे।
लखनऊ-आगरा एक्सप्रेस वे और यमुना एक्सप्रेस वे से भी कनेक्टिविटी : पूर्वांचल एक्सप्रेस वे को आउटर रिंग रोड के जरिये लखनऊ में आगरा एक्सप्रेस वे से जोड़ा जाएगा। निर्माणाधीन आउटर रिंग रोड पूर्वांचल एक्सप्रेस वे और लखनऊ आगरा एक्सप्रेस वे को मोहान और सुलतानपुर रोड के पास कनेक्ट करेगा। आगरा एक्सप्रेस वे के जरिये पूर्वांचल एक्सप्रेस वे को यमुना एक्सप्रेस वे से कनेक्टिविटी मिलेगी, जिससे लोग सीधे दिल्ली पहुंच सकेंगे।
आपात स्थिति में उतर सकेंगे सेना के फाइटर जेट : पूर्वांचल एक्सप्रेस वे को इतना मजबूत बनाया गया है कि आपातकालीन स्थिति में आवश्यकता पर वायुसेना अपने लड़ाकू विमान की लैंडिंग भी कर सकती है। एक्सप्रेस वे पर सुल्तानपुर में बकायदे 3.2 किमी लंबी सड़क को वायुसेना की हवाई पट्टी के रूप में विकसित किया गया है।
पूर्वांचल एक्सप्रेसवे : एक नजर में
*शिलान्यास – 14 जुलाई 2018 पीएम मोदी के कर कमलों से
*ले आउट – पूर्णतः प्रवेश नियंत्रित 6 लेन, कुल लम्बाई 340.824 किमी
*परियोजना की लागत – 22494.66 करोड़ रुपये, भूमि अधिग्रहण समेत
*कवर हुए जनपद – 9 (लखनऊ, बाराबंकी, अमेठी, सुल्तानपुर, अयोध्या, अम्बेडकरनगर, आजमगढ़, मऊ व गाजीपुर)