लखनऊ। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने जब से सत्ता की बागडोर संभाली है, तब से अब तक उन्होंने महिलाओं और बेटियों के उत्थान पर जोर दिया है। मिशन शक्ति और कवच अभियान के जरिए न सिर्फ महिलाओं और बेटियों को संबल मिला है बल्कि प्रदेश के नवयुवकों और पुरूषों को भी महिलाओं और बेटियों के अधिकारों की जानकारी मिली है। मिशन शक्ति से एक ओर महिलाओं को अधिकारों और सरकारी योजनाओं के बारे में जागरूक किया जा रहा है तो वहीं दूसरी ओर प्रदेश के सभी जपनदों में संचालित वन स्टॉप सेंटर के जरिए पीड़ित महिलाओं को सीधे तौर पर मदद मुहैया कराई जा रही है।
प्रदेश भर में वन स्टॉप सेंटर (सखी सेंटर) की ओर से अब तक कुल एक लाख से अधिक मामलों पर त्वरित कार्रवाई कर इन सभी मामलों का निपटारा किया गया। अभियान के तहत जन जागरूकता कार्यक्रमों से महिलाओं और बेटियों का मनोबल बढ़ा है। जिससे आज वो बेहिचक अपनी समस्या को सेंटर के साथ साझा कर रही हैं। 75 जनपदों के ये सखी सेंटर महिलाओं व बेटियों से जुड़े मुद्दो पर सुनवाई व कार्रवाई करते हुए उनकी सीधे तौर पर मदद कर रही है।
विभाग के निदेशक मनोज कुमार राय ने बताया कि कोरोना काल जैसी कठिन परिस्थितियों में भी वन स्टॉप सेंटर के कर्मचारियों ने अपनी सेवाओं को प्रभावित होने नहीं दिया। इन कोरोना वॉरियर्स ने कठिन समय में भी पीड़ित महिलाओं की शिकायतों पर कार्रवाई करते हुए उनको बिना देरी न्याय दिलाने में सहायता की है।
पीड़ित महिलाओं को मिल रही निशुल्क कानूनी सहायता : प्रदेश के सभी जपनदों में संचालित वन स्टॉप सेंटर के जरिए पीड़ित महिलाओं को सीधे तौर पर लाभ मिल रहा है। सखी सेंटर के जरिए पीड़ित महिलाओं को सशक्त बनाते हुए उनकी मदद करने के उद्देश्य से उनको पांच दिन का अल्प प्रवास, चिकित्सकीय सहायता, परामर्शी सेवाएं देने के साथ ही उनको विधिक और पुलिस सहायता भी निशुल्क दी जा रही है। महिलाओं को हेल्पलाइन नंबर समेत निशुल्क तौर पर कानूनी सहायता दी जा रही है जिससे महिलाओं के टूटे मनोबल को बल मिल रहा है।
महिला कल्याण विभाग के निदेशक मनोज कुमार राय ने बताया कि हिंसा से पीड़ित महिलाओं को आवश्यक सेवाएं प्रदान किए जाने के लिए वन स्टॉप सेंटर संचालित किए जा रहे हैं। जिसमें इन पीड़ित महिलाओं की प्रशासकीय कार्यों में मदद के लिए सखी सेंटर में मैनेजर, मनोवैज्ञानिक परामर्शदाता, पैरामेडिकल नर्स, कप्यूटर ऑपरेटर और केसवर्कर कार्य कर रहें हैं।
उन्होंने बताया कि प्रदेश के सभी जपनदों में संचालित वन स्टॉप सेंटर के जरिए पीड़ित महिलाओं को सीधे तौर पर लाभ मिल रहा है। सखी सेंटर के जरिए पीड़ित महिलाओं को सशक्त बनाते हुए उनकी मदद करने के उद्देश्य से उनको पांच दिन का अल्प प्रवास, चिकित्सकीय सहायता, परामर्शी सेवाएं देने के साथ ही उनको विधिक और पुलिस सहायता भी निशुल्क दी जा रही है। इसके साथ ही इमरजेंसीं रिस्पांस और रेस्क्यू सेवाएं भी दी जा रही हैं। इस सेंटर के जरिए दूसरे विभागों से संपर्क कर उनकी सहायता से महिलाओं की शिकायतों पर तुरंत कार्रवाई की जाती है।