लखनऊ। उत्तर प्रदेश के कारीगरों और शिल्पकारों को बढ़ावा देने के उद्देश्य से अवध शिल्पग्राम में यूपी की संस्कृति और विरासत को समेटे हुनर हाट में एक तरफ जहां आंध्र प्रदेश के सुनहरी साड़ी दमक रही है वहीं हाथरस की हींग अपनी खुशबू से सबका ध्यान खींच रही है। बनारस का सिल्क हो या लखनऊ की चिकनकारी, एटा के घुंघरूं हो या पीलीभीत की बांसुरी, बरेली के झुमके हो या अलीगढ़ के ताले… अनेकता में एकता की झलक लिए हुनर हाट से अवध की शाम में चार चांद लगे हैं।
नवाबों की नगरी लखनऊ में ‘आत्मनिर्भर भारत,वोकल फॉर लोकल’ की थीम पर आयोजित हुए ‘हुनर हाट’ में 75 जिलों के बेहतरीन कारीगर और शिल्पकार अपने हुनर से सभी का दिल जीत रहे हैं। हुनर हाट के जरिए प्रदेश समेत दूसरे राज्यों के 600 से अधिक कारीगरों और शिल्पकारों के बेहतरीन उत्पादों को लोग जमकर खरीद रहे हैं।
कारीगर बोले यूपी अवसरों का प्रदेश : ओडीओपी योजना दूसरे प्रदेशों के कारीगरों को लुभा रही है। हुनर हाट में तमिलनाडु, पंश्चिम बंगाल, पंजाब से आई महिला कारीगरों ने कहा कि पहली बार उत्तर प्रदेश में स्टॉल लगाया है। योगी सरकार की स्वर्णिम नीतियों ने यहां के कारीगरों को उचित मंच देकर उनके व्यापार को बढ़ावा दिया है। हुनर हाट में हम लोगों के उत्पादों की खूब बिक्री हो रही है। उन्होंने कहा कि हैंडलूम के मामले में यूपी नंबर वन है यहां की सरकार कारीगरों को बढ़ावा दे रही है। इसका ही परिणाम है कि उनके उत्पाद सरकार द्वारा दूसरे देशों में अब दोगुनी रफ्तार से निर्यात हो रहे हैं।
‘एक जनपद एक उत्पाद’ ने कारीगरों को पहनाई मान की पगड़ी : उत्तर प्रदेश में ओडीओपी योजना के जरिए एक जनपद एक उत्पाद प्रदेश के 75 जनपदों के उत्पादों को एक ओर विशिष्ट पहचान मिली है तो वहीं अन्तर्राष्ट्रीय स्तर पर भी योजना के जरिए जनपद के कारीगरों का मान बढ़ा है। इस हुनर हाट में लोगों को अपने प्रदेश के बेशकिमती उत्पादों को खरीदने का मौका मिल रहा है। साथ ही प्रदेश की संस्कृति, सभ्यता व विरासत से भी लोग रूबरू हो रहे हैं। कन्नौज का इत्र, फिरोजाबाद के कांच, लखनऊ की चिकनकारी व जरदोजी, भदोही के कालीन, बुलंदशहर के सिरामिक्स, कासगंज की जरदोजी, अमेठी के मूंज के उत्पाद, मऊ व मुरादाबाद के धातु के आइटम, अमरोहा के वाद्य यंत्र लोगों को अपनी ओर आकर्षित कर रहे हैं।