कोरोना काल : छात्रों के उज्‍जवल भविष्‍य के लिए आगे आए शिक्षक

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लखनऊ। मुख्‍यमंत्री योगी आदित्‍यनाथ की कल्‍याणकारी बाल सेवा योजना से कोरोना काल में अनाथ हुए बच्‍चों को सीधे तौर पर राहत दी जा रही है। वहीं, सीएम से प्रेरित होकर प्रदेश के शिक्षक भी ऐसे बच्‍चों की मदद करने के लिए आगे आए हैं। लखनऊ, वाराणसी, प्रयागराज, सुल्‍तानपुर समेत दूसरे जिलों के शिक्षक इन बच्‍चों के उज्‍जवल भविष्‍य को संवारने के लिए आगे आए हैं।

लखनऊ विश्‍वविद्यालय में पढ़ने वाले वो छात्र छात्रा जिनके माता या पिता अथवा दोनों का कोरोना संक्रमण से निधन हो गया है उनकी शिक्षा का खर्च उठाने के लिए कुलपति और शिक्षक आगे आए। विश्‍वविद्यालय ने ऐसे करीबन 75 छात्र छात्राओं को चिन्हित किया है। जिन्‍होंने अपने अभिभावकों को खो दिया है। वहीं वाराणसी, प्रयागराज और सुल्‍तानपुर के शिक्षक ऐसे लगभग 1000 बच्‍चों की शिक्षा का पूरा खर्च उठाएंगे।

प्रदेश में एक ओर सरकारी और गैर सरकारी संस्‍थाएं कोरोना काल में अनाथ हुए बच्‍चों को चिन्हित कर उनकी मदद कर रहीं हैं वहीं शिक्षा के क्षेत्र से जुड़े लोग भी इनकी मदद को आगे आए हैं। मुख्‍यमंत्री योगी आदित्‍यनाथ की संवेदनशीलता का ही परिणाम है कि कोरोना काल में जान भी जहान के संकल्‍प को पूरा करते हुए ऐसी कल्‍याणकारी योजनाओं की शुरूआत कर यूपी ने दूसरे प्रदेशों के समक्ष नजीर पेश की है। लखनऊ विश्‍वविद्यालय के कुलपति प्रो आलोक कुमार राय ने बताया कि सीएम योगी आदित्‍यनाथ से प्रेरित होकर कई शिक्षक बच्‍चों की मदद को आगे आ रहे हैं।

शिक्षक बोले, सीएम योगी से मिली दूसरों की मदद करने की प्रेरणा : कोई दुख में हो उसकी मदद करने से बड़ा कोई धर्म नहीं है ये कार्य केवल एक संत ही कर सकता है। यह कहना है वाराणसी के प्राथमिक विद्यालय के सहायक पद पर कार्यरत राकेश पांडे का। उन्‍होंने बताया कि सीएम योगी के इस बड़े फैसले से एक ओर ऐसे बच्‍चों को राहत मिली है वहीं विभिन्‍न क्षेत्रों में कार्य कर रहे समाज के कई लोगों को प्रेरणा मिली है जो दूसरों की मदद करने में सक्षम हैं। उन्‍होंने बताया कि सीएम योगी की मुहिम से प्रेरित होकर जनपद के ऐसे बच्‍चों को चिन्हित किया है कोरोना काल में अपने अभिभावकों को खो देने वाले ऐसे लगभग 50 और पिछले दो सालों में लगभग 500 बेसहारा बच्‍चों की आर्थिक रूप से मदद कर चुका हूं।

सुल्‍तानपुर के राजकीय बालिका इंटर कॉलेज के शिक्षक शैलेन्‍द्र चतुर्वेदी ने बताया कि योगी आदित्‍यनाथ की यह बड़ी योजना बच्‍चों के लिए एक सार्थक पहल है। जिससे सीधे तौर पर प्रदेश के असंख्‍य बच्‍चों को लाभ मिलेगा। उन्‍होंने बताया कि लगातार हम सभी लोग एनजीओ से संपर्क कर जनपद के ऐसे बच्‍चों को चिन्हित कर रहे हैं। अब तक लगभग जपनद के ऐसे 20 बच्‍चों की आर्थिक मदद संग उनकी शिक्षा का पूरा खर्च उठाएंगे।

अनाथ बच्‍चों के लिए सीएम योगी बने मसीहा : लखनऊ के रामस्‍वरूप यूनिवर्सिटी में बतौर एसोसिएट प्रोफेसर कार्यरत सुशील सिंह ने बताया कि सीएम योगी प्रदेश के अनाथ बच्‍चों के मसीहा हैं। प्रदेश के बच्‍चों की शिक्षा, सेहत और भरण पोषण के लिए शुरूआत से योगी सरकार प्रतिबद्ध है। ऐसे में कोरोना त्रासदी में अनाथ बच्‍चों के लिए विशेष कार्ययोजना तैयार कर उनको सीधे तौर पर राहत पहुंचा रही है। उन्‍होंने बताया कि वो सीएम योगी से प्रेरणा लेकर अपनी संस्‍था के जरिए ऐसे लगभग 50 बच्‍चों की शिक्षा और भरण पोषण की पूरी जिम्‍मेदारी उठा रहे हैं। प्रयागराज के अनुपम श्रीवास्‍तव भी आर्थिक रूप से कमजोर ऐसे बच्‍चों की मदद कर रहे हैं। उन्‍होंने बताया कि लगभग 80 से 100 ऐसे जरूरतमंद बच्‍चों की मदद कर रहा हूं।