कोविड-19 के कारण पर्यटन बुरी तरह प्रभावित

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केन्द्रीय संस्कृति और पर्यटन राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) पहलाद सिंह पटेल ने कहा कि वैश्विक महामारी कोविड-19 के कारण पर्यटन सबसे बुरी तरह प्रभावित हुआ है, क्योंकि इससे रोजगार (नौकरियों), कारोबार, विभिन्न समुदायों और एक बड़ी अर्थव्यवस्था अप्रत्याशित रूप से प्रभावित हुई है।

उन्होंने उद्योग को फिर से पटरी पर लाने एवं आपस में जुड़े सात प्रमुख परस्पर नीति क्षेत्रों पर दिशानिर्देशों को लागू करके जनसामान्य, विश्व के लिए समृद्धि के नए अवसरों को सुनिश्चित करने, सुरक्षित आवागमन, संकट प्रबंधन, लचीलापन, समावेश, हरित परिवर्तन, डिजिटल बदलाव और निवेश और ओईसीडी के समर्थन से तैयार किए गए लचीले, टिकाऊ और समावेशी पर्यटन के बुनियादी ढाँचे के लिए व्यापक और प्रासंगिक मुद्दों को इटली की जी20 प्रेजिडेंसी द्वारा प्रमुखता दिए जाने की सराहना और समर्थन किया।

उन्होंने पर्यटन में स्थिरता लाने के लिए नीति क्षेत्र “हरित परिवर्तन” में एक और योगदान के रूप में यूएनडब्ल्यूटीओ (UNWTO) द्वारा प्रस्तुत पर्यावरण अनुकूल यात्रा और पर्यटन अर्थव्यवस्था में परिवर्तन हेतु बनाए गए नियमों को भारत के समर्थन से भी अवगत कराया।

केन्द्रीय संस्कृति और पर्यटन राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) पहलाद सिंह पटेल ने इटली में सम्पन्न जी20 देशों के पर्यटन मंत्रियों की आभासी रूप में (वर्चुअली) हुई बैठक में भाग लिया। मंत्री ने इस कठिन समय में जी20 देशों के पर्यटन मंत्रियों की बैठक आयोजित करने और पर्यटन व्यवसाय एवं रोजगार को संरक्षण देने, के साथ ही यात्रा और पर्यटन की दीर्घकालिक जोरदार वापसी को सहायता देने के लिए नीतियां बनाने हेतु पहल करने के उद्देश्य से सदस्य देशों को एक मंच पर लाने के लिए इटली सरकार के पर्यटन मंत्री मास्सिमो गरावाग्लिया को बधाई दी।

पर्यटन और संस्कृति मंत्री पटेल ने पर्यटन मंत्रालय द्वारा स्थानीय लोगों को रोजगार के अवसरों और स्थायी और जिम्मेदार पर्यटन के माध्यम से आय सृजन गतिविधियों में शामिल करके समुदाय आधारित पर्यटन और ग्रामीण पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए की गई पहलों पर प्रकाश डाला। कोविड के बाद, मंत्रालय का ध्यान अभी तक कम ज्ञात (ऑफ-बीट) गंतव्यों और प्राकृतिक तथा पर्यावरण अनुकूल पर्यटन, वन्यजीवन, आयुर्वेद से जुड़े स्थान, पर्वतारोहण के अलावा पदयात्रा (ट्रेकिंग) को बढ़ावा देने पर केंद्रित होगा। इसके अलावा, भारत में पारंपरिक औषधियों की एक मजबूत और जीवंत प्रणाली है, जो समग्र उपचार प्रदान करती है। भारत दुनिया के सामने योग, आयुर्वेद और पारंपरिक उपचार और आध्यात्मिक परिवेश के अन्य रूपों के माध्यम से कोविड-19 के बाद सहजता,शांति और स्वास्थ्य प्रस्तुत करना चाहेगा।