बदली गांवों की आर्थिक और सामाजिक तस्वीर

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लखनऊ। योगी सरकार ने पिछले 04 सालों में उत्तर प्रदेश के गांवों की तस्वीर और तकदीर बदलने का बेमिसाल काम कर दिखाया है। सरकार के प्रयासों से गांवों की आर्थिक समृद्धि तो हुई है साथ ही वहां का सामाजिक ताना-बाना भी मजबूत बना है। बुनियादी सुविधाओं का विकास और तकनीकी खेती को बढ़ावा मिलने से गांवों में खुशहाली आई है। लोगों को रोजगार के अवसर भी मिले हैं। यही कारण है कि युवाओं का गांव से पलायन रुका है। आंकड़े भी इसकी गवाही दे रहे हैं।

विकास की राह पर उत्तर प्रदेश को आगे बढ़ाते हुए योगी सरकार ने महज 04 सालों में लाखों परिवारों को आवास की सुविधा दी है। एक करोड़ से अधिक परिवारों को बिजली कनेक्शन उपलब्ध कराए हैं। हर गांव की कनेक्टिविटी को बेहतर बनाने के साथ ही गांव-गांव तक ऑप्टिकल फाइबर केबल बिछाने का कार्य युद्धस्तर पर किया जा रहा है। बीते 04 सालों में योगी सरकार ने सबसे अधिक काम गांव के लिये किया हैं। इसी के चलते गांवों की तस्वीर बदली है। गांव के लोग अपने अधिकारों से वंचित न रहें इसके लिये भी सरकार ने कई बड़े कदम उठाए हैं। योगी सरकार का मानना है कि पंचायतें यदि स्वावलंबी बनेंगी तो गांव का हर व्यक्ति स्वावलंबी बन जाएगा।

किसानों को 72302 आवासों का तोहफा : योगी सरकार ने गांव के विकास को आगे बढ़ाने के लिये किसानों को मुख्यमंत्री आवास योजना के तहत 72302 निःशुल्क आवास दिए हैं। इनमें से 49910 आवास निर्मित हो चुके हैं जबकि 22392 आवासों का निर्माण कार्य चल रहा है। इसी के साथ प्रधानमंत्री आवास योजना (ग्रामीण) के तहत उत्तर प्रदेश के गांवों 14 लाख 33 हजार आवास बनाए गये हैं। अभी 16 हजार 835 आवासों का निर्माण कार्य किया जा रहा है। सरकार की मंशा है कि गांव में कोई भी बेघर न हो सभी को आवास सहित बुनियादी सुविधाएं तभी गांव का विकास संभव है।

वनटांगिया गांवों में विकास की एक नई गाथा : मुख्यमंत्री योगी आदित्यानाथ 2007 से लागातर वनटांगिया गांवों में विकास की नई गाथा लिखने का काम किया है। वंनटांगिया गांवों में रहने वाले लोगों को पीने के लिए शुद्ध पानी, चलने के लिए सड़क, रहने के लिए मकान, शौचालय, बिजली, गैस, स्कूल, राशनकार्ड सहित विकास की जितनी भी योजनाएं होती हैं सारी योजनाएं सरकारी ने दी हैं। गौरतलब है कि सीएम योगी ने मुख्यमंत्री बनने के बाद ने जंगलों के बीच रहने वाले वनटंगियों गांवों के लोगों को ग्राम पंचायत में वोट देने का अधिकार दिलाया। वनटांगियां गांवों को राजस्व गांव का दर्जा दिया। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इन गांव की तस्वीर और तकदीर बदलने का काम किया। वे इन गांव में आकर दीपावली भी मनाते रहे हैं। सरकार ने वनटांगिया वर्ग को 4602 आवास और प्रभावित परिवार को भी आवास की सुविधा देकर उनका जीवन स्तर सुधारने का बेमिसाल काम कर दिखाया।

मुसहर गांवों में विकास : उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने 04 साल के कार्यकाल में भूख, कुपोषण, बदहाली और उपेक्षा का दंश झेल रहे मुसहर समाज के लोगों के जीवन में व्यापक परिवर्तन ला दिया है। अब उन्हें न सिर्फ सरकार की सभी योजनाओं का लाभ मिल रहा है, बल्कि वह अब फर्श से अर्श का सफर कर रहे हैं। चार साल पहले तक राशन के अभाव में भूख, कुपोषण, बीमारी और मौत ही इन्हें सुर्खियों में लाते थे, लेकिन किसी सरकार ने इनकी सुध नहीं ली। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सत्ता में आते ही इनके लिए न सिर्फ नई योजनाओं की शुरुआत की, बल्कि धरातल पर योजनाओं का लाभ दिलाने के लिए अधिकारियों के भी पेंच कसे। सरकार ने मुसहर वर्ग को 28295 आवास की सुविधा दी।

गांवों में बनाई गईं 10162 किमी सड़क: उत्तर प्रदेश के गांवों में सामाजिक और आर्थिक विकास ही नहीं बल्कि कृषि, वाणिज्य, पर्यटन और उद्योगों की आय को भी बढ़ावा देने के लिये सड़क का निर्माण कार्य भी युद्ध स्तर पर सरकार की ओर से कराया जा रहा है। बीते 04 सालों में उत्तर प्रदेश सरकार ने प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के तहत 10162 किमी सड़कों का निर्माण कराया है। जबकि 41212 किमी सड़कों की गड्ढामुक्त करने का सबसे बड़ा काम किया है। जिसपर पिछली सरकारों ने कभी ध्यान नहीं दिया। 1574 किमी सड़कों का पीरियाडिक रिन्यूवल भी सरकार की ओर से कराया जाना एक बड़ी उपलब्धि बन गया है। वेस्ट प्लास्टिक, कोल्ड मिक्स, नैनो टेक्नोलोजी, सीसी ब्लाक आदि नयी तकनीक से 29.72 किमी सड़कें निर्मित की गई हैं और करीब 154.78 किमी का कार्य प्रगति पर है।

रोजगार के अवसर में भी रचा कीर्तिमान : योगी सरकार ने गांवों से युवाओं का पलायन रोकने के लिये भी चार सालों में काम किया है। उन्होंने मनरेगा के अन्तर्गत 101 करोड़ मानव दिवस सृजित कर 1 करोड़ 50 लाख श्रमिकों को रोजगार दिया है। प्रदेश की 25 नदियों का पुनरुद्धार कराकर और विगत चार वर्षों में 70 हजार 806 तालाबों का निर्माण कराकर नया कीर्तिमान लिखा है। कृषकों की आय दोगुनी करने के लिए मनरेगा के तहत व्यक्तिगत भूमि पर वृक्षारोपण एवं भूमि विकास के कार्य कराये गये हैं। आजीविका संसाधनों में वृद्धि हेतु बकरी, मुर्गी, भेड़, गाय और भैंस पालन पर जोर दिया है। उत्तर प्रदेश राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन को 75 जनपदों में लागू करने के साथ ही सेल्फ हेल्प के माध्यम से ग्रामीण क्षेत्रों में आजीविका बढ़ाने का काम भी सरकार ने किया है।