जीवन से गायब होती खुशियां

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# शिवचरण चौहान # 20 मार्च विश्व प्रसन्नता दिवस…. 

वर्ष 2013 में संयुक्त राष्ट्र संघ ने भूटान के आग्रह पर 20 मार्च को प्रतिवर्ष विश्व प्रसन्नता दिवस मनाने की घोषणा की थी। वर्ष 2013 से पूरी दुनिया में विश्व प्रसन्नता दिवस मनाया जा रहा है। संयुक्त राष्ट्र संघ ने जो आंकड़े जारी किए हैं उनमें 2020 में दुनिया में सबसे प्रसन्न देशों में फिनलैंड का पहला स्थान है। फिनलैंड सबसे खुशहाल देश निकला है। फिनलैंड लगातार तीसरे साल प्रसन्न देश घोषित हुआ है।संयुक्त राष्ट्र संघ ने भूटान सरकार की मांग पर सकल घरेलू उत्पाद बनाम सकल घरेलू आनंद के सिद्धांत पर वर्ष 2013 से प्रसन्नता दिवस मनाने की शुरुआत की थी।

2019 और 20 कोरोना के कारण पूरी दुनिया में संकट छाया रहा फिर भी फिनलैंड में आनंद की कोई कमी नहीं रही। इसी कारण प्रसन्न देशों की सूची में फिनलैंड पहले स्थान पर है। वर्ष 2013 में डेनमार्क सबसे खुशहाल देश था। वर्ष 2020 में फिनलैंड प्रथम डेनमार्क दूसरे स्थान पर है जबकि नार्वे भी पांच प्रसन्न देशों की सूची में हैं। 156 देशों की सूची में भारत 144 वें स्थान पर है। हमारा पड़ोसी देश पाकिस्तान 66वें स्थान पर है। नेपाल और बांग्लादेश भी गरीब होने के बावजूद भारत से खुशहाल देश हैं। पाकिस्तान बांग्लादेश और नेपाल के लोग भारत से ज्यादा प्रसन्न पाए गए हैं। इन देशों के लोग परोपकारी है।

निराशा, चिंता, उदासी के कारण आज दुनिया के विकसित और विकासशील देशों से हंसी गायब होती जा रही है। खुशहाली गायब होती जा रही है। बढ़ती महंगाई, भविष्य की चिंता, नौकरी जाने का खतरा, नौकरी ना मिलने का खतरा और तमाम तरह के बढ़ाते हैं अपराध और बीमारियां मनुष्य की चिंता के मुख्य कारण हैं।

संयुक्त राष्ट्र संघ ने अपने सर्वे में पाया की प्रगति और विकास मनुष्य की खुशी छीन लेते हैं। संतोष होना ही मनुष्य की खुशी का मुख्य कारण है। इसी कारण गरीब और छोटे देश संपन्न और विकसित देशों से प्रसन्नता वाले देश हैं। यहां के लोग संपन्न देशों से खुशहाल हैं। प्रसन्न देशों में लोगों में बीमारियां कम होती हैं व्याधियां कम पाई गई हैं और औसत व्यक्ति प्रसन्नता अधिक पाई गई है।

प्रसन्न देश के नागरिक अपनी कठिनाइयां भुला कर दूसरों की मदद करते देखे गए जबकि भारत जैसे विकासशील देश में लोग एक दूसरे की मदद नहीं करते हैं स्वार्थी हैं और धोखा देने में आगे हैं। भूटान में एक दूसरे की लोग मदद करते हैं नेपाल में बांग्लादेश और यहां तक कि पाकिस्तान में लोगों में परोपकार की भावना पाई गई जबकि भारत जैसे विकासशील देश में लोग खुदगर्ज ज्यादा निकले।

विश्व प्रसन्नता दिवस पर आप सभी को शुभकामनाएं। आशा है भविष्य में हम अपने पड़ोसी और परिचितों की मदद अपनी कठिनाइयां भूल कर करेंगे और प्रसन्नता प्राप्त करेंगे।

वृक्ष कब हूं नहि फल भखें, नदी न संचय नीर।
परमारथ के कारण साधु न धरा शरीर।।

दिल खोल कर दूसरों की मदद करिए और प्रसन्न रहिए।।