किसानों की राय से बने कृषि कानून उनके हित में मील का पत्थर बनेंगे

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लखनऊ। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा है कि कृषि कानूनों के नाम पर किसानों को गुमराह करना पाप है। नए कृषि कानून किसानों की राय से बने हैं। इनमें किसानों के हित पूरी तरह सुरक्षित हैं। उनकी जमीन उनकी ही रहेगी। करार सिर्फ उपज का होगा। करार वैकल्पिक है न कि बाध्यकारी। इन सबके बावजूद कुछ लोग किसानों को भ्रमित कर रहे हैं। मुख्यमंत्री ने किसानों को आश्वस्त करते हुए स्पष्ट शब्दों में कहा है कि प्रदेश में न तो कृषि उपज मंडी बंद होगी, न ही एमएसपी पर खरीद।

बुधवार को विधानसभा में योगी ने कहा कि एमएसपी पर खरीद का नियम भले ही दशकों पहले बना दिया गया हो, लेकिन क्रय केंद्रों का इंतजाम नहीं किया गया। अब न केवल मण्डियों को तकनीक से जोड़ा जा रहा है, बल्कि किसानों को अपनी वन नेशन-वन मंडी की अवधारणा के साथ पूरे इच्छानुसार कहीं भी उपज बेचने की व्यवस्था दी गई है। मंडियों को बंद करना होता तो सरकार लगातार उनका आधुनिकीकरण नहीं करती। प्रदेश सरकार 27 मंडियों को आधुनिक किसान मंडियों के रूप में विकसित कर रही है। 24 में फलों एवं सब्जियों के संरक्षण के लिए राइपेनिंग और कोल्डस्टोरेज की सुविधा मुहैया करायी जा रही है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि किसान कानून के हवाले से भ्रमजाल रचते हुए कुछ लोग एमएसपी खत्म होने की बात कह रहे हैं, जबकि किसान जानता है कि यही वह सरकार है जिसने हर साल एमएसपी में बढ़ोतरी की। योगी ने कहा कि मक्का के लिए एमएसपी घोषित की। मुख्यमंत्री ने कहा कि वैश्विक महामारी कोरोना के दौरान जब पूरी दुनिया ठप पड़ गयी थी, उस दौरान भी हमने किसानों के हितों का पूरा ख्याल रखा। गेहूं की खरीद की। इसी दौरान 37 गोदामों का शिलान्यास हुआ। किसानों को लाभ पहुंचाने के लिए मंडी शुल्क को 2 से घटाकर 1 फीसद किया गया। 45 जिंसों पर मंडी शुल्क माफ किया। इस दौरान जब देश की आधे से अधिक चीनी मिलें बंद थी उस समय भी प्रदेश की सभी 119 चीनी मिलें चलीं और 31 करोड़ कुंतल गन्ने की पेराई कर किसानों को 5954 करोड़ रुपये का भुगतान किया गया। इसी दौरान सरकार ने किसान कल्याण मिशन के नाम से एक महत्वाकांक्षी कार्यक्रम शुरू किया। किसानों के हित के लिए इस वर्ष आत्मनिर्भर कृषक समन्वित विकास योजनाशुरू की गई है। सीएम योगी ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अगुआई में केंद्र और राज्य सरकार किसानों के हित के लिए प्रतिबद्ध है।

कॉन्ट्रेक्ट खेती में कोई नुकसान नहीं: सीएम ने कहा कि कृषक सशक्तिकरण और संरक्षण कीमत आश्वासन और कृषि सेवा पर करार नियम में कृषि कानूनों में किसानों के हितों का पूरा खयाल रखा गया है। यह उन्हें बिचौलियों से बचाएगा। उनकी जमीन उनकी ही रहेगी। करार केवल कृषि उपज का होगा, जमीन का नहीं। यह करार भी विकल्प है, बाध्यकरी नहीं।

इसी तरह कृषक व्यापार और वाणिज्य संवर्धन और सरलीकरण अधिनियम से किसानों को बाजार में और भी विकल्प उपलब्ध होंगे। यह कानून जून 2020 में लागू हुआ। अब तक कोई मंडी बंद नहीं हुई। आगे भी नहीं होगी। अलबत्ता उनमें होने वाली प्रतिस्पर्धा का लाभ किसानों को मिलेगा।

विपक्ष ने तो किसानों को सिर्फ वोट बैंक समझा
मुख्यमंत्री ने कहा कि दुर्भाग्य से विपक्ष को ये सब काम नहीं दिखते। दरअसल इन लोगों ने किसानों को सिर्फ वोट बैंक समझा उनके हित में कभी काम ही नहीं किया। अब जब केंद्र और प्रदेश सरकार किसानों के हितों के प्रति संकल्पित है तो इनके पेट में दर्द हो रहा है।