बस्ती में भाजपा का बेड़ा पार लगाएंगे तीन क्षत्रिय क्षत्रप

0
215

भगवान श्रीराम के कुलगुरु वशिष्ठ की धरती वशिष्ठी यानि बस्ती में लोकसभा का चुनाव रोचक होता जा रहा है। आगामी 25 मई को होने वाले मतदान के लिए दावेदारों ने अपनी बिसात बिछा दी है। यहां कुछ दिन पहले तक चुनाव भाजपा के पक्ष में एकतरफा जा रहा था किंतु केंद्रीय मंत्री पुरुषोत्तम रुपाला के राजकोट में क्षत्रियों के खिलाफ दिए बयान के बाद माहौल थोड़ा बदलने लगा था। ऐसे में भाजपा ने अपने नए-पुराने सभी क्षत्रिय क्षत्रपों को मैदान में उतार दिया है। इनमें प्रदेश के पूर्व मंत्री राजकिशोर सिंह, नगर बाजार के नगर पंचायत अध्यक्ष राना दिनेश प्रताप सिंह और संतकबीरनगर के भाजपा प्रभारी अजय सिंह गौतम का नाम प्रमुख है। तीनों ने अपनी दौड़ शुरू कर दी है जिसका असर अब दिखने भी लगा है।

बस्ती लोकसभा सीट में पांच विधानसभा क्षेत्र हैं। इसमें हर्रैया, कप्तानगंज, बस्ती सदर, महादेवा और रुधौली आते हैं। भाजपा ने यहां से अपने सिटिंग एमपी हरीश द्विवेदी को मैदान में उतारा है। इंडी गठबंधन ने उनके मुकाबले प्रदेश के पूर्व मंत्री, पूर्व सांसद रामप्रसाद चौधरी को उतारा है। हरीश द्विवेदी जहां भाजपा की केंद्रीय कमेटी के सचिव और पार्टी के रसूखदार नेता हैं वहीं राम प्रसाद चौधरी का इलाके की कुर्मी बिरादरी में बड़ा सम्मान है। उनकी एक आवाज पर पूरी बिरादरी एकजुट हो जाती है। इसलिए यहां पर लड़ाई लगातार रोचक बनी हुई है।

केंद्रीय मंत्री पुरुषोत्तम रुपाला के राजकोट में दिए बयान के बाद यहां पर क्षत्रिय बिरादरी की नाराजगी की बात कही जा रही थी। इसके चलते भाजपा की चुनावी रणनीति थोड़ी कमज़ोर लगने लगी थी। ऐसे में अंतिम समय में भाजपा ने प्रदेश के पूर्व मंत्री राजकिशोर सिंह और पूर्व राज्यमंत्री बृज किशोर सिंह डिंपल को पार्टी में शामिल कर कर माहौल को अपने पक्ष में कर लिया है। दोनों भाइयों का जिले की राजनीति में अच्छा असर है। निश्चित रूप से इसका लाभ भाजपा को चुनावी जीत के रूप में मिलेगा। यहां यह उल्लेखनीय है कि केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह के हाल ही में हुए लखनऊ दौरे के दौरान राजकिशोर सिंह और उनके भाई बृज किशोर सिंह डिंपल ने भाजपा की सदस्यता अमित शाह के सामने ली थी। इस मौके पर पार्टी प्रत्याशी हरीश त्रिवेदी भी मौजूद रहे। राजकिशोर सिंह खुद हर्रैया से विधायक रहे हैं। इसके अलावा उनका पैतृक घर महादेवा विधानसभा क्षेत्र मे और वर्तमान निवास बस्सी सदर विधानसभा क्षेत्र में है। इस तरह वे तीन विधानसभा क्षेत्रों में मजबूत पकड़ रखते हैं। साथ ही उनके छोटे भाई और पूर्व राज्यमंत्री बृज किशोर सिंह डिंपल ने अपनी कर्मभूमि रुधौली विधानसभा क्षेत्र को बना रखा है। भाजपा प्रत्याशी की स्थिति के बारे में पूर्व मंत्री राजकिशोर सिंह का कहना है कि भाजपा प्रत्याशी तो हर हाल में जीत रहा है। बस अब यह देखना यह है कि उसकी बंपर जीत कितने अंतर से होती है। बस हमें अब इसके लिए प्रयास करना है। उनका कहना है कि यहां क्षत्रियों की नाराजगी की कोई बात नहीं है सब मिलकर भाजपा के पक्ष में माहौल बना रहे हैं।

इसके अलावा मंडल के धाकड़ नेता रहे बस्ती जनपद के पूर्व जिला पंचायत अध्यक्ष स्वर्गीय राना कृष्ण किंकर सिंह के राजनीतिक वारिस और उनके भतीजे पूर्व ब्लाक प्रमुख और नगर पंचायत नगर बाजार के अध्यक्ष राना दिनेश प्रताप सिंह उर्फ सुड्डू भी जी जान से लगे हैं। उनका कहना है कि उन्होंने नगर पंचायत में जितने वोटों से जीत दर्ज की थी उसके दोगुना वोट वे भाजपा की झोली में लाकर देंगे। उनका कहना है वैसे तो उन्होंने अपना सारा ध्यान नगर बाजार क्षेत्र में लगा रखा है किंतु यथासंभव जिले के अन्य क्षेत्रों में भी जाकर लोगों को पार्टी के पक्ष में जोड़ रहे हैं। जब उनसे पूछा गया की क्षत्रियों की नाराजगी का कितना असर है तो उन्होंने कहा, बिल्कुल नहीं। इस तरह की बातें यहां पर कोई मतलब नहीं रखतीं। इसके अलावा पूर्वांचल की राजनीति में अहम किरदार रहे प्रदेश के स्वर्गीय विधायक वीरेंद्र प्रताप शाही के भांजे और भाजपा नेता अजय सिंह गौतम भी जिले में सक्रिय हैं। वे पड़ोस के संतकबीरनगर जिले के भाजपा प्रभारी भी हैं। उनका कहना है कि बस्ती प्रभु श्रीराम के कुलगुरु वशिष्ठ की कर्मभूमि है। ऐसे में बस्ती के प्रत्याशी को प्रभु श्रीराम अपना आशीर्वाद न दें, हो ही नहीं सकता। वैसे भी यहां के लोग प्रभु श्रीराम के गुरु भाई होते हैं। इसलिए यहां पर क्षत्रियों की नाराजगी की बात का कोई मतलब नहीं है। भाजपा बस्ती में प्रचंड बहुमत से जीतेगी।

इन तीन क्षत्रिय क्षत्रपों के अलावा फैजाबाद जिले की गोसाईगंज विधानसभा क्षेत्र से विधायक रहे बाहुबली ब्राह्मण नेता इंद्र प्रताप तिवारी उर्फ खब्बू भी फैजाबाद की सीमा से जुड़े हर्रैया और कप्तानगंज विधानसभा क्षेत्रों में लगातार भाजपा प्रत्याशी के लिए प्रचार में लगे हैं। वे फैजाबाद की छात्र राजनीति से भी जुड़े रहे हैं। इसलिए जिले के सीमावर्ती इलाकों में उनका खासा प्रभाव है। पार्टी उनकी इस खासियत का खूब फायदा उठा रही है। वे भी लगातार घूम-घूम कर पार्टी प्रत्याशी हरीश त्रिवेदी के लिए माहौल बनाने में लगे हैं। उनका कहना है कि जनता को सुरक्षा, संस्कृति की रक्षा और विकास चाहिए। और ये सब कुछ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और भाजपा के अलावा कोई दूसरा दे नहीं सकता। ऐसे में जनता का स्वाभाविक जुड़ाव भाजपा की ओर है। उनका दावा है कि भाजपा प्रत्याशी हरीश द्विवेदी यहां हर हाल में जीतेंगे।

दूसरी तरफ विपक्ष के प्रत्याशी राम प्रसाद चौधरी ने भी एड़ी-चोटी का जोर लगा रखा है। वैसे तो उनका प्रभाव क्षेत्र पूरा बस्ती मंडल है किंतु उनकी कुर्मी बिरादरी के वोट महादेवा, रुधौली और बस्ती सदर विधानसभा क्षेत्रों में अधिक हैं। इन क्षेत्रों से उन्हें ज्यादा उम्मीद है। वैसे भी उनका एक बड़ा राजनीतिक कद है जो उनके लिए संजीवनी का काम करता है। वे अपनी बिरादरी के सर्वमान्य नेता माने जाते हैं। किंतु जब से मोदी जी ने मंडल और कमंडल को राजनीतिक रूप से मिक्स कर दिया है तबसे लगभग सारी हिंदू जातियां रामधुन गाने लगी हैं। राम मंदिर बनने के बाद तो स्थितियां और भी बदल गई हैं। उस पर तुर्रा यह कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बीते रविवार को अयोध्या में ऐतिहासिक रोड शो करके पार्टी के पक्ष में जो माहौल बनाया है इसका असर पूरे अवध क्षेत्र में है। बस्ती भी इससे अछूती नहीं है। इस समय लगभग सारे हिंदू रामधुन गाने में लगे हैं। ऐसे में राम प्रसाद चौधरी अपनी वोटों विशेषकर अपनी विरादरी को कितना सहेज पाएंगे, कह पाना मुश्किल है। उधर बहुजन समाज पार्टी के उम्मीदवार लवकुश पटेल उन्हीं की बिरादरी से हैं जो उनके वोट बैंक पर लगातार चोट कर रहे हैं। यहां जब तक दयाशंकर मिश्र बहुजन समाज पार्टी के प्रत्याशी के रूप में थे तब तक राम प्रसाद चौधरी के पक्ष में माहौल ठीक-ठाक चल रहा था। पर बसपा ने अंतिम समय में प्रत्याशी बदलकर राम प्रसाद चौधरी की मुश्किलें बढ़ा दी है। अब यह तो 4 जून को ही पता चलेगा कि जनता के मन में क्या है। क्योंकि जनता तो जनार्दन होती है।

अभयानंद शुक्ल
वरिष्ठ पत्रकार, लखनऊ