तो अब ग्रेटर नोएडा बनेगा इमर्जिंग एजुकेशनल हब

0
306

लखनऊ/ग्रेटर नोएडा। उत्तर प्रदेश को वन ट्रिलियन डॉलर की इकॉनमी व देश के ग्रोथ इंजन के तौर पर स्थापित करने के साथ ही योगी सरकार प्रदेश को इमर्जिंग एजुकेशन हब बनाने पर भी फोकस कर रही है। इसी क्रम में सीएम योगी की मंशा के अनुरूप, ग्रेटर नोएडा को एजुकेशनल हब के तौर पर विकसित करने के लिए रिक्त प्लॉट्स की बिक्री के लिए एक नई स्कीम जारी की गई है। यमुना एक्सप्रेसवे औद्योगिक विकास प्राधिकरण (यीडा) ने सेक्टर 17-ए व 22-ई में 5 केटेगरी के प्लॉट्स के लिए आवेदन मांगे हैं। गुरुवार 28 सितंबर से शुरू हुई इस प्रक्रिया के अंतर्गत 111 से लेकर 174 करोड़ रुपए के बीच प्लॉट्स का प्रीमियम निर्धारित किया गया है जबकि प्रोसेसिंग फीस 5500 व जीएसटी के हिसाब से निर्धारित की गई है।

वर्ल्ड क्लास फैसिलिटीज का मिलेगा लाभ : उल्लेखनीय है कि जेवर एयरपोर्ट, इंटरनेशनल फिल्म सिटी, यमुना एक्सप्रेसवे व बुद्ध सर्किट से निकटता के कारण बेहतर कनेक्टिविटी और पॉड ट्रांजिट सिस्टम के रूप में भारत में अपनी तरह की पहली विश्व स्तरीय परियोजना समेत तमाम सुविधाओं का लाभ प्लॉट लेकर यूनिवर्सिटी व एजुकेशनल इंस्टीट्यूशंस लगाने वालों को मिलेगा। इस परियोजना में प्लॉट्स लेने के इच्छुक आवेदक 27 अक्टूबर 2023 तक अप्लाई कर सकते हैं व अधिक जानकारी के लिए यीडा की आधिकारिक वेबसाइट पर लॉग इन कर सकते हैं।

यीडा की वेबसाइट पर यूनिवर्सिटी प्लॉटिंग्स परियोजना के लिए रिक्त प्लॉट्स का आंकड़ा साझा किया गया है। इसके अनुसार, प्लॉट्स के क्षेत्रफल, सेक्टर, प्रति स्क्वायर मीटर रेट ऑफ अलॉटमेंट व कुल प्रीमियम के बारे में जानकारी दी गई है। ग्रेटर नोएडा के सेक्टर 17-ए में 1.21 लाख स्क्वायर मीटर की प्लॉटिंग संख्या 11 के लिए रेट अलॉटमेंट प्रति स्क्वेयर मीटर की दर 9141 रुपए निर्धारित की गई है। इस पर टोटल प्रीमियम 111.27 करोड़ रुपए निर्धारित किया गया है जो कि सबसे कम है। वहीं, 2.05 लाख स्क्वेयर मीटर के 2 प्लॉट्स की कुल प्रीमियम धनराशि 174.38 करोड़ रुपए प्रति प्लॉट निर्धारित की गई है। इसी प्रकार, 1.05 लाख स्क्वेयर मीटर के 2 प्लॉट्स के लिए कुल प्रीमियम धनराशि 128.13 करोड़ रुपए प्रति प्लॉट निर्धारित की है।

स्कीम में बैंक ऑफ बड़ौदा निभा रहा बैंकिंग पार्टनर की भूमिका : इस परियोजना के आवेदन समेत बैंकिंग ऑपरेशंस को अंजाम देने के लिए यीडा ने बैंक ऑफ बड़ौदा से हाथ मिलाया है और वह बतौर एक्सक्लूसिव बैंकिंग पार्टनर परियोजना में हिस्सेदारी निभाएगा। उल्लेखीय है कि चाहें औद्योगिक प्लॉट्स की नीलामी हो या फिर ड्रॉ प्रक्रिया के जरिए निर्धारण हो, इन सभी को अंजाम देने के लिए लीस्ट ह्यूमन इंटरफियरेंस यानी मानवीय हस्तक्षेप की गुंजाइश न के बराबर रखी गई है। यीडा समेत सभी औद्योगिक विकास प्राधिकरणों में इसी व्यवस्था के जरिए आवेदकों का निर्धारण सफलतापूर्वक किया जा रहा है।