कोरोना टीकाकरण के लिए दो नई वैक्क्सीन जल्दी ही आएंगी

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लखनऊ। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने गुरुवार को विधान परिषद में राज्यपाल के अभिभाषण पर चर्चा करते हुए समाजवादी पार्टी (सपा) के सदस्यों की टोकाटाकी के बीच कोरोना महामारी से सूबे की जनता को बचाने के लिए किये गए प्रयासों का सिलसिलेवार जिक्र किया। मुख्यमंत्री ने कोरोना को इस सदी की सबसे बड़ी महामारी बताया। यह भी कहा कि दुनियां की सबसे बड़ी ताकतें भी इसके आगे पस्त हो गई। वहीं हमने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अगुआई और मार्ग निर्देशन में कोरोना के खिलाफ जंग का सफलता से सामना किया। यह एकजुटता अभूतपूर्व थी। इस एकजुट प्रयास के कारण आज उत्तर प्रदेश की नीतियों की सराहना विश्व स्वास्थ्य संगठन भी कर रहा है। कोरोना टीकाकरण में यूपी आज देश का सबसे बड़ा राज्य है। कोरोना टीकाकरण को लेकर दो वैक्सीन लोगों को लगाई जा रही हैं और जल्दी ही दो और नई वैक्सीन टीकाकरण के लिए मिल जायेगी।

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने गुरुवार को विधान परिषद में राज्यपाल के अभिभाषण के धन्यवाद प्रस्ताव पर जैसे ही बोलना शुरु किया, वैसे ही सपा सदस्यों ने टीका टिप्पणी। इस पर बहुत ध्यान ना देते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि संसदीय लोकतंत्र में सुनने की आदत होनी चाहिए। चिल्लाकर या शोर मचाते हुए सदन में हंगामा करने से लोकतंत्र मजबूत नहीं होता है। जनता की भलाई के कार्य करने से लोकतंत्र को मजबूती मिलती है। बहुत कुछ निर्भर करता है कि राजा कैसा है। राजा ही परिस्थितियों का निर्माण करता है। आगे बढ़कर नेतृत्व करता है। कोरोना में यह साबित भी हुआ।

यह दावा करते हुए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सदन में कहा कि आज हमारे पास देश में बनीं कोरोना की दो वैक्सीन हैं। दो और आने वाली हैं। अपने यहां टीकाकरण के साथ हम इसे मित्र देशों को भी मुहैया करा रहे हैं। इसके लिए हम प्रधानमंत्री समेत देश के वैज्ञानिकों का आभार जताते हैं। योगी ने कहा यही देश पहले भी था, लेकिन क्या होता है कोरोना काल में इसे देश-दुनिया ने देखा।

मुख्यमंत्री ने कहा मार्च 2020 में प्रदेश में जब कोरोना का पहला केस आया तब हमारे पास इसकी जांच एवं इलाज के संसाधन नहीं के बराबर थे। संसाधन जुटाने में केंद्र, आम नागरिक, जनप्रतिनिधि, कारपोरेट सोशल रिस्पांसबिलिटी (सीएसआर) के तहत उद्यमियों और स्वयंसेवी संगठनों ने दिल खोलकर मदद की। नतीजा सबके सामने है। आज रोज की हमारी टेस्ट क्षमता 2 लाख से अधिक की है। कोरोना इस जंग में सहयोग देने वाले सभी लोगों का मैं आभारी हूं। साथ ही संक्रमण से जिनकी दुःखद मौत हुई उनको मेरी श्रद्धांजलि। आज हमारे पास 2 लाख टेस्ट प्रतिदिन करने की क्षमता है। कोविड रोगियों के लिए 1.5 लाख बेड हैं। हर जिले में वेंटिलेटर हैं।

हमने आपदा को अवसर में बदला: कोरोना महामारी पर नियंत्रण करने के लिए उठाये गए इन कदमों का जिक्र करते हुए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा आपदा को अवसर में बदलते हुए हम न केवल कोरोना के खिलाफ सफल जंग लड़े, बल्कि इस दौरान भविष्य में ऐसी आपदा से लड़ने ओर प्रदेश की 24 करोड़ जनता को सस्ते में आधुनिक इलाज मुहैया कराने के लिए जमीनी स्तर पर स्वास्थ्य सुविधाओं को मजबूत किया है। आज 75 जिलों में वेंटिलेटर भी हैं। सेनेटाइजर मार्च में 500 रुपये में मिलता था, लेकिन बाद में हमने डिस्टलरियों को लगाया। खुद भी प्रयोग किया और 27 राज्यो को भी दिए। पीपीई किट बनाए। उत्पादन बड़ा तो कीमतें घटकर 200-250 रुपये में आ गई। इनको भी दूसरे राज्यों को भेजा गया।

बेहतर इलाज के साथ हमने हर जरूरतमंद की मदद की : मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कोरोना संकट के दौरान अन्य राज्यों से आये श्रमिकों को मुहैया कराई गई चिकित्सा सुविधाओं का भी जिक्र किया। मुख्यमंत्री ने कहा कि सूबे में लोगों को बेहतर इलाज मुहैया कराने के साथ संकट के उस दौर में सरकार ने पूरी संजीदगी से हर किसी की मदद की। राजस्थान की कांग्रेस सरकार के मदद के बिना कोटा में पढ़ रहे यूपी और बिहार के 14 हजार से अधिक बच्चों को सकुशल उनके घर तक पहुचाया। दूसरे प्रदेश से घर वापस आने वाले श्रमिकों के ससम्मान, सुरक्षित वापसी का बंदोबस्त किया। आने पर उनको भरण-पोषण भत्ता एवं राशन किट भी दी गई। इस दौरान हमने जाति, धर्म और क्षेत नहीं देखा। उत्तर प्रदेश से होकर जो भी गुजरा उसके खाने-पीने की व्यवस्था लोगों की मदद से की। हमारी नजर में आदमी की कोई जाति नहीं होती। लिहाजा उस दौरान जो भी उत्तर प्रदेश आया वो भूखा, प्यासा नही रहा, उसे स्थानीय लोगों की मदद से भोजन-पानी के साथ सम्मान और सुरक्षा भी मिली। मुख्यमंत्री ने कहा कि कोरोना संकट के दौरान यूपी में आये और यूपी से होकर अन्य राज्यों को गए करीब एक करोड़ लोगों के खाने पीने की व्यवस्था सरकार ने की।