श्री काशी विश्वनाथ धाम का निखरता स्वरूप

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वाराणसी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के ड्रीम प्रोजेक्ट श्री काशी विश्वनाथ धाम के निखरते स्वरूप को देख पाएंगे श्रद्धालु। शिवरात्रि पर काशी विश्वनाथ के दर्शन करने आने वाले शिव भक्त एलईडी पर निर्माणाधीन काशी कॉरिडोर की भव्यता देख सकेंगे। योगी आदित्यनाथ की निगरानी में कॉरिडोर का भव्य स्वरूप आकार ले रहा है।

सावन में बाबा के दर्शन नही हो पाने से महाशिवरात्रि पर अधिक भक्तों के जुटने की संभावना है। इस बार शिवरात्रि पर भक्तों को बाबा विश्वनाथ के दर्शन के साथ ही निर्माणाधीन श्री काशी विश्वनाथ धाम में चल रहे काम और निखर रहे कॉरिडोर में बाबा के भवनों का भी दर्शन कराया जायेगा। कॉरिडोर के निर्माण के शुरुआत में इसका कुछ लोगों ने यह कह कर विरोध किया था कि कॉरिडोर बनाने के लिए मंदिरों को तोड़ा जा रहा है। लेकिन लोगो के घरों में दबे कई ऐतिहासिक और धार्मिक महत्व वाले मंदिर जब सरकार जनता के सामने लाई तो लोगो को आश्चर्य हुआ। इस भव्य और ऐतिहासिक मंदिरों के स्वरूप के सामने आने से विश्वनाथ धाम का विरोध करने वालो के मुंह खुद ही बंद हो गए।

मोक्ष के द्वार मणिकर्णिका घाट और बाबा विश्वनाथ का धाम अब चंद दूरी पर होगा : भक्त गंगा में डुबकी लगाकर, गंगा जल लेकर सीधे बाबा विश्वनाथ को चढ़ा सकेंगे। करीब 50260 स्क्वायर मीटर में 339 करोड़ की लागत से काशी विश्वनाथ धाम मूर्त रूप लेता जा रहा है। मंदिर चौक के पास काशी विश्वनाथ धाम का भवन अंतिम रूप ले रहा है। अगस्त 2021 तक कॅरिडोर को पूरी तरह से मूर्तरूप देने की कोशिश भी की जा रही है। जिसकी तस्वीरे भी दिखने लगी हैं। कॉरिडोर में जन सुविधाओं की सारी व्यवस्थाएं मौजूद होगी।

कॉरिडोर में ऐसे संग्रहालय व अन्य व्यवस्थाएं होंगी जो काशी के इतिहास को बताएंगी उन्ही में से एक होगा म्यूज़ियम, जो काशी के कला, संस्कृति साहित्य और शिल्प के विशेषता को दुनिया के सामने रखेगा। निचले फ्लोर पर शौचालय और फायर फाइटर सहित पानी के टैंक रहेंगे। मंदिर चौक के पीछे काशी विश्वनाथ धाम के अंदर मुमुक्षु भवन का निर्माण कराया जा रहा है। जिसकी बिल्डिंग बन चुकी है। इस मुमुक्षु भवन में काशी में मोक्ष की कामना से आये लोग जीवन के अंतिम समय मे निवास करेंगे।शिवरात्रि में भक्त बाबा को स्पर्श नही कर पाएंगे। झांकी दर्शन की व्यवस्था होगी। इस मौके पर सुरक्षा के कड़े इंतजाम भी किये गए है।