आलोचनाओं को दरकिनार कर अपने काम में लगे हैं प्रधानमंत्री

विपक्ष की आलोचनाओं को दरकिनार कर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी चुपचाप अपने तीसरे कार्यकाल को सफल बनाने के अभियान में जुट गए हैं। शपथ ग्रहण के दिन गत 9 जून को पड़ोसी देशों के राष्ट्राध्यक्षों, शासनाध्यक्षों की उपस्थिति ने उनकी अब तक की सफल

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लखनऊ/नयी दिल्ली। विपक्ष की आलोचनाओं को दरकिनार कर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी चुपचाप अपने तीसरे कार्यकाल को सफल बनाने के अभियान में जुट गए हैं। शपथ ग्रहण के दिन गत 9 जून को पड़ोसी देशों के राष्ट्राध्यक्षों, शासनाध्यक्षों की उपस्थिति ने उनकी अब तक की सफल विदेश नीति का मुजाहिरा तो कर ही दिया था। इसके अलावा शपथ लेने के तुरंत बाद ही उन्होंने जी-7 देशों की बैठक के लिए इटली की यात्रा की। वैसे भारत इस ग्रुप का सदस्य नहीं है, फिर भी उसे पीएम मोदी के कार्यकाल से ही विशेष आमंत्रित सदस्य के रूप में आमंत्रित किया जा रहा है।

इस मीटिंग की खास बात यह रही कि वहां पहुंचते ही बैठक की मेजबान और इटली की प्रधानमंत्री जार्जिया मेलोनी ने भारतीय परंपरा अनुसार नमस्ते करके उनका स्वागत किया। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी वहां पर ग्रुप के सदस्य देशों के आकर्षण का प्रमुख केंद्र रहे। वहां पर अमेरिका, फ्रांस, ब्रिटेन, इटली आदि सदस्य देशों के नेता मौजूद थे लेकिन सब की तवज्जो मोदी पर रही। सभी के साथ मोदी की सफल और सम्मानजनक वार्ता हुई। मोदी ने इस दौरान वेटिकन सिटी के प्रमुख पोप से भी मुलाकात की। वेटिकन सिटी को भी एक स्वतंत्र राष्ट्र का दर्जा प्राप्त है। कुल मिलाकर मोदी की इटली यात्रा विदेश नीति के लिहाज से बहुत सफल रही।

इसके अलावा मोदी सरकार के शपथ ग्रहण समारोह में उपस्थित बांग्लादेश की प्रधानमंत्री शेख हसीना भी लगभग एक हफ्ते बाद ही फिर भारत के औपचारिक दौरे पर आईं। दोनों देशों के बीच बहुत सौहार्दपूर्ण बातचीत हुई। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उनका स्वागत करते हुए कहा कि शेख हसीना जी हमारे तीसरे कार्यकाल की पहली स्टेट गेस्ट हैं। इस रूप में उनका स्वागत करते हुए हमें खुशी हो रही है। इस दौरान दोनों देशों के बीच कई मुद्दों पर बहुत सार्थक बातचीत हुई। विदेश नीति के लिहाज से शेख हसीना का यह दौरा भी बहुत सफल माना गया। किसी राष्ट्राध्यक्ष का एक हफ्ते में दूसरा भारत दौरा अच्छा संदेश दे गया। शेख हसीना के इस दौरे से पाकिस्तान में बड़ी बेचैनी है। बता दें कि शेख हसीना का यह भारत दौरा उनके चीन दौरे के ठीक पहले हुआ है। इसे लेकर पाकिस्तान में तमाम तरह की चर्चाएं हैं।

नीट परीक्षा में गड़बड़ी को लेकर भी विपक्ष लगातार गदर मचाए हुए है। मामला सुप्रीम कोर्ट तक पहुंच गया है। पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस मामले में खुद चुप्पी साध रखी है। उन्होंने मोर्चे पर शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान और प्रवक्ताओं को लगा रखा है। सभी मुस्तैदी से विपक्ष के वार का जवाब दे रहे हैं। पेपर लीक और परीक्षा में गड़बड़ी रोकने के लिए मोदी कैबिनेट ने विशेष परीक्षा कानून लागू कर दिया है। इसमें जेल की सजा से लेकर आर्थिक दंड तक की व्यवस्था की गई है। इसके अतिरिक्त शिक्षा विभाग ने अपनी तरफ से मामले की उच्चस्तरीय जांच के लिए कमेटी बना दी है जो लगातार जांच कर रही है। दुर्योग से इसी दौरान यूजीसी नेट परीक्षा मैं भी गड़बडी मिली तो सरकार ने वह परीक्षा भी रद्द कर दी है। गड़बड़ी की आशंका के चलते ही यूजीसी नेट-पीजी की प्रवेश परीक्षा भी स्थगित कर दी गई है। परीक्षा की तिथियां बाद में घोषित की जाएंगी। गड़बड़ी के आरोपों के चलते ही शिक्षा मंत्री ने एनटीए के महानिदेशक को हटाकर उनकी जगह नई नियुक्ति भी कर दी है। इस मामले में शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने ट्वीट करके बताया है कि हाई लेवल कमेटी का गठन करके, नकल विरोधी लोक परीक्षा कानून लाकर हमने अपनी अच्छी नीयत का परिचय दिया है। छात्रों को भी परेशान होने की जरूरत है। हम उनके हितों का ख्याल रखेंगे ये हमारी सरकार की प्राथमिकता पर है।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के कार्यकाल में ही कुवैत से भारत के अच्छे रिश्ते बन गए थे। इसी के चलते ही भारतीय समुदाय के निवेदन पर कुवैत के शेख ने मंदिर बनाने के लिए मुफ्त जमीन दी थी। इस्कान ने वहां पर भव्य मंदिर बनाया है। इसका उद्घाटन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने दूसरे कार्यकाल के अंतिम दिनों में किया था। इस मंदिर के बनने के बाद इसकी चर्चा भारत से ज्यादा पाकिस्तान में रही। उसे ये बात पच ही नहीं रही थी कि किसी मुस्लिम देश में कोई हिंदू मंदिर कैसे बन सकता है। किंतु यह मोदी की सफल विदेश नीति के चलते संभव हो ही गया। इधर अभी हाल ही में कुवैत की एक बिल्डिंग में लगी आग की घटना में लगभग 50 भारतीयों की मौत हो गई थी। इस मामले में भी कुवैत ने भारतीय अधिकारियों का बहुत सहयोग किया और भारतीयों के शव लाने और मामले की जांच में बहुत मदद की।

इसके अलावा हाल ही में हज के लिए अरब गए बहुत से भारतीयों के तेज गर्मी के कारण मौत के मामले में भी अरब सरकार ने भारतीय सरकार की बड़ी मदद की। वहां मौत की आगोश में चले गए भारतीयों के शवों की पहचान कराकर भारत ले आने में विदेश मंत्रालय ने भी लगातार मेहनत की। मोदी सरकार ने इस मामले को बहुत संवेदनशीलता से लिया है।

अभयानंद शुक्ल
राजनीतिक विश्लेषक