अब देश की हर पंचायत में स्थापित होगा मौसम केंद्र

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हर पंचायत में स्थापित होगा मौसम केंद्र.. उत्तर प्रदेश सहित देश के बाईस राज्यों पर फोकस करते हुए प्रत्येक ग्राम पंचायत में मौसम केंद्र बनाने की योजना पर तेजी से काम चल रहा है। केंद्र सरकार फसलों के लिए किसानों को वर्षा, तापमान, नमी , तूफान और आंधी आदि के बारे में ताजा सूचनाएं उपलब्ध कराने के उद्देश्य से यह योजना शुरू करेगी। ताकि प्राकृतिक आपदाओं से होने वाली हानियों से फसलों और किसानों को सुरक्षित रखा जा सके।

ध्यान दिला दें – केंद्र सरकार ने वर्ष 2016 में प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना (पीएमएफबी वाई) प्रारंभ की थी। अब राष्ट्रीय स्तर पर इस योजना से जुड़े सत्रह करोड़ किसान फायदा उठा रहे हैं। किसान अबतक 26 हजार करोड़ रुपए का बीमा प्रीमियम का भुगतान कर चुके हैं। पीएमएफबीवाई के लिए चालू वित्तीय वर्ष 2023_24 में घटाकर 13 हजार 625 करोड़ रुपए आवंटित किए हैं जबकि 2021_22 में इस योजना के लिए 16 हजार करोड़ रुपए और 2022_23 में घटाकर 15 हजार 500करोड़ रुपए कर दिए थे। इस योजना में दो दर्जन बीमा कंपनियां सक्रिय थीं लेकिन भुगतान समस्याओं के कारण कई कंपनियां योजना से अलग हो गईं हैं।

ताजा जानकारी मिली है कि प्रत्येक पंचायत में मौसम केंद्र की स्थापना के लिए संबंधित राज्य भूमि, बुनियादी ढांचा और आवश्यक सेवाएं मुहैया कराएगा। प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना (पीएमएफबीवाई) के अंतर्गत पंचायत मौसम केंद्र योजना शुरू की जाएगी। प्रत्येक पंचायत मौसम केंद्र को सीधे राष्ट्रीय स्तर पर ‘मौसम सूचना नेटवर्क डेटा सिस्टम’ (डब्ल्यूआईएनडीएस) से कनेक्ट किया जाएगा। केंद्र सरकार पंचायत मौसम केंद्रों में एकत्रित डेटा को पांच वर्षों तक खरीदेगी और इसके एवज में सालाना 300 करोड़ रुपए का भुगतान किया जाएगा।

पंचायत मौसम केंद्रों में लगाए जाने वाले आटोमेटिक रेन गेज (एआरजी) यंत्रों नेशनल एक्रिडिटेशन से मान्यता प्राप्त फर्मों से ही खरीदा जाएगा। पंचायत मौसम केंद्रों को क्वालिटी कौंसिल ऑफ इंडिया के निर्धारित मानकों के अनुरूप डेट को गुणवत्तापरक रखना अनिवार्य होगा।

प्रणतेश बाजपेयी