जानिए आखिर गणेशजी को क्यों प्रिय हैं मोदक के साथ कैथ और जामुन

0
2389

गणेश चतुर्थी आज 10 सितंबर 2021 को मनाई जाएगी। 11 दिन तक चलने वाले इस पर्व पर भक्त घर और मंडप में गणेश जी मूर्ति स्थापित कर 11 दिन तक उनकी सेवा करते हैं और अनंत चतुर्दशी के दिन मूर्ति का विसर्जन किया जाता है। भगवान गणेश की मूर्ति जब घर में लाई जाती है, तो नियम और पूरी निष्ठा के साथ पूजा की जाती है। बप्पा का हर रूप मंगलकारी और विघ्ननाशक है।

मूर्ति लेते समय कुछ बातों का ध्यान रखना चाहिए। जैसे कि गणेश जी की प्रतिमा में उनका वाहन मूषक जरूर होना चाहिए। गणेश जी आशीर्वाद मुद्रा में और उनके एक हाथ में मोदक भी होना चाहिए। गणेश जी की सूंड बाईं तरफ होनी चाहिए, ऐसी मूर्ति को वक्रतुंड कहा जाता है। गणेश जी सूंड उत्तर दिशा में होने से सभी मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं।
जहां तक हो मिट्टी की मूर्ति ही घर में स्थापित करनी चाहिए। इस बार बाजार में आई अधिकांश मूर्तियां ईको फ्रेंडली हैं, इनसे पर्यावरण को कोई नुक्सान नहीं होता है, जो दस मिनट में ही पानी में घुल जाती है।

गणेश जी ने अपने माता-पिता की परिक्रमा शुरू कर परिक्रमा की शुरुआत की थी। इसलिए सभी अनुष्ठानों में गणेश जी को सर्वप्रथम पूजा जाता है। उन्हें मोदक यानि लड्डू प्रिय हैं। शुभ अवसर पर मिठाई खिलाने की परम्परा आज भी है और पहले भी थी। मिठाई ज्यादा खाने से मधुमेह यानि डायबिटीज पहले भी होता था और आज भी होता है। मनुष्यों में ही नहीं, देवताओं को भी। गणेश जी पहले पूजेंगे, तो मिठाई भी पहले उन्हें ही मिलेगी। देवताओं में मधुमेह होने का पहला प्रमाण गणेश जी में ही मिलता है।

हमारी देव-स्तुतियों में औषधियों का जिक्र है। प्रथम मधुमेह के प्रमाण गणेश जी की स्तुति में मधुमेह की औषधि का जिक्र न हो। यह कैसे हो सकता हैॽ

गजाननं भूतगणाधिसेवितं
कपित्थजम्बूफल चारुभक्षणमं
उमासुतं शोकविनाशकारकं
नमामि विघ्नेश्वरपादपंकजमं।।

भूतों के समूहों द्वारा अत्याधिक सेवा किए, कैध और जामुन के फलों को रुचि पूर्वक खाने वाले, शोक का नाश करने वाले, विघ्नों को दूर करने वाले, उमा के पुत्र भगवान गणपति के चरणों में मैं प्रणाम करता हूं। आप कितना भी मिष्ठान खाए, मधुमेह नहीं होगा। बशर्ते जामुन का फल खाते रहें। इसलिए गणेश जी खूब मोदक यानि लड्डू खाते हैं और कैथ एवं जामुन भी। कहते हैं कि गणेशजी के मधुमेह को कैथ और जामुन ने ही ठीक किया था।